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बिहार में आई शिक्षकों की वैकेंसी की बहार तो बढ़ गई B.Ed अभ्यर्थियों की संख्या, इग्नू को बढ़ानी पड़ी सीटें - Bihar Teacher Recruitment

बिहार में शिक्षकों की वैकेंसी की बाहर आ गई है. इसके साथ ही b.ed के अभ्यर्थियों की संख्या भी बढ़ गई है. ऐसे में इग्नू b.ed की सीटें बढ़ानी पड़ी है. अब 110 के बजाय 495 सीटों पर नामांकन किया गया है.

इग्नू पटना
इग्नू पटना (Photo Credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 2, 2024, 9:55 AM IST

Updated : Aug 2, 2024, 10:43 AM IST

इग्नू पटना के क्षेत्रीय निदेशक डॉ अभिलाष नायक (Video Credit: ETV Bharat)

पटना: बीते डेढ़ वर्षों में बिहार में शिक्षकों की वैकेंसी जिस प्रकार आई है, उसका परिणाम है कि प्रदेश में b.ed करने वाले अभ्यर्थियों की संख्या में इजाफा हुआ है. अभ्यर्थियों की संख्या बढ़ने से संस्थानों में बीएड की सीटों को भी बढ़ाना पड़ा है. इग्नू में b.ed की सीट इस शैक्षणिक सत्र में लगभग 5 गुनी बढ़ाई गई है. इस बात की जानकारी इग्नू पटना के क्षेत्रीय निदेशक डॉ अभिलाष नायक ने दी है.

110 से बढ़कर 495 हुई b.ed की सीटें: इग्नू पटना के क्षेत्रीय निदेशक डॉ अभिलाष नायक ने बताया कि इग्नू में महज 55000 रुपए में 2 वर्ष का b.ed पाठ्यक्रम पूरा कराया जाता है. इसी फीस में सभी स्टडी मैटेरियल भी इंक्लूड होता है. इस वर्ष b.ed की एंट्रेंस में अभ्यर्थियों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है. ऐसे में पिछले वर्ष तक जहां बिहार के रीजनल सेंटरों में b.ed के लिए पूर्व में जहां 110 सीटें थी, वह अब बढ़कर 495 हो गई है.

"पहले पटना और भागलपुर सेंटर के लिए 55 सीटें थी. वह बढ़कर के 330 सीट हो गई है. दरभंगा और सहरसा के सेंटर पर पहले जहां 55 सीट थी वह अब बढ़कर के 165 सीट हो गई है. पटना के पांच केंद्रों पर b.ed की पढ़ाई आगामी शैक्षणिक सत्र से शुरू हो रही है." -डॉ अभिलाष नायक,क्षेत्रीय निदेशक,इग्नू पटना

इग्नू का अपना होता है b.ed एंट्रेंस टेस्ट: डॉ अभिलाष नायक ने बताया कि इग्नू का अलग से बीएड के लिए एंट्रेंस टेस्ट होता है जो नेशनल लेवल पर होता है. विभिन्न रीजनल सेंटर के लिए अभ्यर्थी इसमें अप्लाई करते हैं. जिस सेंटर के लिए अभ्यर्थी अप्लाई करते हैं, वहीं के लिए ही वह क्वालीफाई होते हैं और क्वालीफाई के बाद उन्हें केंद्रों पर नामांकन लेना होता है. उन्होंने बताया कि इग्नू के b.ed एंट्रेंस के लिए कई शर्ते हैं. सबसे जरूरी है कि अभ्यर्थियों का स्नातक होना अनिवार्य है और उसके बाद रेगुलर कोर्स में डीएलएड जरूरी है. दोनों कोर्स का शैक्षणिक सत्र अलग होना चाहिए.

