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रायपुर दक्षिण विधानसभा का दंगल, बृजमोहन अग्रवाल के बिना बीजेपी के लिए कितना मुश्किल होगा चुनाव ? - Brijmohan Agarwal in Raipur South

BJP fight without Brijmohan छत्तीसगढ़ में बीजेपी इन दिनों कांग्रेस की चुनौतियों का सामना कर रही है. लोकसभा में इस बार बीजेपी ने 400 पार का नारा दिया था. लेकिन इस नारे के करीब तक भी पार्टी नहीं पहुंच सकी. अब परिणाम के बाद राज्य के कामकाज पर चर्चा शुरू हुई है.प्रदेश में अगले कुछ महीनों बाद निकाय चुनाव है.ऐसे में बीजेपी के लिए निकाय चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करना सबसे बड़ी चुनौती होगी. वहीं लोकसभा चुनाव के बाद अब एक बार फिर रायपुर के दक्षिण विधानसभा में चुनाव की तैयारियां शुरु हो चुकी हैं.Raipur South Assembly elections

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jul 12, 2024, 7:50 PM IST

BJP fight without Brijmohan
बृजमोहन अग्रवाल के बिना बीजेपी के लिए कितना मुश्किल (ETV Bharat Chhattisgarh)

रायपुर : रायपुर दक्षिण विधानसभा के विधायक बृजमोहन अब सांसद बन चुके हैं. सीट खाली हुई है तो नगर निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव के दौरान ही इस सीट पर चुनाव हो सकते हैं. ऐसे में बीजेपी के लिए रायपुर दक्षिण एक बड़ा प्रश्न बनकर खड़ा हो चुका है. क्योंकि चुनाव की तारीख का ऐलान होने से पहले ही दक्षिण विधानसभा में कांग्रेस की जमानत जब्त होने का दावा करने लग गए हैं.

जिनके नाम सामने आए वो नकारे हुए चेहरे : इस बारे में बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता अनुराग अग्रवाल का कहना है कि 2023 के विधानसभा चुनाव में बृजमोहन अग्रवाल ने रायपुर दक्षिण से 67 हजार से अधिक रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की थी. लोकसभा चुनाव में बृजमोहन अग्रवाल की प्रचंड जीत में रायपुर दक्षिण का 90 हजार से अधिक वोटों का योगदान है.कांग्रेस ने रायपुर दक्षिण के संभावित प्रत्याशियों की एक बैठक की थी लेकिन लगता है कि कांग्रेस के पास सिर्फ नकारे हुए चेहरे के अलावा कोई नहीं है.

कांग्रेस की जब्त होगी जमानत : अनुराग अग्रवाल की माने तो अभी जिनके नाम उस क्षेत्र से सामने आ रहे हैं यदि एजाज ढेबर की बात की जाए तो 5 साल उनके कार्यकाल रायपुर शहर की जनता ने देखा है ,कितने विनाशकार्य हुए हैं.

'' कांग्रेस की सरकार में भ्रष्टाचार के नए-नए रिकॉर्ड बने हैं. जिस प्रकार से ध्रुवीकरण हुआ है जनता उन्हें अच्छे से समझती है. वहीं यदि प्रमोद दुबे की बात किया तो सुनील सोनी से 3.5 लाख मतों से हार चुके हैं. लगता है कांग्रेस के पास अब कोई चेहरे नहीं बचे हैं इस बार कांग्रेस फिर रायपुर दक्षिण में अपनी जमानत जब्त करवाएगी.''- अनुराग अग्रवाल, बीजेपी प्रवक्ता

दावेदार नहीं तलाश पा रही कांग्रेस : रायपुर दक्षिण को लेकर प्रवक्ता अमित चिमनानी ने कहा कि कांग्रेस को तो आज प्रत्याशी ही नहीं मिल रहे हैं. कोई भी वहां से दावेदार होना नहीं चाहता है. क्योंकि सबको पता है कि कि दक्षिण विधानसभा से जो भी दावेदार होगा कांग्रेस का उसका करियर चौपट होगा. इसलिए अब कांग्रेस वहां का दावेदार नहीं ढूंढ़ पा रही.

