नई दिल्ली: बीते छह माह से बंद चल रहा दिल्ली सचिवालय स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय सोमवार को खुल गया. मुख्यमंत्री आतिशी ने पदभार संभाल लिया. इसके साथ ही बगल में एक कुर्सी खाली छोड़ने पर विवाद हो गया. आतिशी ने यह कहा कि ये कुर्सी केजरीवाल की है. इससे बीजेपी ने असंवैधानिक करार दिया है. इससे पहले शनिवार को जब आतिशी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली तो केजरीवाल के पैर छुए थे, इस पर भी विपक्ष ने हमला बोला था.
दरअसल, सोमवार सुबह आतिशी कार्यभार संभालने के लिए दिल्ली सचिवालय पहुंची. वह मुख्यमंत्री कार्यालय में जिस कुर्सी पर अरविंद केजरीवाल बैठते थे उस पर नहीं बैठी, उसके बगल में छोटी कुर्सी रखकर दिल्ली की सत्ता संचालन करने की बात कही. उन्होंने इसे केजरीवाल के प्रति अपना सम्मान बताया है.
#WATCH | Delhi CM Atishi says, " i have taken charge as the delhi chief minister. today my pain is the same as that was of bharat when lord ram went to exile for 14 years and bharat had to take charge. like bharat kept the sandals of lord ram for 14 years and assumed charge,… https://t.co/VZvbwQY0hX pic.twitter.com/ZpNrFEOcaV
— ANI (@ANI) September 23, 2024
खाली कुर्सी पर आतिशी ने कहाः अब सचिवालय में केजरीवाल की कुर्सी खाली छोड़ने पर आतिशी ने कहा, "जिस तरीके से प्रभु श्री राम के वनवास जाने पर भरत ने खड़ाऊ रखकर राज्य चलाया था. उसी तरह मैं भी अगले 4 महीने तक दिल्ली की सरकार चलाऊंगी. मुझे पूरा भरोसा है कि दिल्ली की जनता एक बार फिर अरविंद केजरीवाल को जिताकर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाएगी. तब तक मुख्यमंत्री की कुर्सी अरविंद केजरीवाल का इंतजार करेगी. आज मेरे मन की वही व्यथा है जो भरत जी की थी. जब भगवान श्रीराम 14 वर्ष के लिए वनवास पर गए थे. उस समय भरत ने भगवान राम का खड़ाऊं रखकर अयोध्या का शासन संभाला था. इस तरह आने वाले 4 महीने तक मैं दिल्ली सरकार चलाऊंगी. भगवान राम ने अपने पिता का वचन निभाने के लिए 14 साल का वनवास स्वीकार किया था. इसीलिए भगवान राम को हम मर्यादा पुरुषोत्तम कहते हैं. वह हम सभी के लिए मर्यादा और नैतिकता की मिसाल हैं. राम की तरह केजरीवाल ने नैतिकता और मर्यादा की मिसाल कायम की है.
कुर्सी खाली छोड़ना संविधान का अपमान: बीजेपी ने आरोप लगाया है कि आतिशी ने मुख्यमंत्री की कुर्सी खाली छोड़ संविधान का अपमान किया है. प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा है यह संविधान एवं मुख्यमंत्री पद का अपमान है. इस तरह मुख्यमंत्री की मेज पर दो कुर्सी रखना. आतिशी जी यह कोई आदर्श पालन नहीं है. अपनी इस हरकत से आतिशी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की गरिमा के साथ ही दिल्ली की जनता की भावनाओं को भी ठेस पहुंचाई है. अरविंद केजरीवाल जवाब दें, क्या इस तरह के रिमोट कंट्रोल से दिल्ली सरकार चलाएंगे आप?
मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठते ही ड्रामा शुरू: विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि आम आदमी पार्टी का मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठते ही ड्रामा शुरू हो गया. दिल्ली की जनता की समस्याओं के तरफ कोई ध्यान नहीं, सिर्फ राजनीति करना और संविधान का उल्लंघन करना है. आतिशी ने जिस तरह से अरविंद केजरीवाल की कुर्सी अपने पास रखी है, यह बहुत हास्यास्पद है. यह सब केजरीवाल के कहने पर हो रहा है. केजरीवाल के मन में जो इनसिक्योरिटी है, उस इनसिक्योरिटी के लिए सब ड्रामा किया जा रहा है. यह संविधान का उल्लंघन है. केजरीवाल अपनी इनसिक्योरिटी के लिए मुख्यमंत्री से इस तरह की खाली कुर्सी रखवाते हैं.
#WATCH | Delhi: On Delhi CM Atishi, BJP MP Manoj Tiwari says, " ...atishi has taken oath as the delhi chief minister and if she shows an empty chair, this raises many questions. this means that she does not consider herself the chief minister. if being the chief minister herself,… pic.twitter.com/6ZlYLh5AGJ
— ANI (@ANI) September 23, 2024
#WATCH | Delhi: On Delhi CM Atishi, BJP spokesperson Shehzad Poonawalla says, " today, delhi has received its new manmohan singh. the manner in which cm's chair was kept unoccupied, people of delhi had also received 'missing in action cm' similarly. they first received a 'jail… pic.twitter.com/TLUOAXSSjJ
— ANI (@ANI) September 23, 2024
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