बोकारो: झारखंड निर्माता और पढ़ाई के लिए लोगों को प्रेरित करने वाले दिवंगत बिनोद बिहारी महतो की 101वीं जयंती सोमवार को बोकारो में मनायी गई. इस मौके पर बोकारो के हवाई अड्डा के पास स्थित बिनोद बिहारी महतो की आदमकद प्रतिमा पर गिरिडीह के आजसू सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी ने माल्यार्पण कर श्रद्धा-सुमन अर्पित की. इस दौरान आजसू के तमाम नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे.
इस मौके पर सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी ने कहा कि वो खुद बिनोद बिहारी महतो के बताए रास्ते पर चलने का प्रयास कर रहे हैं, क्योंकि बिनोद बिहारी को वे अपना राजनीतिक गुरु मानते हैं. उन्होंने कहा कि झारखंड निर्माण में उनकी भूमिका अहम रही है और कोयलांचल विश्वविद्यालय उनके नाम पर होना उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी. उन्होंने बोकारो हवाई अड्डे का नाम बिनोद बिहारी महतो के नाम से करने की बात कही है.
बता दें कि झारखंड आंदोलनकारी बिनोद बिहारी महतो का जन्म बलियापुर के बड़ादाहा गांव में हुआ था. उनके पिता का नाम माहिंदी महतो औ माता का नाम मंदाकिनी था. 23 सितंबर 1923 को बिनोद बिहारी महतो का जन्म हुआ था. एचई स्कूल धनबाद से मैट्रिक की परीक्षा पास करने के बाद 1948 में बलियापुर बोर्ड मध्य विद्यालय में एक साल तक उन्होंने शिक्षक के रूप में काम किया था. फिर आपूर्ति विभाग में क्लर्क की भी नौकरी की. आगे की पढ़ाई के लिए क्लर्क की नौकरी छोड़ पीके राय मेमोरियल कॉलेज (तब कतरास) से इंटर की परीक्षा पास की. फिर स्नातक की डिग्री लेने के बाद पटना लॉ कॉलेज से वकालत की डिग्री हासिल की.
शिक्षाविद् बिनोद बिहारी महतो पढ़ो और लड़ो का नारा देकर अमर हो गए. चार फरवरी 1973 को अलग झारखंड राज्य निर्माण के लिए दिशोम गुरु शिबू सोरेन, प्रसिद्ध मजदूर नेता एके राय, टेकलाल महतो आदि के साथ मिलकर उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा का गठन किया था.
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