नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी ने अपने 31 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है. यह प्रत्याशी चुनाव प्रचार में जुट गए हैं. वहीं बीजेपी और कांग्रेस अभी रणनीति बनाने में ही जुटी है. आम आदमी पार्टी के खिलाफ सियासी प्रयोग में जुटी भाजपा इस बार कई मुद्दों पर एक साथ विनिंग फार्मूला पर काम कर रही है. दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीख का ऐलान जनवरी के पहले सप्ताह में होने की संभावना है. उससे पहले बीजेपी इसी महीने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी करने की तैयारी में है, ताकि वे चुनाव प्रचार शुरू कर सकें.
दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा की इस चुनाव में भूमिका अहम है. इसके साथ ही वह पूर्वी दिल्ली की किसी एक विधानसभा सीट से प्रत्याशी हो सकते हैं, इस स्थिति में पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर दिल्ली के सातों सांसदों में से किसी को कार्यभार दिया जा सकता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मनोज तिवारी की मुलाकात हुई है, इससे इस बात को और बल मिल गया है.
सत्ता विरोधी लहर का फायदा उठाना चाहती है भाजपा: आम आदमी पार्टी प्रचंड बहुमत के साथ लगातार 10 साल तक सत्ता में रही है. वहीं, इस बार आप के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी को देखते हुए बीजेपी इसका फायदा उठाने की कोशिश में है. बीजेपी विधायक और विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता के अनुसार दिल्ली में पैटर्न बदल गया है. पार्टी के आंतरिक सर्वे के अनुसार अगर आज चुनाव होते हैं तो बीजेपी को 50 फीसद से ज्यादा वोट शेयर होगा. वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में 38 फीसद से ज्यादा वोट हासिल करने के बाद बीजेपी लोकसभा चुनाव में दिल्ली में 50 फीसद का आंकड़ा पार कर चुकी है.
दिल्ली बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता कहते हैं;''दिल्ली में हमारा वोट प्रतिशत लगातार 30-35 फीसद रहा है. लेकिन आम आदमी पार्टी दिल्ली में विधानसभा चुनाव जीती रही है. दिल्ली चुनाव में उसे दिल्ली के 40 फीसद से ज्यादा वोट शेयर मिलता रहा. लेकिन अब पिछले एमसीडी चुनाव में यह पैटर्न बदल गया है. कांग्रेस दिल्ली में बढ़त हासिल कर रही है. इसका फायदा पार्टी को मिलेगा.''
इन मुद्दों पर AAP को घेरेगी भाजपा: बीजेपी इस विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी सरकार की करतूत को उजागर करना चाहती है. पानी की खराब गुणवत्ता, बढ़े हुए बिजली बिल, प्रदूषित यमुना नदी का पानी, दिल्ली में प्रदूषण जैसे मुद्दे बीजेपी के चुनावी अभियान के फोकस में रहेंगे. आम आदमी पार्टी योजनाएं लागू करने से पहले राजस्व के बारे में नहीं सोचती. लेकिन केंद्र सरकार जब कोई योजना लागू करती है तो उसका ऐलान करने से पहले उसका बजट का आकलन करती है. बीजेपी शासित उड़ीसा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा और महाराष्ट्र में अभी यही हुआ है, दिल्ली में इसे ध्यान में रखते हुए पार्टी घोषणा पत्र तैयार करने का काम कर रही है.
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