बीजापुर: नक्सलियों के खिलाफ लगातार सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है. बस्तर संभाग के सभी नक्सल प्रभावित जिले में नक्सलियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है. इस वजह से नक्सली बौखलाए हुए हैं और निर्दोष लोगों को क्षति पहुंचाने की लगातार कोशिश कर रहे हैं. ऐसे में बीजापुर कलेक्टर अनुराग पांडेय ने नक्सलियों को माओवादी विचार धारा और हथियार छोड़कर आत्मसर्मपण करने को कहा है.
"एक पीढ़ी को शिक्षा से वंचित करने का किया पाप": बीजापुर कलेक्टर अनुराग पांडेय ने कहा, "अभी भी समय है. विदेशी विचार धारा को छोड़ कर अपने और आने वाली पीढ़ी के उज्जवल भविष्य के लिए आत्मसर्मपण करें. नई पुनर्वास नीति के तहत उनका पुर्नवास किया जाएगा. जो लोग पहले आत्मसर्मपण किए हैं, आज वे लोग मुख्य धारा में जुड़कर बेहतर जीवन जी रहे हैं. अपने परिवार अपने बच्चों के सुखद भविष्य की ओर अग्रसर हैं. ये विकास विरोधी तत्व बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास से ग्रामीणों को दूर रखकर अपने नापाक मसूंबो की पूर्ति के लिए सुनियोजित ढंग से आतंक कर रहे हैं. इनका अंत तय है."
"आज जो शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास से ग्रामीणों को दूर रख कर हैं, वह स्वयं तो उच्च शिक्षित हैं. लैपटॉप, कम्प्यूटर और उच्च तकनीकी ज्ञान रखते हैं. लेकिन उन्हीं लोगों ने बीजापुर की एक पीढ़ी को शिक्षा से वंचित करने का पाप किया है. नक्सलियों के प्रेसनोट में शुद्ध हिन्दी की कमी, बिना किसी व्याकरण और वर्तनी त्रुटि को देखा जा सकता है, जो किसी शहरी क्षेत्र में बना दिखता है." - अनुराग पांडेय, कलेक्टर, बीजापुर
नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई होगी तेज: जिस तरह उनके लगाए आईईडी ब्लास्ट से बीजापुर के बेकसूर और मासूम ग्रामीण आदिवासी व पुलिसकर्मी मारे जा रहे हैं, वह घोर निंदनीय है. इसका खामियाजा उनको भुगतना पडे़गा. अरबन नक्सलियों के खिलाफ भी कार्रवाई तेज किए जाएंगे.
"बीजापुर की भोली-भाली जनता इनके नापाक मंसूबो को समझ चुकी है और विकास की ओर अपना कदम बढ़ा रही है. इसका ताजा उदाहरण दो बार नक्सली बंद के आह्वान को आम जनता ने सिरे से नकार दिया. लोकतंत्र के महापर्व लोकसभा निर्वाचन 2024 में भी लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और लोकतांत्रिक व्यवस्था के प्रति अपनी आस्था व्यक्त की." - अनुराग पांडेय, कलेक्टर, बीजापुर
बस्तर लोकसभा चुनाव के दिन 19 अप्रैल को बीजापुर में ड्यूटी के दौरान सीआरपीएफ का एक जवान UBGL फटने से घायल हो गया था. बाद में इलाज के दौरान घायल जवान की मौत हो गई थी. उससे पहले भी कई बार नक्सलियों के लगाए आईईडी की चपेट में सुरक्षाबल के जवान और आम लोग आए हैं. कई जंगली जानवर भी इसकी चपेट में आ जाते हैं.