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बिहार में मौसम विभाग का बड़ा अलर्ट, अगले 4 दिन तेज आंधी-बारिश के साथ होगा व्रजपात - bihar weather update

Bihar Weather Update: बिहार में आज से अगले कुछ दिन तक आंधी-तूफान आने वाला है. मौसम विभाग की तरफ से अलर्ट जारी कर लोगों को सतर्क रहने की चेतावनी दी गई है. बता दें कि 19- 23 मार्च तक तेज आंधी-बारिश के साथ वज्रपात की संभावना है.

बिहार मौसम विभाग
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 19, 2024, 7:02 AM IST

पटना: बिहार में सोमवार रात से ही मौसम का मिजाज बिगड़ रहा है. विभाग की तरफ से 19 से 23 मार्च तक आंधी-तूफान और बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी कर दिया गया है. वहीं आम लोगों से संभावित खतरे को देखते हुए घरों में ही रहने की अपील की गई.

इन जिलों में आज होगी बारिश: 19 मार्च यानी आज जहानाबाद, शेखपुरा, नवादा, बेगूसराय, लखीसराय, जमुई, बांका, भागलपुर, मुंगेर, खगड़िया, सहरसा, मधेपुरा, किशनगंज, बक्सर, भोजपुर, रोहतास, भभुआ, औरंगाबाद, अरवल, गया, पटना, अररिया, पूर्णिया, कटिहार और सुपौल में हल्की बारिश होने की संभावना है. वहीं 20 से मार्च को लगभग सभी जिलों में तेज बारिश के साथ वज्रपात हो सकता है.

पत्र जारी कर मौसम विभाग ने किया अलर्ट: मौसम विभाग की तरफ से बताया गया कि राज्य में आद्रता में वृद्धि और पश्चिमी विक्षोभ के संयुक्त प्रभाव होने से आज यानि 19 मार्च से 22 मार्च तक राज्य में अनेक स्थानों में वर्षा होने का पूर्वानुमान है. विशेष कर इस दौरान दक्षिण और पूर्व बिहार के कुछ स्थानों में हल्की से मध्यम स्तर की वर्षा (10-30 मिलीमीटर) होने की संभावना है. आज से 21 मार्च की अवधि के दौरान दक्षिण एवं पूर्व बिहार के कुछ स्थानों जबकि शेष भागों के एक या दो स्थानों में मेघगर्जन के साथ वज्रपात और सतही हवा की गति झोंको के साथ 30-40 किमी प्रति घंटे रहने की भी संभावना है.

इस मौसम के संभावित प्रभावः विभाग ने इस दौरान होने वाले संभावित प्रभावों की जानकारी भी दी है. बताया कि वज्रपात से जान-माल एवं पशु हानि की संभावना है. वर्षा के साथ आंधी / वज्रपात से फसलों एवं फलदार वृक्षों को नुकसान हो सकता है, वहीं झुग्गी झोपड़ी / टीन / कच्चे मकानों पर भी इसका प्रभाव पड़ सकता है.

वज्रपात से बचने को लेकर उपाय: मौसम बिगड़ने पर लोगों को अपने घरों में ही दुबकने की सलाह दी गई है. वहीं बिजली चमकने या गरगराहट की आवाज सुनाई देने पर किसानों और बाहर रहे अन्य लोगों को तुरंत ही पक्के घर में शरण लेने की सलाह दी जाती हैं. पेड़ों के नीचे और विशेष रूप से अलग-थलग पेड़ों के नीचे नहीं रहना है, क्योंकि ये बिजली के सुचालक होते हैं. किसानों को मौसम ठीक होने के बाद खेती का काम करने की सलाह दी गई है.

ये भी पढ़ें: बिहार में अगले दो दिन वज्रपात के साथ होगी झमाझम बारिश, जानें पिछले 24 घंटे में क्या रहा तापमान

पटना: बिहार में सोमवार रात से ही मौसम का मिजाज बिगड़ रहा है. विभाग की तरफ से 19 से 23 मार्च तक आंधी-तूफान और बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी कर दिया गया है. वहीं आम लोगों से संभावित खतरे को देखते हुए घरों में ही रहने की अपील की गई.

इन जिलों में आज होगी बारिश: 19 मार्च यानी आज जहानाबाद, शेखपुरा, नवादा, बेगूसराय, लखीसराय, जमुई, बांका, भागलपुर, मुंगेर, खगड़िया, सहरसा, मधेपुरा, किशनगंज, बक्सर, भोजपुर, रोहतास, भभुआ, औरंगाबाद, अरवल, गया, पटना, अररिया, पूर्णिया, कटिहार और सुपौल में हल्की बारिश होने की संभावना है. वहीं 20 से मार्च को लगभग सभी जिलों में तेज बारिश के साथ वज्रपात हो सकता है.

पत्र जारी कर मौसम विभाग ने किया अलर्ट: मौसम विभाग की तरफ से बताया गया कि राज्य में आद्रता में वृद्धि और पश्चिमी विक्षोभ के संयुक्त प्रभाव होने से आज यानि 19 मार्च से 22 मार्च तक राज्य में अनेक स्थानों में वर्षा होने का पूर्वानुमान है. विशेष कर इस दौरान दक्षिण और पूर्व बिहार के कुछ स्थानों में हल्की से मध्यम स्तर की वर्षा (10-30 मिलीमीटर) होने की संभावना है. आज से 21 मार्च की अवधि के दौरान दक्षिण एवं पूर्व बिहार के कुछ स्थानों जबकि शेष भागों के एक या दो स्थानों में मेघगर्जन के साथ वज्रपात और सतही हवा की गति झोंको के साथ 30-40 किमी प्रति घंटे रहने की भी संभावना है.

इस मौसम के संभावित प्रभावः विभाग ने इस दौरान होने वाले संभावित प्रभावों की जानकारी भी दी है. बताया कि वज्रपात से जान-माल एवं पशु हानि की संभावना है. वर्षा के साथ आंधी / वज्रपात से फसलों एवं फलदार वृक्षों को नुकसान हो सकता है, वहीं झुग्गी झोपड़ी / टीन / कच्चे मकानों पर भी इसका प्रभाव पड़ सकता है.

वज्रपात से बचने को लेकर उपाय: मौसम बिगड़ने पर लोगों को अपने घरों में ही दुबकने की सलाह दी गई है. वहीं बिजली चमकने या गरगराहट की आवाज सुनाई देने पर किसानों और बाहर रहे अन्य लोगों को तुरंत ही पक्के घर में शरण लेने की सलाह दी जाती हैं. पेड़ों के नीचे और विशेष रूप से अलग-थलग पेड़ों के नीचे नहीं रहना है, क्योंकि ये बिजली के सुचालक होते हैं. किसानों को मौसम ठीक होने के बाद खेती का काम करने की सलाह दी गई है.

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