टोंक : देवली-उनियारा सीट पर अपने नाम की घोषणा के बाद भाजपा प्रत्याशी राजेंद्र गुर्जर ने कहा कि पार्टी ने उन्हें प्रत्याशी बनाया है, लेकिन ये पार्टी कार्यकर्ताओं की बदौलत संभव हो सका है. आगे उन्होंने कहा कि उनके क्षेत्र में राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट का कोई प्रभाव नहीं है. ऐसे में भाजपा अपने मजबूत संगठन और कार्यकर्ताओं के बदौलत इस सीट को जीतेंगी.
राजेंद्र गुर्जर का 1974 में टोंक में जन्म हुआ. उन्होंने स्नातक तक शिक्षा अर्जित की. वहीं, शुरू से ही उनका झुकाव आरएसएस में रहा. वो 2000 से 2005 तक गुर्जर महासभा के जिलाध्यक्ष भी रहे. इसके अलावा 2006 में भाजपा युवा मोर्चा की प्रदेश कार्यसमिति के अध्यक्ष बने. उसके बाद 2007 में युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष बने. इतना ही नहीं 2012 से 2018 तक भगवान देवनारायण मंदिर जोधपुरिया ट्रस्ट के भी अध्यक्ष रहे. साथ ही 2013 में भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें देवली उनियारा से चुनाव में उतारा और वो 2013 के चुनाव में विजय भी हुए.
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वहीं, 2018 में एक बार फिर पार्टी ने उन्हें टिकट दिया, लेकिन वो चुनाव हार गए. पिछले 27 सालों से राजेंद्र गुर्जर निरंतर आरएसएस में सक्रिय हैं. 1990 से 1994 तक उन्होंने विद्यार्थी परिषद में कार्य करते हुए टोंक में गुर्जर आंदोलन के दौरान जिले का नेतत्व किया था.
बात अगर देवली-उनियारा विधानसभा सीट की करें तो यहां वर्तमान में कुल 3 लाख 2 हजार 721 मतदाता हैं. हालिया लोकसभा चुनाव में यहां 1 लाख 80 हजार 17 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था, जिसमें 95 हजार 992 पुरुष मतदाता और 84 हजार 24 महिला मतदाताएं शामिल रहीं. कांग्रेस से सांसद बने हरीश चंद्र मीणा को इस विधानसभा क्षेत्र से लोकसभा चुनाव में महज 2 हजार 338 वोटों की ही बढ़त मिली थी.
कांग्रेस के संभावित उम्मीदवार : देवली-उनियारा सीट पर उपचुनाव को लेकर भाजपा ने अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर दी, लेकिन अभी तक कोंग्रेस ने यहां से प्रत्याशी का ऐलान नहीं किया है. कांग्रेस की ओर से वर्तमान में पूर्व सांसद नमो नारायण मीणा, पूर्व विधायक राम नारायण मीणा के नामों की चर्चा है. इनके अलावा प्रियंका गांधी के करीबी माने जाने वाले धीरज गुर्जर, नरेश मीणा भी टिकट के दावेदार के रूप में देखे जा रहे हैं. हालांकि, इन सभी नामों के इतर हनुमंत मीणा और रामसिंह मीणा के नामों की भी चर्चा हो रही है.
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सीट की संरचना व जातिगत मतदाताओं की संख्या : देवली-उनियारा सीट की बात करें तो यहां करीब 3 लाख 2 हजार 721 मतदाता हैं. इनमें जातिगत मतदाताओं की संख्या को देखे तो एसटी-मीणा करीब 65 हजार से 63 हजार के बीच, अनुसूचित जाति के बैरवा, रेगर, खटीक, कोली, हरिजन व अन्य करीब 57 हजार से 61 हजार के बीच, गुर्जर लगभग 54 हजार से 57 हजार के बीच, माली करीब 11 हजार से 12 हजार के बीच, ब्राह्मण करीब 14 हजार से 15 हजार के बीच, जाट लगभग 14 हजार से 15 हजार के बीच, वैश्य महाजन लगभग 8 हजार, राजपूत लगभग 4 हजार, मुस्लिम करीब 14 हजार और अन्य जातियों के लगभग 55 से 58 हजार के बीच मतदाता हैं.