रायपुर दक्षिण विधानसभा का दंगल (ETV Bharat Chhattisgarh)


बीजेपी देख रही है सपना, बृजमोहन पैसों से जीतते थे चुनाव : इस बीच सवाल यही उठ रहा है कि चुनाव की तारीखों में अभी देर है लेकिन उसके बाद भी कांग्रेस पर बीजेपी हमलावर क्यों है. वही बीजेपी के इस बयान पर पलट वार करते हुए कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रदेश अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला का कहना है कि बीजेपी मुगालते में है. बीजेपी प्रत्याशी इस बार रायपुर दक्षिण विधानसभा से नहीं जीतेगा, कांग्रेस का प्रत्याशी वहां का विधायक बनेगा. 6 महीने में जो उन्होंने जनता से वादा खिलाफी की है, 6 महीने में कोई सरकार आलोक प्रिय हो सकती है, उसकी नजीर है छत्तीसगढ़ की विष्णु देव साय सरकार.

''छत्तीसगढ़ में लगातार कानून व्यवस्था बिगड़ रही है, लगातार हत्याएं डकैती बलात्कार हो रहे हैं. इससे जनता त्रस्त हो चुकी है. जनता बीजेपी के खिलाफ मतदान करने का मन बना चुकी है. बृजमोहन अग्रवाल बहुत बड़े सेठ थे और चुनाव में उनका पैसा काम आता था.लेकिन इस बार जनता बीजेपी को सबक सिखाएगी.'' सुशील आनंद शुक्ला, प्रदेश अध्यक्ष मीडिया विभाग कांग्रेस

रायपुर दक्षिण बन चुकी है चुनौती : वहीं रायपुर दक्षिण की सीट बीजेपी के लिए क्यों चुनौती है. इस पर राजनीति के जानकार एवं वरिष्ठ पत्रकार उचित शर्मा का कहना है कि बीजेपी के लिए सबसे बड़ी चुनौती यही है कि इस बार रायपुर दक्षिण विधानसभा से बृजमोहन अग्रवाल चुनाव में नहीं है. बृजमोहन की जगह किसे लाया जाए ये अपने आप में बड़ा सवाल है.

'' इस चुनाव में यह भी देखना महत्वपूर्ण होगा कि बृजमोहन की जगह पार्टी किसे टिकट देती है, क्या वह बृजमोहन का करीबी होगा या फिर कोई और, या फिर उनसे पूछकर टिकट दिया जाएगा. क्योंकि इस बार इस क्षेत्र से बृजमोहन अग्रवाल चुनाव नहीं बल्कि पार्टी चुनाव लड़ रही है.इस सीट से अंतिम कांग्रेसी विधायक स्वरूप चंद्र जैन थे. उसके बाद से 34- 35 साल से आठ बार से यह सीट बीजेपी के पास है. इसलिए बीजेपी सीट को बचाने का पूरा प्रयास करेगी.'' उचित शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार

वही दूसरी कांग्रेस को लेकर उचित शर्मा ने कहा कि कांग्रेस की पूरी कोशिश होगी कि इस बार इस सीट पर वह जीत हासिल करें. क्योंकि इस बार बृजमोहन इस सीट पर चुनाव नहीं लड़ रहे हैं ,तो 35 साल बाद उनके लिए एक मौका है कि अपनी जीत वे सुनिश्चित कर सकें.इसलिए इस बार यह चुनाव कोई कांग्रेस का एक कैंडिडेट नहीं बल्कि पूरी कांग्रेस लड़ेगी. यही वजह है कि इस बार दोनों ही दल रायपुर दक्षिण विधानसभा में अपनी पूरी ताकत झोकेंगे.

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जिनके नाम सामने आए वो नकारे हुए चेहरे : इस बारे में बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता अनुराग अग्रवाल का कहना है कि 2023 के विधानसभा चुनाव में बृजमोहन अग्रवाल ने रायपुर दक्षिण से 67 हजार से अधिक रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की थी. लोकसभा चुनाव में बृजमोहन अग्रवाल की प्रचंड जीत में रायपुर दक्षिण का 90 हजार से अधिक वोटों का योगदान है.कांग्रेस ने रायपुर दक्षिण के संभावित प्रत्याशियों की एक बैठक की थी लेकिन लगता है कि कांग्रेस के पास सिर्फ नकारे हुए चेहरे के अलावा कोई नहीं है.

कांग्रेस की जब्त होगी जमानत : अनुराग अग्रवाल की माने तो अभी जिनके नाम उस क्षेत्र से सामने आ रहे हैं यदि एजाज ढेबर की बात की जाए तो 5 साल उनके कार्यकाल रायपुर शहर की जनता ने देखा है ,कितने विनाशकार्य हुए हैं.

