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केजरीवाल के लिए आतिशी का सम्मान, बीजेपी के लिए कानून का अपमान - Controversy On Empty Chair

मुख्यमंत्री आतिशी के पदभार ग्रहण करते ही एक नया विवाद शुरू हो गया है. पदभार के दौरान मुख्यमंत्री कार्यालय में जिस कुर्सी पर अरविंद केजरीवाल बैठते थे उस पर आतिशी नहीं बैठी. उसके बगल में कुर्सी रखकर सत्ता संचालन की बात कही. इसको लेकर बीजेपी ने आप सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह संविधान एवं मुख्यमंत्री पद का अपमान है.

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आतिशी ने सोमवार को मुख्यमंत्री का पदभार संभाला. बगल में एक कुर्सी खाली छोड़ दी. (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 23, 2024, 3:11 PM IST

नई दिल्ली: बीते छह माह से बंद चल रहा दिल्ली सचिवालय स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय सोमवार को खुल गया. मुख्यमंत्री आतिशी ने पदभार संभाल लिया. इसके साथ ही बगल में एक कुर्सी खाली छोड़ने पर विवाद हो गया. आतिशी ने यह कहा कि ये कुर्सी केजरीवाल की है. इससे बीजेपी ने असंवैधानिक करार दिया है. इससे पहले शनिवार को जब आतिशी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली तो केजरीवाल के पैर छुए थे, इस पर भी विपक्ष ने हमला बोला था.

दरअसल, सोमवार सुबह आतिशी कार्यभार संभालने के लिए दिल्ली सचिवालय पहुंची. वह मुख्यमंत्री कार्यालय में जिस कुर्सी पर अरविंद केजरीवाल बैठते थे उस पर नहीं बैठी, उसके बगल में छोटी कुर्सी रखकर दिल्ली की सत्ता संचालन करने की बात कही. उन्होंने इसे केजरीवाल के प्रति अपना सम्मान बताया है.

खाली कुर्सी पर आतिशी ने कहाः अब सचिवालय में केजरीवाल की कुर्सी खाली छोड़ने पर आतिशी ने कहा, "जिस तरीके से प्रभु श्री राम के वनवास जाने पर भरत ने खड़ाऊ रखकर राज्य चलाया था. उसी तरह मैं भी अगले 4 महीने तक दिल्ली की सरकार चलाऊंगी. मुझे पूरा भरोसा है कि दिल्ली की जनता एक बार फिर अरविंद केजरीवाल को जिताकर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाएगी. तब तक मुख्यमंत्री की कुर्सी अरविंद केजरीवाल का इंतजार करेगी. आज मेरे मन की वही व्यथा है जो भरत जी की थी. जब भगवान श्रीराम 14 वर्ष के लिए वनवास पर गए थे. उस समय भरत ने भगवान राम का खड़ाऊं रखकर अयोध्या का शासन संभाला था. इस तरह आने वाले 4 महीने तक मैं दिल्ली सरकार चलाऊंगी. भगवान राम ने अपने पिता का वचन निभाने के लिए 14 साल का वनवास स्वीकार किया था. इसीलिए भगवान राम को हम मर्यादा पुरुषोत्तम कहते हैं. वह हम सभी के लिए मर्यादा और नैतिकता की मिसाल हैं. राम की तरह केजरीवाल ने नैतिकता और मर्यादा की मिसाल कायम की है.

शपथ ग्रहण के बाद केजरीवाल के छुए थे पैर.
21 सितंबर को शपथ ग्रहण के बाद केजरीवाल के छुए थे पैर. (ETV Bharat)

कुर्सी खाली छोड़ना संविधान का अपमान: बीजेपी ने आरोप लगाया है कि आतिशी ने मुख्यमंत्री की कुर्सी खाली छोड़ संविधान का अपमान किया है. प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा है यह संविधान एवं मुख्यमंत्री पद का अपमान है. इस तरह मुख्यमंत्री की मेज पर दो कुर्सी रखना. आतिशी जी यह कोई आदर्श पालन नहीं है. अपनी इस हरकत से आतिशी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की गरिमा के साथ ही दिल्ली की जनता की भावनाओं को भी ठेस पहुंचाई है. अरविंद केजरीवाल जवाब दें, क्या इस तरह के रिमोट कंट्रोल से दिल्ली सरकार चलाएंगे आप?

नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता (ETV bHarat)

मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठते ही ड्रामा शुरू: विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि आम आदमी पार्टी का मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठते ही ड्रामा शुरू हो गया. दिल्ली की जनता की समस्याओं के तरफ कोई ध्यान नहीं, सिर्फ राजनीति करना और संविधान का उल्लंघन करना है. आतिशी ने जिस तरह से अरविंद केजरीवाल की कुर्सी अपने पास रखी है, यह बहुत हास्यास्पद है. यह सब केजरीवाल के कहने पर हो रहा है. केजरीवाल के मन में जो इनसिक्योरिटी है, उस इनसिक्योरिटी के लिए सब ड्रामा किया जा रहा है. यह संविधान का उल्लंघन है. केजरीवाल अपनी इनसिक्योरिटी के लिए मुख्यमंत्री से इस तरह की खाली कुर्सी रखवाते हैं.

