अयोध्या: यूपी की मिल्कीपुर विधानसभा सीट के उपचुनाव को लेकर भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी है. बीजेपी ने चंद्रभानु पासवान को अपना उम्मीदवार बनाया है. लेकिन, उनको उम्मीदवार बनाते ही अयोध्या भाजपा में खटपट शुरू हो गई है. चंद्रभानु पासवान के नामांकन के बाद कुछ नेताओं में टिकट न मिलने को लेकर नाराजगी बनी हुई है. जिसके चलते वे जनसभा और नामांकन में शामिल नहीं हुए.
मिल्कीपुर विधानसभा सीट के उपचुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी में आंतरिक नाराजगी को दूर करने के लिए प्रभारी मंत्री और मंत्री स्वतंत्र देव सिंह लगातार नाराज लोगों को मनाने में जुट गए हैं. गुरुवार की देर शाम मंत्री स्वतंत्र देव सिंह और प्रभारी मंत्री सूर्य प्रताप शाही, पूर्व विधायक गोरखनाथ बाबा और राधेश्याम के आवास पर पहुंचे. उनसे मुलाकात कर नाराजगी दूर करने का प्रयास किया.
मिल्कीपुर से प्रबल दावेदारी के रूप में पूर्व विधायक गोरखनाथ बाबा का नाम शामिल था. इसको लेकर गोरखनाथ बाबा ने पहले से ही तैयारी कर रखी थी. कई बड़े आयोजन और सरकार की योजनाओं के लिए कार्य भी कर रहे थे. लेकिन, मकर संक्रांति की शाम उम्मीदवार के रूप में चंद्रभानु पासवान की घोषणा के बाद से काफी नाराजगी बनी हुई है.
बता दें कि मिल्कीपुर सीट को लेकर योगी सरकार की साख दांव पर लगी हुई है. यहां पर जीत दिलाने के लिए प्रदेश के 6 बड़े नेताओं को जिम्मेदारी दी गई है. नामांकन के दौरान प्रत्याशी के समर्थन में प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह, जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही सहित 6 मंत्री शामिल हुए थे. लेकिन, मिल्कीपुर के ही कई बड़े चेहरों ने आयोजन से किनारा किया हुआ था.
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