लातेहार: चतरा संसदीय क्षेत्र में लोकसभा चुनाव संपन्न हो चुका है. चुनाव में भाजपा को बंपर जीत मिली है. जीत के बाद भी भाजपा चिंतित है. वहीं इंडिया गठबंधन भी हार को लेकर मंथन में लगा हुआ है. अब दोनों दलों के लिए विधानसभा चुनाव की जंग सामने है. विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा चिंतित है. वहीं हार के बाद इंडिया गठबंधन में भी विधानसभा चुनाव को लेकर बेचैनी बढ़ गई है. हालांकि चुनाव के बाद दोनों राजनीतिक दल आगामी विधानसभा चुनाव में अपनी स्थिति मजबूत बता रहे हैं.
दरअसल, चतरा संसदीय क्षेत्र में भाजपा को कुल 5,68,912 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस को 3,48,110 वोट मिले थे. चतरा लोकसभा क्षेत्र में पांच विधानसभा क्षेत्र आते हैं. इनमें से चार विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा ने जीत दर्ज की है. लेकिन भाजपा का गढ़ माने जाने वाले मनिका विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी पिछड़ गए.
2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान मनिका विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी को 30 हजार से अधिक वोटों की बढ़त मिली थी. लेकिन इस लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी 1586 वोटों से पीछे रह गए. मनिका विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी को 72,045 वोट मिले, जबकि भाजपा प्रत्याशी को 70,549 वोट मिले. अपने गढ़ में लोकसभा चुनाव में कम वोट मिलने से भाजपा चिंतित हो गई है. इस संबंध में भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष पंकज सिंह ने भी माना कि मनिका विधानसभा क्षेत्र में भाजपा को कम वोट मिलना चिंता का विषय है.
"संगठन इस पर गहन चिंतन कर रही है. आने वाले विधानसभा चुनाव तक सब कुछ ठीक कर लिया जाएगा." - पंकज सिंह, जिला अध्यक्ष, भाजपा
चार विधानसभा क्षेत्रों में पिछड़ने से इंडिया गठबंधन में बेचैनी
चतरा लोकसभा चुनाव में सिमरिया, चतरा, लातेहार और पांकी विधानसभा क्षेत्रों में इंडिया एलायंस को करारी हार का सामना करना पड़ा है. लातेहार विधानसभा में भाजपा को 17,261 अधिक वोट मिले. चतरा में भाजपा को 67,845 अधिक वोट मिले. पांकी में भाजपा को 62,669 और सिमरिया में भाजपा को 74,613 वोटों की बढ़त मिली. लातेहार और चतरा विधानसभा क्षेत्रों में इंडिया एलायंस के विधायक हैं. इसके बावजूद इन दोनों विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस प्रत्याशी को भारी हार का सामना करना पड़ा.
दूसरी ओर सिमरिया और पांकी विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा के विधायक हैं. लेकिन इस लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को इन दोनों विधानसभा क्षेत्रों में विधानसभा चुनाव के दौरान मिले वोटों से भी अधिक वोट मिले हैं. इससे इंडिया एलायंस के माथे पर चिंता की लकीरें आ गई हैं. हालांकि हार के कारणों की समीक्षा शुरू हो गई है.
"कई ऐसे कारण बने जिसके कारण इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी की हार हुई है. स्थानीयता का मुद्दा हावी रहा, जिसका असर चतरा और सिमरिया विधानसभा क्षेत्र में स्पष्ट देखा गया. वहीं गंझू समाज का वोट भी बड़ी संख्या में भाजपा प्रत्याशी को मिला. पूरे चुनाव के दौरान कहां चूक हुई, इसका मंथन किया जा रहा है, ताकि आने वाले विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन बेहतर प्रदर्शन कर सके." - लाल मोती नाथ शाहदेव, जिला अध्यक्ष, झामुमो
"चतरा संसदीय क्षेत्र में इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी की हार की पूरी समीक्षा की जा रही है. चुनाव के दौरान जो भी कमी रह गई उसे सुधारा जाएगा." - मुनेश्वर उरांव, जिला अध्यक्ष, कांग्रेस