ये भी पढ़ें: आतिशी ने संभाला दिल्ली के मुख्यमंत्री का पदभार, बगल में केजरीवाल के लिए खाली कुर्सी

ये भी पढ़ें: दिल्ली सीएम के तौर पर आसान नहीं आतिशी की राह, सामने हैं चुनौतियों की पहाड़ !

नई दिल्ली: बीते छह माह से बंद चल रहा दिल्ली सचिवालय स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय सोमवार को खुल गया. मुख्यमंत्री आतिशी ने पदभार संभाल लिया. इसके साथ ही बगल में एक कुर्सी खाली छोड़ने पर विवाद हो गया. आतिशी ने यह कहा कि ये कुर्सी केजरीवाल की है. इससे बीजेपी ने असंवैधानिक करार दिया है. इससे पहले शनिवार को जब आतिशी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली तो केजरीवाल के पैर छुए थे, इस पर भी विपक्ष ने हमला बोला था.

दरअसल, सोमवार सुबह आतिशी कार्यभार संभालने के लिए दिल्ली सचिवालय पहुंची. वह मुख्यमंत्री कार्यालय में जिस कुर्सी पर अरविंद केजरीवाल बैठते थे उस पर नहीं बैठी, उसके बगल में छोटी कुर्सी रखकर दिल्ली की सत्ता संचालन करने की बात कही. उन्होंने इसे केजरीवाल के प्रति अपना सम्मान बताया है.

खाली कुर्सी पर आतिशी ने कहाः अब सचिवालय में केजरीवाल की कुर्सी खाली छोड़ने पर आतिशी ने कहा, "जिस तरीके से प्रभु श्री राम के वनवास जाने पर भरत ने खड़ाऊ रखकर राज्य चलाया था. उसी तरह मैं भी अगले 4 महीने तक दिल्ली की सरकार चलाऊंगी. मुझे पूरा भरोसा है कि दिल्ली की जनता एक बार फिर अरविंद केजरीवाल को जिताकर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाएगी. तब तक मुख्यमंत्री की कुर्सी अरविंद केजरीवाल का इंतजार करेगी. आज मेरे मन की वही व्यथा है जो भरत जी की थी. जब भगवान श्रीराम 14 वर्ष के लिए वनवास पर गए थे. उस समय भरत ने भगवान राम का खड़ाऊं रखकर अयोध्या का शासन संभाला था. इस तरह आने वाले 4 महीने तक मैं दिल्ली सरकार चलाऊंगी. भगवान राम ने अपने पिता का वचन निभाने के लिए 14 साल का वनवास स्वीकार किया था. इसीलिए भगवान राम को हम मर्यादा पुरुषोत्तम कहते हैं. वह हम सभी के लिए मर्यादा और नैतिकता की मिसाल हैं. राम की तरह केजरीवाल ने नैतिकता और मर्यादा की मिसाल कायम की है.

शपथ ग्रहण के बाद केजरीवाल के छुए थे पैर.
21 सितंबर को शपथ ग्रहण के बाद केजरीवाल के छुए थे पैर. (ETV Bharat)

कुर्सी खाली छोड़ना संविधान का अपमान: बीजेपी ने आरोप लगाया है कि आतिशी ने मुख्यमंत्री की कुर्सी खाली छोड़ संविधान का अपमान किया है. प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा है यह संविधान एवं मुख्यमंत्री पद का अपमान है. इस तरह मुख्यमंत्री की मेज पर दो कुर्सी रखना. आतिशी जी यह कोई आदर्श पालन नहीं है. अपनी इस हरकत से आतिशी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की गरिमा के साथ ही दिल्ली की जनता की भावनाओं को भी ठेस पहुंचाई है. अरविंद केजरीवाल जवाब दें, क्या इस तरह के रिमोट कंट्रोल से दिल्ली सरकार चलाएंगे आप?

नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता (ETV bHarat)

मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठते ही ड्रामा शुरू: विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि आम आदमी पार्टी का मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठते ही ड्रामा शुरू हो गया. दिल्ली की जनता की समस्याओं के तरफ कोई ध्यान नहीं, सिर्फ राजनीति करना और संविधान का उल्लंघन करना है. आतिशी ने जिस तरह से अरविंद केजरीवाल की कुर्सी अपने पास रखी है, यह बहुत हास्यास्पद है. यह सब केजरीवाल के कहने पर हो रहा है. केजरीवाल के मन में जो इनसिक्योरिटी है, उस इनसिक्योरिटी के लिए सब ड्रामा किया जा रहा है. यह संविधान का उल्लंघन है. केजरीवाल अपनी इनसिक्योरिटी के लिए मुख्यमंत्री से इस तरह की खाली कुर्सी रखवाते हैं.

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