लखनऊ : लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी के शाहजहांपुर से सांसद अरुण सागर ने बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक कांशीराम को भारत रत्न देने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा, कि दलित समाज के उत्थान में कांशीराम का बहुत बड़ा योगदान रहा है. उन्हें भारत रत्न मिलना चाहिए. मैं सरकार से अनुरोध करता हूं कि कांशीराम को भारत रत्न दिया जाए. बीजेपी सांसद की इस मांग पर बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा है, कि बीजेपी सांसद की इस मांग का स्वागत है. अगर सरकार कांशीराम को भारत रत्न देती है तो बीएसपी स्वागत करेगी, लेकिन सिर्फ राजनीति के लिए बयानबाजी न की जाए. दलितों को गुमराह न किया जाए.
यूपी बीजेपी के एक दलित सांसद द्वारा बीएसपी के जन्मदाता व संस्थापक मान्यवर श्री कांशीराम जी को भारतरत्न की उपाधि देने की माँग करने की वजाय केन्द्र की सत्ता में अपनी सरकार से इसे तुरन्त दिलवाये जिसका बीएसपी भी दिल से स्वागत करेगी, वरना इसकी आड़ में दलितों को गुमराह करना बंद करें।
— Mayawati (@Mayawati) July 26, 2024
बीएसपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट किया, कि यूपी बीजेपी के एक दलित सांसद ने बीएसपी के जन्मदाता और संस्थापक कांशीराम को भारतरत्न की उपाधि देने की मांग करने की बजाय केंद्र की सत्ता में अपनी सरकार से इसे तुरन्त दिलवाएं. इस कदम का बीएसपी भी दिल से स्वागत करेगी, वरना इसकी आड़ में दलितों को गुमराह करना बंद करें.
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने केंद्र सरकार के बजट पर भी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. कहा कि एनडीए सरकार की तरफ से संसद में पेश बजट में भी देश और आमजनहित से अधिक राजनीतिक स्वार्थ के तहत विभिन्न राज्यों के बीच भेदभाव, पक्षपात और असंतुलन बढ़ाने के विरुद्ध आक्रोश और विरोध स्वाभाविक है.
यह भी पढ़े-BJP सांसद अरुण सागर ने संसद में कांशीराम को भारत रत्न देने की मांग
हालांकि, केंद्र का ऐसा सौतेला व्यवहार आज कोई नई बात नहीं है. बीएसपी ने भी यूपी में इसे झेला है. केन्द्रीय बजट से दुखी/पीड़ित गैर-भाजपा शासित राज्यों ने इसको लेकर नीति आयोग की बैठक में भाग नहीं लेने का निर्णय लिया है, यूपी जैसी विशाल आबादी वाले गरीब और पिछड़े राज्य पर बजट में समुचित ध्यान नहीं देना भी कितना उचित है. केन्द्र को देश व जनहित को सर्वोपरि रखना जरूरी होना चाहिए.
बता दें, कि केंद्र सरकार के अंतरिम बजट में बिहार और आंध्र प्रदेश को भारी भरकम बजट देने के बाद अन्य राज्यों के विपक्षी दल लगातार केंद्र सरकार के बजट पर सवाल खड़े कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश के सभी विपक्षी राजनीतिक दल यूपी को बजट में कुछ न मिलने की बात कहकर सरकार को घेर रहे हैं.