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Watch Video: अचानक सोन नदी का जलस्तर बढ़ने से बीच मझधार में फंसे 40 लोग, SDRF की टीम देवदूत बनकर पहुंची - flood in Sone river in rohtas - FLOOD IN SONE RIVER IN ROHTAS

Flood In Sone River In Rohtas: रोहतास में सोन नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया. इस दौरान पशुओं के लिए चारा लाने गए बिहार- झारखंड के 40 लोग नदी के बीच में बने टीले में फंस गए. घटना की सूचना के बाद एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची. पढ़ें पूरी खबर.

सोन नदी में फंसे 40 लोग
सोन नदी में फंसे 40 लोग (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 5, 2024, 12:49 PM IST

Updated : Aug 5, 2024, 1:00 PM IST

सोन नदी के बाढ़ में फंसे 40 लोग (ETV Bharat)

रोहतास: बिहार के रोहतास में मूसलाधार बारिश के कारण सोन नदी में जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. ऐसे में सोन नदी के टीले पर मवेशियों के साथ जाने वाले कई पशुपालक अचानक नदी का जलस्तर बढ़ने से फंस गए. प्रशासन के द्वारा एसडीआरएफ की टीम को बुलाया गया और सभी लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया.

पशुपालक और किसानों को निकालने के लिए पहुंची SDRF
पशुपालक और किसानों को निकालने के लिए पहुंची SDRF (ETV Bharat)

सोन नदी के बाढ़ में फंसे 40 लोग: दअरसल रोहतास के पहाड़ी इलाके चुटिया थाना क्षेत्र के रहने वाले 15 से अधिक पशुपालक सोन नदी के बीच में स्थित ऊंचे स्थान के टीले पर फंस गए थे, जिसे निकालने के लिए एसडीआरएफ की टीम को बुलाया गया था. देवदूत बनकर एसडीआरएफ की टीम पहुंची और टीले में फंसे सभी लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है.

सोन नदी का जलस्तर बढ़ा
सोन नदी का जलस्तर बढ़ा (ETV Bharat)

अचानक जलस्तर बढ़ने से अफरा-तफरी: बता दें कि झारखंड के गढ़वा जिला के केतार के लोहरगाढ़ा के पास ज्यादातर लोग फंसे थे, इसमें बिहार के रोहतास जिला के चुटिया के अलावा झारखंड के गढ़वा के केतार के भी कुछ लोग फंसे हुए थे. जानकारी के अनुसार कुल 40 लोग में फंसे थे. साथ ही कई मवेशी भी फंसे हुए थे. टीम ने सभी का रेस्क्यू कर लिया है.

प्रशासन ने की लोगों से ये अपील: स्थानीय लोगों का कहना है कि तिलौथू अमझोर, रोहतास ,नोहटा सहित इलाके के काफी लोग सोने के टीले पर ही खेती व मवेशियों को चरा कर अपनी जीविका गुजारते हैं. मवेशी को चारा देने और थोड़ा बहुत खेती करने के उद्देश्य से लोग सोन नदी के बीच के टीले पर चले जाते हैं, लेकिन अचानक सोन नदी में बाढ़ आ जाने के कारण यह दिक्कत हुई है. वहीं मामले को लेकर अधिकारी का कहना है कि एसडीआरएफ की टीम लगाई गई है. इलाके में अलर्ट को लेकर माइकिंग भी कराई जा रही है.

40 लोगों और मवेशियों का SDRF ने किया रेस्क्यू
40 लोगों और मवेशियों का SDRF ने किया रेस्क्यू (ETV Bharat)

"गांव बगल में सोन नदी के बीच में एक टीला है. इसमें गांव के अगल बगल के लोग खेती करने जाते हैं. वहीं पशुपालक अपने मवेशियों को लेकर आते-जाते रहते हैं. एकाएक सोन नदी में बाढ़ आ जाने से लोग फंस गए थे."- भगवान पांडे, स्थानीय निवासी

"किसी भी खतरे से निपटने को लेकर प्रशासन पूरी तरह से तैयार है. इसकी सूचना पूर्व में भी सभी किसानों को दे दी गई थी. अभी भी उनसे अपील है कि जो भी किसान सोन के टीले पर हैं वापस टीले को छोड़कर घर वापस आ जाएं."- सूर्यप्रताप सिंह, एसडीएम, डेहरी रोहतास

सोन नदी के लिए टीले पर की जाती है खेती: गौरतलब है कि सोन नदी में अचानक हुई जलस्तर में वृद्धि को लेकर किसानों के समक्ष बड़ी समस्या खड़ी हो गई है.सोन नदी टीले पर अरहर व सब्जी के साथ धान की खेती भी बड़े पैमाने पर की जाती है. वहीं किसान सैकड़ों की संख्या में जानवरों को भी वहीं रखते हैं. जब सोन नदी में जलस्तर बढ़ता है तो सभी किसान सबसे ऊंचे सोन के टीले पर चले जाते हैं, जहां पर बाढ़ का पानी पहुंचना आसान नहीं होता है.

उपजाऊ भूमि के कारण फसल अच्छी: सोन के टीले पर किसानों का आशियाना बहुत लंबे समय से है. यहां उपजाऊ भूमि मिल जाने के कारण उपज अच्छी होती है. वहीं किसानों को कोई लगान वगैरह भी नहीं देना पड़ता है. खेती करने के लिए किसान मोटर पंप का इस्तेमाल भी करते हैं. वही अपना मड़ई लगाकर यह लोग पूरे परिवार के साथ रहते हैं. मड़ई में ही इनका रहना खाना पीना व सोना भी होता है. साथ ही बकरी, गाय और भैंस पालते हैं.

