जयपुर. लोकसभा चुनाव भले ही अभी दूर हो, लेकिन प्रदेश में बयानों के जरिए सियासी पारा गरमाया हुआ है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने प्रदेश की भजनलाल सरकार को पर्ची की सरकार करार दिया, तो भाजपा प्रदेश प्रवक्ता लक्ष्मीकांत भारद्वाज ने पलटवार किया. भारद्वाज ने कहा कि "डोटासरा की पर्ची तो गहलोत पहले ही निकाल चुके हैं. जब शिक्षकों ने डोटासरा की ओर इशारा कर कहा, कि हां हमें ट्रांसफर की एवज में पैसा देना पड़ता है. भजनलाल शर्मा आम आदमी के मुख्यमंत्री हैं, उन पर आधारहीन बातें करके कांग्रेस खुद का ही नुकसान कर रही है."
शिक्षकों ने सीएम से सामने खोली पोल : लक्ष्मीकांत भारद्वाज ने कहा कि जब से प्रदेश में भजनलाल शर्मा की सरकार बनी है, तब से कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद डोटासरा बार-बार पर्ची की सरकार का जिक्र कर रहे हैं. क्या वो उस ऐतिहासिक घटना को भूल गए, जब पिछली कांग्रेस सरकार के समय बिड़ला ऑडिटोरियम में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पर्ची निकाल दी थी. पूर्व सीएम गहलोत ने सम्मानित होने वाले शिक्षकों से सवाल किया था कि ट्रांसफर के पैसे तो नहीं देने होते, तब गहलोत के सामने ही शिक्षकों ने तत्कालीन शिक्षा मंत्री और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद डोटासरा की ओर से इशारा करते हुए कहा था, कि "हां हमें ट्रांसफर के लिए पैसा देना पड़ता है." यह है कांग्रेस का चरित्र. आज वही डोटासरा भाजपा सरकार पर मनगढ़ंत आरोप लगा रहे हैं. कांग्रेस सरकार में हर महीने आईएस और आईपीएस अधिकारियों की ट्रांसफर लिस्ट आया करती थी, कई अधिकारियों के तो पांच साल में दर्जनभर से ज्यादा ट्रांसफर किए गए. राज्य में एक तबादला उद्योग स्थापित कर दिया गया था.
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सीएम भजन लाल की छवि आम आदमी जैसी : भारद्वाज ने कहा कि राज्य की भाजपा सरकार मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में पीएम मोदी की गारंटियों को पूरा करने के लिए रात दिन काम कर रही है. राज्य के हित में मोदी की कई गारंटियों को अब तक पूरा किया जा चुका है. आज राज्य के मुख्यमंत्री की छवि आम आदमी के मुख्यमंत्री की बन चुकी है. करारी हार के सदमें में डूबी कांग्रेस मुख्यमंत्री और सरकार पर आधारहीन बातें करके अपना ही नुकसान कर रही है. भारद्वाज ने कहा कि डोटासरा को याद रखना चाहिए कि पिछली कांग्रेस सरकार के समय उनके मुख्यमंत्री और मंत्रियों पर किस तरह उन्ही के विधायकों ने भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे. प्रदेश में अराजकता, भ्रष्टाचार, पेपर लीक, महिलाओं, किसानों और दलितों के खिलाफ हर दिन अत्याचार की खबरें सुनने को मिलती थी. सचिवालय की अलमारियों में सोना और नकदी पकड़ी गई, जो कि अभी तक के इतिहास में पहली बार देखने को मिला था.