बिलासपुर : अरपा नदी के अस्तित्व को बचाने के लिए हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगी है.जिस पर कोर्ट में सुनवाई हुई.अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा कि जिम्मेदार अधिकारी इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. बेंच ने राज्य शासन से एक बार फिर पूछा कि इसके लिए क्या कार्ययोजना है. अगर कार्ययोजना बनाई है तो उसकी विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट के सामने पेश करें. सुनवाई के दौरान सालसा की ओर से इकोलॉजिस्ट नीरज तिवारी की तरफ से अरपा को साफ रखने संबंधी एक रिपोर्ट पेश की गई. जिस पर चर्चा हुई, साथ ही कोर्ट ने वकीलों की एक टीम बनाने की बात कही है जो अरपा नदी के संरक्षण को लेकर चल रहे कार्यों और प्रयासों पर नजर रखेगी.
धरातल पर नहीं उतरा अरपा रिवाइवल प्लान : याचिका की सुनवाई के दौरान शासन की ओर से कहा गया कि नरुआ-गरवा, घुरवा, बारी योजना के तहत कई छोटे नालों को साफ किया गया है. सुनवाई में कोर्ट ने कहा है कि शासन-प्रशासन यह व्यवस्था करे कि ड्रेनेज वाटर क्लीन होकर ही अरपा नदी में छोड़ा जाए. हाईकोर्ट के अधिवक्ता अरविंद कुमार शुक्ला और पेंड्रा के रहने वाले राम निवास तिवारी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है, इसमें अरपा नदी में बारह महीना पानी रहने के साथ इसमें साफ पानी छोड़ने की मांग की गई है.
रोजना गंदगी से पट जाती है अरपा : अरपा नदी में प्रदूषण का आलम यह है कि प्रतिदिन नदी में 130 एमएलडी से अधिक शहरवासियों के जल, मल की निकासी हो रही है. हाईकोर्ट ने अरपा नदी में प्रदूषण को लेकर दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दो साल पहले शासन को अरपा रिवाइवल प्लान बनाकर कार्य करने के आदेश दिए थे. शासन ने अरपा रिवाइवल प्लान तैयार किया, लेकिन इसमें डेवलेपमेंट नहीं हो पाया है . अरपा में प्रदूषण रोकने के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता बढ़ाने पर काम चल रहा है. लेकिन यह अभी अधूरा है. मामले की सुनवाई जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस नरेश कुमार चंद्रवंशी की डिवीजन बेंच में चल रही है.इस मामले की अगली सुनवाई 27 फरवरी को होगी.
आपको बता दें कि पेंड्रा जिले से निकलने वाली बिलासपुर और पेंड्रा की जीवनदायिनी अरपा नदी किसानों और ग्रामीणों के लिए वरदान हुआ करती थी, लेकिन रेत माफिया और फैक्ट्रियों ने इस नदी की जलधारा छीन ली.जब अरपा नदी के जीवन को बचाने के लिए प्रशासन की कोशिशें नाकाम हुई तो हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाकर हाईकोर्ट का ध्यान अरपा के अस्तित्व बचाने की ओर खींचा गया.