'' कांग्रेस की सरकार में भ्रष्टाचार के नए-नए रिकॉर्ड बने हैं. जिस प्रकार से ध्रुवीकरण हुआ है जनता उन्हें अच्छे से समझती है. वहीं यदि प्रमोद दुबे की बात किया तो सुनील सोनी से 3.5 लाख मतों से हार चुके हैं. लगता है कांग्रेस के पास अब कोई चेहरे नहीं बचे हैं इस बार कांग्रेस फिर रायपुर दक्षिण में अपनी जमानत जब्त करवाएगी.''- अनुराग अग्रवाल, बीजेपी प्रवक्ता

दावेदार नहीं तलाश पा रही कांग्रेस : रायपुर दक्षिण को लेकर प्रवक्ता अमित चिमनानी ने कहा कि कांग्रेस को तो आज प्रत्याशी ही नहीं मिल रहे हैं. कोई भी वहां से दावेदार होना नहीं चाहता है. क्योंकि सबको पता है कि कि दक्षिण विधानसभा से जो भी दावेदार होगा कांग्रेस का उसका करियर चौपट होगा. इसलिए अब कांग्रेस वहां का दावेदार नहीं ढूंढ़ पा रही.

रायपुर दक्षिण विधानसभा का दंगल (ETV Bharat Chhattisgarh)


बीजेपी देख रही है सपना, बृजमोहन पैसों से जीतते थे चुनाव : इस बीच सवाल यही उठ रहा है कि चुनाव की तारीखों में अभी देर है लेकिन उसके बाद भी कांग्रेस पर बीजेपी हमलावर क्यों है. वही बीजेपी के इस बयान पर पलट वार करते हुए कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रदेश अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला का कहना है कि बीजेपी मुगालते में है. बीजेपी प्रत्याशी इस बार रायपुर दक्षिण विधानसभा से नहीं जीतेगा, कांग्रेस का प्रत्याशी वहां का विधायक बनेगा. 6 महीने में जो उन्होंने जनता से वादा खिलाफी की है, 6 महीने में कोई सरकार आलोक प्रिय हो सकती है, उसकी नजीर है छत्तीसगढ़ की विष्णु देव साय सरकार.

''छत्तीसगढ़ में लगातार कानून व्यवस्था बिगड़ रही है, लगातार हत्याएं डकैती बलात्कार हो रहे हैं. इससे जनता त्रस्त हो चुकी है. जनता बीजेपी के खिलाफ मतदान करने का मन बना चुकी है. बृजमोहन अग्रवाल बहुत बड़े सेठ थे और चुनाव में उनका पैसा काम आता था.लेकिन इस बार जनता बीजेपी को सबक सिखाएगी.'' सुशील आनंद शुक्ला, प्रदेश अध्यक्ष मीडिया विभाग कांग्रेस

रायपुर दक्षिण बन चुकी है चुनौती : वहीं रायपुर दक्षिण की सीट बीजेपी के लिए क्यों चुनौती है. इस पर राजनीति के जानकार एवं वरिष्ठ पत्रकार उचित शर्मा का कहना है कि बीजेपी के लिए सबसे बड़ी चुनौती यही है कि इस बार रायपुर दक्षिण विधानसभा से बृजमोहन अग्रवाल चुनाव में नहीं है. बृजमोहन की जगह किसे लाया जाए ये अपने आप में बड़ा सवाल है.

'' इस चुनाव में यह भी देखना महत्वपूर्ण होगा कि बृजमोहन की जगह पार्टी किसे टिकट देती है, क्या वह बृजमोहन का करीबी होगा या फिर कोई और, या फिर उनसे पूछकर टिकट दिया जाएगा. क्योंकि इस बार इस क्षेत्र से बृजमोहन अग्रवाल चुनाव नहीं बल्कि पार्टी चुनाव लड़ रही है.इस सीट से अंतिम कांग्रेसी विधायक स्वरूप चंद्र जैन थे. उसके बाद से 34- 35 साल से आठ बार से यह सीट बीजेपी के पास है. इसलिए बीजेपी सीट को बचाने का पूरा प्रयास करेगी.'' उचित शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार

वही दूसरी कांग्रेस को लेकर उचित शर्मा ने कहा कि कांग्रेस की पूरी कोशिश होगी कि इस बार इस सीट पर वह जीत हासिल करें. क्योंकि इस बार बृजमोहन इस सीट पर चुनाव नहीं लड़ रहे हैं ,तो 35 साल बाद उनके लिए एक मौका है कि अपनी जीत वे सुनिश्चित कर सकें.इसलिए इस बार यह चुनाव कोई कांग्रेस का एक कैंडिडेट नहीं बल्कि पूरी कांग्रेस लड़ेगी. यही वजह है कि इस बार दोनों ही दल रायपुर दक्षिण विधानसभा में अपनी पूरी ताकत झोकेंगे.

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