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पाकुड़ विधानसभा सीट पर टिकट खींचतान, कांग्रेस में आलमगीर आलम और भाजपा में आजसू न बन जाए ग्रहण - PAKUR ASSEMBLY SEAT

पाकुड़ विधानसभा सीट पर उम्मीदवार के नाम की घोषणा को लेकर दलों में चर्चा चल रही है. यहां भाजपा और कांग्रेस के बीच मुकाबला है.

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 17, 2024, 12:44 PM IST

पाकुड़: कांग्रेस के परंपरागत विधानसभा सीट पाकुड़ पर इस बार नेताओं की दावेदारी से ज्यादा कार्यकर्ताओं की अनदेखी किसी भी पार्टी के लिए भारी पड़ सकती है. पाकुड़ विधानसभा सीट पर दूसरे चरण में प्रत्याशियों के चयन के मामले को लेकर कार्यकर्ता अपने पंसद के नेताओं को चाहते हैं. अगर गठबंधन की मजबूरी या किसी कारण से उनके पसंद के प्रत्याशी नहीं मिलते तो वे बिदक भी सकते हैं.

आलमगीर आलम का अपने क्षेत्र में काफी पकड़ है, ऐसे में उन्हें या फिर उनके परिवार के किसी सदस्य को टिकट नहीं मिलता तो कार्यकर्ताओं का एक वर्ग नाराज हो सकता है. स्थानीय विधायक और राज्य के पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के जेल में जाने के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा जोर पकड़ लिया कि इस बार पार्टी कोई नए चेहरे को मैदान में उतारने वाली है.

हालांकि, न तो कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और न ही जिला प्रभारी ने पाकुड़ विधानसभा सीट से किसी अन्य चेहरे को मैदान में उतारने का कोई संकेत दिए हैं. लेकिन पूर्व विधायक अकील अख्तर के कांग्रेस से टिकट लेने की चर्चा चल रही है. आलमगीर आलम या उनके परिवार के किसी सदस्य को प्रत्याशी बनाने की बात पर पार्टी के शीर्ष नेता क्यों चुप बैठे हैं.

भाजपा में टिकट की मची होड़

दूसरी ओर, भारतीय जनता पार्टी द्वारा पाकुड़ विधानसभा सीट पर अब तक अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किए जाने को लेकर न केवल नेताओं बल्कि कार्यकर्ताओं में भी काफी नाराजगी देखी जा रही है. भाजपा सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस बार पार्टी ऑल झारखंड स्टूडेंट पार्टी को अपना समर्थन पाकुड़ विधानसभा में देगी और एनडीए का संयुक्त प्रत्याशी आजसू का होगा. ऐसे में भाजपा कार्यकर्ताओं का एक वर्ग नाराज हो सकता है. हालांकि अब तक से साफ नहीं हुआ है कि भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने पाकुड़ सीट के लिए किसे प्रत्याशी बनाएंगे.

पाकुड़ सीट पर मुस्लिम वोटर की संख्या अधिक

पाकुड़ विधानसभा सीट पर कुल 3 लाख 88 हजार 245 मतदाता है, जिसमें मुस्लिम मतदाताओं की संख्या ज्यादा है. इस सीट से भाजपा ने दो बार जीत दर्ज की है. जबकि बाकी विधानसभा चुनाव में दूसरे पायदान पर रही है. इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस का सीधा मुकाबला होता रहा है.

इस विधानसभा सीट पर प्रमुख चुनावी मुद्दा डेमोग्राफी चेंज, बांग्लादेशी घुसपैठ रहने वाला है. यह वहीं सीट है जहां चुनाव आते-आते मतदाता विकास और अन्य मुद्दे को भुलकर 70/30 के फार्मूले को ध्यान में रखकर मतदान करते है. पाकुड़ विधानसभा सीट पर कांग्रेस के आलमगीर आलम, निसात आलम, तनवीर आलम, भारतीय जनता पार्टी के अनुग्रहित प्रसाद साह, कमल कृष्ण भगत, पूर्व विधायक वेणी प्रसाद गुप्ता, शंभुनंदन कुमार, बलराम दुबे, मुकेश शुक्ला, पिंकी मंडल, आजसू के अजहर इस्लाम और पूर्व विधायक अकील अख्तर जैसे चर्चित चेहरे हैं, जो प्रत्याशी बनने और बनाए जाने की आस पाले बैठे हैं.

