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'SP-DM मिलने का समय नहीं देते', अफसरशाही को लेकर BJP विधायक ने अपनी ही सरकार को घेरा

Bihar Vidhan Sabha: बिहार विधानसभा में एक बार फिर राज्य में अफसरशाही का मामला गूंजा. इसको लेकर बीजेपी विधायक मिथिलेश कुमार ने अपनी ही सरकार पर सवाल उठाए. मिथिलेश कुमार ने कहा कि एसपी-डीएम जनप्रतिनिधियों को मिलने का समय नहीं देते हैं. विपक्ष के कई विधायकों ने भी मिथिलेश कुमार की बातों का समर्थन किया.

श्रवण कुमार
बिहार विधानसभा
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 1, 2024, 2:22 PM IST

Updated : Mar 1, 2024, 3:36 PM IST

बिहार विधानसभा

पटनाः शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव के के पाठक तो केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर चले गये, लेकिन अफसरशाही को लेकर बिहार में घामसान जारी है. इसकी गूंज एक बार फिर बिहार विधानसभा में सुनाई पड़ी जब इस मुद्दे को लेकर बीजेपी विधायक मिथिलेश कुमार ने अपनी ही सरकार को घेरा. विपक्षी सदस्यों ने भी मिथिलेश कुमार का जोरदार समर्थन किया.

अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग: सीतामढ़ी से बीजेपी विधायक मिथिलेश कुमार ने विधानसभा में ये मुद्दा उठाया और कहा कि 'समय मांगने के बावजूद एसपी या डीएम समय नहीं देते हैं. जब अधिकारी समय नहीं देंगे तो हमलोग क्षेत्र के लोगों का काम कैसे करवाएंगे. उन्होंने सरकार से मांग की कि "ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए."

27 फरवरी को निकला है नया आदेशः विधायक के सवाल पर जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि "वैसे तो पहले से ही ये व्यवस्था है कि एसपी-डीएम सप्ताह में कम से कम एक दिन का समय स्थानीय जनप्रतिनिधियों को दें, एक बार फिर से 27 फरवरी को सभी जिलों के डीएम-एसपी, कमिश्नर,आईजी,डीआईजी से लेकर तमाम बड़े अधिकारियों को इस संबंध में निदेशित किया गया है."

मंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं दिखे विधायक:सरकार के जवाब से न सिर्फ बीजेपी विधायक बल्कि आरजेडी के ललित यादव और समीर महासेठ भी असंतुष्ट होकर खड़े हो गए और मांग करने लगे कि वैसे अधिकारी पर सख्त कार्रवाई हो, जो विधायकों-सांसदों से मुलाकात नहीं करते. इस पर प्रभारी मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि "निश्चित रूप से जानकारी मिलने पर वैसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी.'

विपक्ष लगाता रहा है अफसरशाही का आरोप: ऐसा पहली बार नहीं है कि बिहार में अफसरशाही होने का मामला विधानसभा में उठा है. हाल के दिनों में तो शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव के के पाठक की कार्यशैली को लेकर सदन में कई बार हंगामा हो चुका है. इतना ही नहीं महागठबंधन की सरकार में शिक्षा मंत्री रहे चंद्रशेखर और के के पाठक के बीच विवाद सुर्खियों में रहा था. बाद में चंद्रशेखर का विभाग तक बदल दिया गया था.

ये भी पढ़ें:बिहार में कार्यपालिका Vs विधायिकाः नीतीश को अधिकारियों पर भरोसा, नहीं सुनते मंत्रियों की शिकाय

ये भी पढ़ेंः'बिहार में अफसरशाही हावी', राबड़ी देवी बोलीं- 'नीतीश कुमार ने अधिकारियों का मन बढ़ा दिया है'

ये भी पढ़ेंःBDO साहब की शिकायत लेकर जनता दरबार में पहुंचे मुखिया जी

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पटनाः शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव के के पाठक तो केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर चले गये, लेकिन अफसरशाही को लेकर बिहार में घामसान जारी है. इसकी गूंज एक बार फिर बिहार विधानसभा में सुनाई पड़ी जब इस मुद्दे को लेकर बीजेपी विधायक मिथिलेश कुमार ने अपनी ही सरकार को घेरा. विपक्षी सदस्यों ने भी मिथिलेश कुमार का जोरदार समर्थन किया.

अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग: सीतामढ़ी से बीजेपी विधायक मिथिलेश कुमार ने विधानसभा में ये मुद्दा उठाया और कहा कि 'समय मांगने के बावजूद एसपी या डीएम समय नहीं देते हैं. जब अधिकारी समय नहीं देंगे तो हमलोग क्षेत्र के लोगों का काम कैसे करवाएंगे. उन्होंने सरकार से मांग की कि "ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए."

27 फरवरी को निकला है नया आदेशः विधायक के सवाल पर जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि "वैसे तो पहले से ही ये व्यवस्था है कि एसपी-डीएम सप्ताह में कम से कम एक दिन का समय स्थानीय जनप्रतिनिधियों को दें, एक बार फिर से 27 फरवरी को सभी जिलों के डीएम-एसपी, कमिश्नर,आईजी,डीआईजी से लेकर तमाम बड़े अधिकारियों को इस संबंध में निदेशित किया गया है."

मंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं दिखे विधायक:सरकार के जवाब से न सिर्फ बीजेपी विधायक बल्कि आरजेडी के ललित यादव और समीर महासेठ भी असंतुष्ट होकर खड़े हो गए और मांग करने लगे कि वैसे अधिकारी पर सख्त कार्रवाई हो, जो विधायकों-सांसदों से मुलाकात नहीं करते. इस पर प्रभारी मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि "निश्चित रूप से जानकारी मिलने पर वैसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी.'

विपक्ष लगाता रहा है अफसरशाही का आरोप: ऐसा पहली बार नहीं है कि बिहार में अफसरशाही होने का मामला विधानसभा में उठा है. हाल के दिनों में तो शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव के के पाठक की कार्यशैली को लेकर सदन में कई बार हंगामा हो चुका है. इतना ही नहीं महागठबंधन की सरकार में शिक्षा मंत्री रहे चंद्रशेखर और के के पाठक के बीच विवाद सुर्खियों में रहा था. बाद में चंद्रशेखर का विभाग तक बदल दिया गया था.

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Last Updated : Mar 1, 2024, 3:36 PM IST
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