सोन नदी के तटीय इलाकों में हाई अलर्ट: वहीं बाढ़ के हालातों के मद्देनजर सोन नदी के तटीय इलाकों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. आम लोगों को भी फिलहाल सोन नदी के किनारे जाने की मनाही है. बढ़ते जलस्तर को देखते हुए खासकर बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश के इलाकों में अलर्ट जारी है.

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सोन नदी के बाढ़ में फंसे 40 लोग (ETV Bharat)

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पशुपालक और किसानों को निकालने के लिए पहुंची SDRF
पशुपालक और किसानों को निकालने के लिए पहुंची SDRF (ETV Bharat)

सोन नदी के बाढ़ में फंसे 40 लोग: दअरसल रोहतास के पहाड़ी इलाके चुटिया थाना क्षेत्र के रहने वाले 15 से अधिक पशुपालक सोन नदी के बीच में स्थित ऊंचे स्थान के टीले पर फंस गए थे, जिसे निकालने के लिए एसडीआरएफ की टीम को बुलाया गया था. देवदूत बनकर एसडीआरएफ की टीम पहुंची और टीले में फंसे सभी लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है.

सोन नदी का जलस्तर बढ़ा
सोन नदी का जलस्तर बढ़ा (ETV Bharat)

अचानक जलस्तर बढ़ने से अफरा-तफरी: बता दें कि झारखंड के गढ़वा जिला के केतार के लोहरगाढ़ा के पास ज्यादातर लोग फंसे थे, इसमें बिहार के रोहतास जिला के चुटिया के अलावा झारखंड के गढ़वा के केतार के भी कुछ लोग फंसे हुए थे. जानकारी के अनुसार कुल 40 लोग में फंसे थे. साथ ही कई मवेशी भी फंसे हुए थे. टीम ने सभी का रेस्क्यू कर लिया है.

प्रशासन ने की लोगों से ये अपील: स्थानीय लोगों का कहना है कि तिलौथू अमझोर, रोहतास ,नोहटा सहित इलाके के काफी लोग सोने के टीले पर ही खेती व मवेशियों को चरा कर अपनी जीविका गुजारते हैं. मवेशी को चारा देने और थोड़ा बहुत खेती करने के उद्देश्य से लोग सोन नदी के बीच के टीले पर चले जाते हैं, लेकिन अचानक सोन नदी में बाढ़ आ जाने के कारण यह दिक्कत हुई है. वहीं मामले को लेकर अधिकारी का कहना है कि एसडीआरएफ की टीम लगाई गई है. इलाके में अलर्ट को लेकर माइकिंग भी कराई जा रही है.

40 लोगों और मवेशियों का SDRF ने किया रेस्क्यू
40 लोगों और मवेशियों का SDRF ने किया रेस्क्यू (ETV Bharat)

"गांव बगल में सोन नदी के बीच में एक टीला है. इसमें गांव के अगल बगल के लोग खेती करने जाते हैं. वहीं पशुपालक अपने मवेशियों को लेकर आते-जाते रहते हैं. एकाएक सोन नदी में बाढ़ आ जाने से लोग फंस गए थे."- भगवान पांडे, स्थानीय निवासी

"किसी भी खतरे से निपटने को लेकर प्रशासन पूरी तरह से तैयार है. इसकी सूचना पूर्व में भी सभी किसानों को दे दी गई थी. अभी भी उनसे अपील है कि जो भी किसान सोन के टीले पर हैं वापस टीले को छोड़कर घर वापस आ जाएं."- सूर्यप्रताप सिंह, एसडीएम, डेहरी रोहतास

सोन नदी के लिए टीले पर की जाती है खेती: गौरतलब है कि सोन नदी में अचानक हुई जलस्तर में वृद्धि को लेकर किसानों के समक्ष बड़ी समस्या खड़ी हो गई है.सोन नदी टीले पर अरहर व सब्जी के साथ धान की खेती भी बड़े पैमाने पर की जाती है. वहीं किसान सैकड़ों की संख्या में जानवरों को भी वहीं रखते हैं. जब सोन नदी में जलस्तर बढ़ता है तो सभी किसान सबसे ऊंचे सोन के टीले पर चले जाते हैं, जहां पर बाढ़ का पानी पहुंचना आसान नहीं होता है.

उपजाऊ भूमि के कारण फसल अच्छी: सोन के टीले पर किसानों का आशियाना बहुत लंबे समय से है. यहां उपजाऊ भूमि मिल जाने के कारण उपज अच्छी होती है. वहीं किसानों को कोई लगान वगैरह भी नहीं देना पड़ता है. खेती करने के लिए किसान मोटर पंप का इस्तेमाल भी करते हैं. वही अपना मड़ई लगाकर यह लोग पूरे परिवार के साथ रहते हैं. मड़ई में ही इनका रहना खाना पीना व सोना भी होता है. साथ ही बकरी, गाय और भैंस पालते हैं.

सोन नदी के तटीय इलाकों में हाई अलर्ट: वहीं बाढ़ के हालातों के मद्देनजर सोन नदी के तटीय इलाकों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. आम लोगों को भी फिलहाल सोन नदी के किनारे जाने की मनाही है. बढ़ते जलस्तर को देखते हुए खासकर बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश के इलाकों में अलर्ट जारी है.

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Last Updated : Aug 5, 2024, 1:00 PM IST
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