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'अगर आपको अपने फेफड़े बचाने हैं तो, रोज करें प्राणायाम'- BIPCON में डॉक्टर ने दी सलाह

जहरीली हवा एक वैश्विक खतरा है, जिससे फेफड़े खराब हो सकते हैं. पटना में एक सेमिनार में जुटे डॉक्टर ने इस पर चिंता जाहिर की.

BIPCON
पटना के ज्ञान भवन में दो दिवसीय BIPCON कार्यक्रम का उद्घाटन. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : 3 hours ago

पटना: बदलती जीवन शैली और बढ़ता हुआ प्रदूषण का स्तर लोगों के फेफड़े को नुकसान पहुंचा रहा है. पटना के ज्ञान भवन में दो दिवसीय BIPCON (Bihar Pulmonary Conference) कार्यक्रम में देश भर से आए 500 से अधिक फेफड़ा रोग विशेषज्ञों ने इस बात पर चिंता जाहिर की है. चिकित्सकों का कहना है कि प्रदूषण की वजह से खांसने और खर्राटा लेने की शिकायत बढ़ गई है. चिकित्सकों ने लोगों को बेहतर लाइफस्टाइल अडॉप्ट करने के साथ-साथ एनवायरमेंट फ्रेंडली लाइफस्टाइल अपनाने की अपील की है.

नवीनतम तकनीक पर चर्चा: BIPCON कार्यक्रम के सेक्रेटरी डॉ सुधीर कुमार ने बताया कि इंडियन चेस्ट सोसायटी की ओर से हर राज्य में साल में एक बार फेफड़ा रोग विशेषज्ञों का कार्यक्रम होता है. बिहार में यह सातवां संस्करण है. जिसमें बिहार और देशभर के फेफड़ा रोग विशेषज्ञ शामिल हो रहे हैं. यहां चिकित्सक इस बात पर विशेष चर्चा कर रहे हैं कि हाल के दिनों में उसने किस प्रकार के प्रॉब्लम लोगों में देखने को मिले हैं. इसके अलावा फेफड़ों की इलाज के लिए जो नवीनतम तकनीक आ रही है उन पर भी विशेषज्ञों ने प्रकाश डाला है.

पटना के ज्ञान भवन में दो दिवसीय BIPCON कार्यक्रम. (ETV Bharat)

खांसी की शिकायत बढ़ीः कार्यक्रम में शामिल हुए बिहार झारखंड के विख्यात एलर्जी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर गौतम मोदी ने कहा कि चेस्ट सोसायटी की बैठकों में प्रदूषण एक बड़ा विषय बन गया है. जिस पर गंभीरता से काम करने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि अभी के मौसम में वातावरण में प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है. जिस वजह से अस्पतालों में इन दिनों ओपीडी में खासकर सामान्य की तुलना में लगभग 30% फेफड़ा रोग के मरीजों में इजाफा हुआ है.

BIPCON
पटना के ज्ञान भवन में दो दिवसीय BIPCON कार्यक्रम. (ETV Bharat)

"गले में खराश रहना, खांसी आना और सीने में जकड़न की शिकायत लेकर लोग पहुंच रहे हैं. लोग यह भी शिकायत ले कर आ रहे हैं कि सही ढंग से सांस नहीं ले पा रहे हैं और बेचैनी हो रही है. इसके अलावा कई लोगों को खर्राटे की समस्या बढ़ गई है."- डॉक्टर गौतम मोदी, एलर्जी रोग विशेषज्ञ

Dr Gautam Modi
कार्यक्रम में शामिल डॉक्टर गौतम मोदी. (ETV Bharat)
प्राणायाम है फायदेमंदः डॉ गौतम मोदी ने कहा कि इस कॉन्क्लेव में भी सभी चिकित्सकों ने यही राय निकली है कि हमें अपने फेफड़ा का केयर करना है तो अपने हेल्थ का केयर करने के साथ अपने आसपास के वातावरण को साफ रखना पर भी विशेष काम करना होगा. हमें एक ऐसी लाइफस्टाइल अपनानी होगी जिसमें हम अपने आसपास प्रदूषण को कम कर सकें. इसके साथ ही अपने फेफड़ों को बेहतर करने के लिए प्रतिदिन प्राणायाम करें. डीप ब्रीदिंग का एक्सरसाइज करें, इसके साथ ही स्ट्रेस फ्री लाइफ जीने की कोशिश करें.

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नवीनतम तकनीक पर चर्चा: BIPCON कार्यक्रम के सेक्रेटरी डॉ सुधीर कुमार ने बताया कि इंडियन चेस्ट सोसायटी की ओर से हर राज्य में साल में एक बार फेफड़ा रोग विशेषज्ञों का कार्यक्रम होता है. बिहार में यह सातवां संस्करण है. जिसमें बिहार और देशभर के फेफड़ा रोग विशेषज्ञ शामिल हो रहे हैं. यहां चिकित्सक इस बात पर विशेष चर्चा कर रहे हैं कि हाल के दिनों में उसने किस प्रकार के प्रॉब्लम लोगों में देखने को मिले हैं. इसके अलावा फेफड़ों की इलाज के लिए जो नवीनतम तकनीक आ रही है उन पर भी विशेषज्ञों ने प्रकाश डाला है.

पटना के ज्ञान भवन में दो दिवसीय BIPCON कार्यक्रम. (ETV Bharat)

खांसी की शिकायत बढ़ीः कार्यक्रम में शामिल हुए बिहार झारखंड के विख्यात एलर्जी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर गौतम मोदी ने कहा कि चेस्ट सोसायटी की बैठकों में प्रदूषण एक बड़ा विषय बन गया है. जिस पर गंभीरता से काम करने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि अभी के मौसम में वातावरण में प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है. जिस वजह से अस्पतालों में इन दिनों ओपीडी में खासकर सामान्य की तुलना में लगभग 30% फेफड़ा रोग के मरीजों में इजाफा हुआ है.

BIPCON
पटना के ज्ञान भवन में दो दिवसीय BIPCON कार्यक्रम. (ETV Bharat)

"गले में खराश रहना, खांसी आना और सीने में जकड़न की शिकायत लेकर लोग पहुंच रहे हैं. लोग यह भी शिकायत ले कर आ रहे हैं कि सही ढंग से सांस नहीं ले पा रहे हैं और बेचैनी हो रही है. इसके अलावा कई लोगों को खर्राटे की समस्या बढ़ गई है."- डॉक्टर गौतम मोदी, एलर्जी रोग विशेषज्ञ

Dr Gautam Modi
कार्यक्रम में शामिल डॉक्टर गौतम मोदी. (ETV Bharat)
प्राणायाम है फायदेमंदः डॉ गौतम मोदी ने कहा कि इस कॉन्क्लेव में भी सभी चिकित्सकों ने यही राय निकली है कि हमें अपने फेफड़ा का केयर करना है तो अपने हेल्थ का केयर करने के साथ अपने आसपास के वातावरण को साफ रखना पर भी विशेष काम करना होगा. हमें एक ऐसी लाइफस्टाइल अपनानी होगी जिसमें हम अपने आसपास प्रदूषण को कम कर सकें. इसके साथ ही अपने फेफड़ों को बेहतर करने के लिए प्रतिदिन प्राणायाम करें. डीप ब्रीदिंग का एक्सरसाइज करें, इसके साथ ही स्ट्रेस फ्री लाइफ जीने की कोशिश करें.

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