ये भी पढ़ें: पाकुड़ पर मां, बाप और बेटे की दावेदारी, किसे मिलेगा?

ये भी पढ़ें: पाकुड़ में मतदाताओं की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि मामले में चुनाव आयोग की जांच पूरी, रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे, पढ़िए पूरी रिपोर्ट

पाकुड़: कांग्रेस के परंपरागत विधानसभा सीट पाकुड़ पर इस बार नेताओं की दावेदारी से ज्यादा कार्यकर्ताओं की अनदेखी किसी भी पार्टी के लिए भारी पड़ सकती है. पाकुड़ विधानसभा सीट पर दूसरे चरण में प्रत्याशियों के चयन के मामले को लेकर कार्यकर्ता अपने पंसद के नेताओं को चाहते हैं. अगर गठबंधन की मजबूरी या किसी कारण से उनके पसंद के प्रत्याशी नहीं मिलते तो वे बिदक भी सकते हैं.

आलमगीर आलम का अपने क्षेत्र में काफी पकड़ है, ऐसे में उन्हें या फिर उनके परिवार के किसी सदस्य को टिकट नहीं मिलता तो कार्यकर्ताओं का एक वर्ग नाराज हो सकता है. स्थानीय विधायक और राज्य के पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के जेल में जाने के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा जोर पकड़ लिया कि इस बार पार्टी कोई नए चेहरे को मैदान में उतारने वाली है.

हालांकि, न तो कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और न ही जिला प्रभारी ने पाकुड़ विधानसभा सीट से किसी अन्य चेहरे को मैदान में उतारने का कोई संकेत दिए हैं. लेकिन पूर्व विधायक अकील अख्तर के कांग्रेस से टिकट लेने की चर्चा चल रही है. आलमगीर आलम या उनके परिवार के किसी सदस्य को प्रत्याशी बनाने की बात पर पार्टी के शीर्ष नेता क्यों चुप बैठे हैं.

भाजपा में टिकट की मची होड़

दूसरी ओर, भारतीय जनता पार्टी द्वारा पाकुड़ विधानसभा सीट पर अब तक अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किए जाने को लेकर न केवल नेताओं बल्कि कार्यकर्ताओं में भी काफी नाराजगी देखी जा रही है. भाजपा सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस बार पार्टी ऑल झारखंड स्टूडेंट पार्टी को अपना समर्थन पाकुड़ विधानसभा में देगी और एनडीए का संयुक्त प्रत्याशी आजसू का होगा. ऐसे में भाजपा कार्यकर्ताओं का एक वर्ग नाराज हो सकता है. हालांकि अब तक से साफ नहीं हुआ है कि भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने पाकुड़ सीट के लिए किसे प्रत्याशी बनाएंगे.

पाकुड़ सीट पर मुस्लिम वोटर की संख्या अधिक

पाकुड़ विधानसभा सीट पर कुल 3 लाख 88 हजार 245 मतदाता है, जिसमें मुस्लिम मतदाताओं की संख्या ज्यादा है. इस सीट से भाजपा ने दो बार जीत दर्ज की है. जबकि बाकी विधानसभा चुनाव में दूसरे पायदान पर रही है. इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस का सीधा मुकाबला होता रहा है.

इस विधानसभा सीट पर प्रमुख चुनावी मुद्दा डेमोग्राफी चेंज, बांग्लादेशी घुसपैठ रहने वाला है. यह वहीं सीट है जहां चुनाव आते-आते मतदाता विकास और अन्य मुद्दे को भुलकर 70/30 के फार्मूले को ध्यान में रखकर मतदान करते है. पाकुड़ विधानसभा सीट पर कांग्रेस के आलमगीर आलम, निसात आलम, तनवीर आलम, भारतीय जनता पार्टी के अनुग्रहित प्रसाद साह, कमल कृष्ण भगत, पूर्व विधायक वेणी प्रसाद गुप्ता, शंभुनंदन कुमार, बलराम दुबे, मुकेश शुक्ला, पिंकी मंडल, आजसू के अजहर इस्लाम और पूर्व विधायक अकील अख्तर जैसे चर्चित चेहरे हैं, जो प्रत्याशी बनने और बनाए जाने की आस पाले बैठे हैं.

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