पटनाः 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद अब 2025 में होनेवाले बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी दलों ने अपनी कमर कस ली है और फिलहाल जिस तरह का बिहार में सियासी परिदृश्य है उसमें साफ दिख रहा है कि लोकसभा चुनाव की तरह 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में भी NDA और महागठबंधन की सीधी टक्कर होनेवाली है.
2020 से अलग है 2025 का सियासी ताना-बानाः 2020 का विधानसभा चुनाव भी NDA और महागठबंधन के बीच ही लड़ा गया था. हालांकि तब और 2025 के सियासी ताने-बाने में थोड़ा बदलाव हो चुका है. दरअसल 2020 के विधानसभा चुनाव के दौरान चिराग पासवान NDA से अलग हो गये थे, जिसका भारी खामियाजा जेडीयू के साथ-साथ बीजेपी को चुकाना पड़ा था.
चिराग के कारण NDA को हुआ था 50 सीट का नुकसानः ईटीवी भारत से बातचीत में वरिष्ठ पत्रकार सुनील पांडेय ने बताया कि " 2020 के विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान के कारण जेडीयू को लगभग 36 सीट पर नुकसान हुआ था वहीं बीजेपी को 13 से 14 सीट पर नुकसान उठाना पड़ा था.यानी लगभग 50 सीटों पर चिराग के कारण एनडीए को नुकसान उठाना पड़ा। इस बार चिराग पासवान एनडीए के साथ खड़े हैं. इससे एनडीए को जरूर फायदा होगा."
उपेंद्र कुशवाहा भी अब NDA के साथः इसके अलावा 2020 में अपना अलग मोर्चा खड़ कर चुनाव लड़नेवाले उपेंद्र कुशवाहा भी अब NDA के साथ हैं. हालांकि 2024 के लोकसभा चुनाव में जिस तरीके से कुशवाहा और वैश्य वोटर्स का झुकाव महागठबंधन की तरफ दिखा है वो NDA के लिए चिंता का विषय जरूर है. सुनील पांडेय का कहना है "आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी के सामने सबसे बड़ी चुनौती होगी कि कुशवाहा और वैश्य वोट को किस तरीके से अपने पक्ष में किया जाए ?"
वीआईपी के आने से महागठबंधन को मिली है मजबूतीः ऐसा नहीं है कि 2020 के बाद सिर्फ NDA ने अपना कुनबा बढ़ाया है बल्कि महागठबंधन ने भी 2020 के विधानसभा चुनाव में NDA के साथ रहे वीआईपी को अपने पाले में कर लिया है. जाहिर है 2020 में मुकेश सहनी के कारण जो वोट NDA को मिले थे वो वोट बैंक अब महागठबंधन के साथ आ सकता है.
2025 में NDA का नया स्वरूपः 2020 में NDA के बैनर तले बीजेपी, जेडीयू, हम और वीआईपी ने मिलकर चुनाव लड़ा और 125 सीटें जीतने में सफल रहे. वहीं अब 2025 में NDA के कुनबे से मुकेश सहनी अपनी वीआईपी के साथ निकल चुके हैं तो चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा जुड़ गये हैं.
2025 में महागठबंधन का स्वरूपः 2020 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन में आरजेडी, कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियां शामिल थीं. इस बार भी महागठबंधन में आरजेडी, कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियां तो है ही, मुकेश साहनी की वीआईपी भी अब महागठबंधन के साथ. 2024 के लोकसभा चुनाव में तो आरजेडी के तेजस्वी यादव और वीआईपी के मुकेश सहनी ने ही मिलकर महागठबंधन के प्रत्याशियों के लिए धुआंधार प्रचार किया.
'जिसके साथ नीतीश, उसकी जीत तय': 2025 के विधानसभा चुनाव को लेकर जेडीयू अभी से उत्साहित है, क्योंकि 2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजों ने पार्टी को संजीवनी प्रदान किया है. जेडीयू के प्रवक्ता "अभिषेक झा का कहना है कि "यह इतिहास रहा है कि नीतीश कुमार जिसके साथ रहे हैं बिहार में उसकी ही सरकार बनी है."
"2020 के विधानसभा चुनाव में कुछ कंफ्यूजन था जिसके कारण उनकी पार्टी को कम सीट मिली थी लेकिन आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ने के लिए NDA पूरी तरीके से एकजुट है.आगामी विधानसभा चुनाव में NDA गठबंधन 200 से ज्यादा सीट जीतकर फिर से सरकार बनाएगा." अभिषेक झा, प्रवक्ता, जेडीयू
'जनता ने आरजेडी को दिखाई औकात': वहीं बीजेपी भी जीत के प्रति आश्वस्त दिख रही है. पार्टी प्रवक्ता मनीष पांडेय का कहना है कि "2024 लोकसभा चुनाव में बिहार की जनता ने आरजेडी को औकात बता दी और पार्टी की अंतिम यात्रा के लिए चार सांसद जिता कर दे दिए. 2025 में नीतीश कुमार के नेतृत्व में NDA के सभी घटक दल एकजुट होकर चुनाव लड़ेंगे और बिहार में एक बार फिर से NDA की सरकार बनेगी."
'तेजस्वी यादव के नेतृत्व में बनेगी महागठबंधन की सरकार': जेडीयू और बीजेपी जहां NDA की जीत का दावा कर रहे हैं वहीं आरजेडी को तेजस्वी के करिश्मे पर भरोसा है. आरजेडी के प्रवक्ता एजाज अहमद का कहना है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में जिस तरह से बिहार की जनता ने तेजस्वी यादव के नाम पर महागठबंधन को वोट दिया है, वही प्यार और समर्थन तेजस्वी को 2025 के विधानसभा चुनाव में भी मिलेगा. 2025 में तेजस्वी के नेतृत्व में ही सरकार बनेगी. लाख कोशिशों के बावजूद जेडीयू और बीजेपी तेजस्वी को नहीं रोक पाएंगे."
2020 विधानसभा चुनाव के परिणाम पर नजर: 2020 के विधानसभा चुनाव के नतीजों की बात करें तो मुकाबला बेहद ही नजदीकी भरा रहा. 243 सीटों के लिए हुए चुनाव में NDA कुल 125 सीटें हासिल कर बमुश्किल से बहुमत का आंकड़ा पार कर पाया था. वहीं शानदार प्रदर्शन करते हुए महागठबंधन 110 सीट जीतने में सफल रहा था.
'अग्निपरीक्षा' में कौन उतरेगा खरा ?: 2024 के लोकसभा चुनाव में 30 सीटें जीतकर और विधानसभा की करीब 175 सीटों पर आगे रहकर NDA 2025 की लड़ाई में आगे तो दिख रहा है लेकिन ये बात कतई नहीं भूलनी चाहिए कि 2019 के लोकसभा चुनाव में 39 सीट जीतने के बाद भी 2020 के विधानसभा चुनाव में NDA 2019 वाली सफलता नहीं दोहरा पाया था. इस बार तो महागठबंधन लोकसभा की 9 सीट जीतने में सफल भी रहा है. जाहिर है 2025 का विधानसभा चुनाव NDA और महागठबंधन के लिए किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है.
'विधानसभा चुनाव में पूरा पिछड़ा समाज राजद के साथ रहेगा'- अभय कुशवाहा का दावा - RJD Review meeting