रांचीः हेमंत सोरेन के नेतृत्व में राज्य में लगातार दूसरी बार बनी इंडिया गठबंधन की सरकार आगामी विधानसभा सत्र के दौरान विश्वासमत हासिल करने की तैयारी में जुटी है. आगामी 09 दिसंबर से शुरू हो रहे झारखंड विधानसभा का यह सत्र कई मायनों में अहम होगा.
सदन की कार्यवाही पर जहां चुनाव परिणाम का झलक दिखेगा. वहीं दूसरी ओर विपक्ष सरकार को घेरने की कोशिश में जुटी रहेगी. 12 दिसंबर तक चलने वाले सदन की कार्यवाही पर संसदीय कार्यमंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि सरकार संक्षिप्त सत्र होने के बावजूद संवैधानिक औपचारिकता को पूरी करते हुए सरकार के द्वारा तीन दिवसीय इस सत्र के दौरान अनुपूरक बजट के साथ-साथ राज्यपाल के अभिभाषण पर भी चर्चा होगी.
राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि मेरा प्रयास होगा कि सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों के साथ सामूहिक प्रयास से एजेंडा के अनुरूप सदन की कार्यवाही चले और उसका सदुपयोग हो. उन्होंने कहा कि सदन में विपक्ष के द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब भी दिया जाएगा लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सदन की मर्यादा है. हेमंत सोरेन सरकार इसका खास ध्यान रखती है और मेरी भी अवधारणा है कि जनता से जुड़े सही सवाल यदि सदन में आते हैं तो उसका ध्यान रखा जाए और उसी पर आगे सरकार काम करे.
'अभी उछलने दीजिए'
राज्य की कानून व्यवस्था सहित कई मुद्दे पर विपक्ष हेमंत सोरेन सरकार को घेरने की तैयारी में है. भारतीय जनता पार्टी जल्द ही सदन की कार्यवाही को लेकर विधायक दल की बैठक करने वाली है जिसमें सदन को लेकर रणनीति तय होगी. भाजपा विधायक सीपी सिंह कहते हैं कि इस कार्यकाल का चूंकि यह पहला सत्र होगा इसलिए अभी इस सरकार को उछलने का मौका दे रहे हैं. बहरहाल सियासी गहमागहमी के बीच सोमवार यानी 09 दिसंबर से विधानसभा का सत्र शुरू हो रहा है जिस दौरान सत्तापक्ष-विपक्ष आमने सामने होंगे.
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