और बढ़ सकती हैं सीटें: डॉ अभिलाष नायक ने कहा कि अभ्यर्थियों को जानना जरूरी है कि इग्नू b.ed पाठ्यक्रम करा रहा है. अधिक से अधिक अभ्यर्थी आवेदन करेंगे तो अगले शैक्षणिक सत्र से b.ed की संख्या में भी इजाफा होगा. अभ्यर्थियों की संख्या को देखते हुए सीट की संख्या में भी इजाफा होता है. b.ed करने वाले अभ्यर्थियों की रुचि बढ़ी है और अभ्यर्थी अधिक संख्या में आ रहे हैं इसके वजह से इस शैक्षिक सत्र में सीटें बढ़ानी पड़ी है. बिहार में इग्नू के बेड के लिए 495 सीटों के लिए लगभग 3000 अभ्यर्थी क्वालीफाई किए हैं. इन्हीं अभ्यर्थियों में से इन सीटों पर नामांकन होगा.

ये भी पढ़ें- बिहार में नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए काउंसलिंग शुरू, जानें क्या है पूरी प्रक्रिया - Niyojit Shikshak Counselling

इग्नू पटना के क्षेत्रीय निदेशक डॉ अभिलाष नायक (Video Credit: ETV Bharat)

पटना: बीते डेढ़ वर्षों में बिहार में शिक्षकों की वैकेंसी जिस प्रकार आई है, उसका परिणाम है कि प्रदेश में b.ed करने वाले अभ्यर्थियों की संख्या में इजाफा हुआ है. अभ्यर्थियों की संख्या बढ़ने से संस्थानों में बीएड की सीटों को भी बढ़ाना पड़ा है. इग्नू में b.ed की सीट इस शैक्षणिक सत्र में लगभग 5 गुनी बढ़ाई गई है. इस बात की जानकारी इग्नू पटना के क्षेत्रीय निदेशक डॉ अभिलाष नायक ने दी है.

110 से बढ़कर 495 हुई b.ed की सीटें: इग्नू पटना के क्षेत्रीय निदेशक डॉ अभिलाष नायक ने बताया कि इग्नू में महज 55000 रुपए में 2 वर्ष का b.ed पाठ्यक्रम पूरा कराया जाता है. इसी फीस में सभी स्टडी मैटेरियल भी इंक्लूड होता है. इस वर्ष b.ed की एंट्रेंस में अभ्यर्थियों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है. ऐसे में पिछले वर्ष तक जहां बिहार के रीजनल सेंटरों में b.ed के लिए पूर्व में जहां 110 सीटें थी, वह अब बढ़कर 495 हो गई है.

"पहले पटना और भागलपुर सेंटर के लिए 55 सीटें थी. वह बढ़कर के 330 सीट हो गई है. दरभंगा और सहरसा के सेंटर पर पहले जहां 55 सीट थी वह अब बढ़कर के 165 सीट हो गई है. पटना के पांच केंद्रों पर b.ed की पढ़ाई आगामी शैक्षणिक सत्र से शुरू हो रही है." -डॉ अभिलाष नायक,क्षेत्रीय निदेशक,इग्नू पटना

इग्नू का अपना होता है b.ed एंट्रेंस टेस्ट: डॉ अभिलाष नायक ने बताया कि इग्नू का अलग से बीएड के लिए एंट्रेंस टेस्ट होता है जो नेशनल लेवल पर होता है. विभिन्न रीजनल सेंटर के लिए अभ्यर्थी इसमें अप्लाई करते हैं. जिस सेंटर के लिए अभ्यर्थी अप्लाई करते हैं, वहीं के लिए ही वह क्वालीफाई होते हैं और क्वालीफाई के बाद उन्हें केंद्रों पर नामांकन लेना होता है. उन्होंने बताया कि इग्नू के b.ed एंट्रेंस के लिए कई शर्ते हैं. सबसे जरूरी है कि अभ्यर्थियों का स्नातक होना अनिवार्य है और उसके बाद रेगुलर कोर्स में डीएलएड जरूरी है. दोनों कोर्स का शैक्षणिक सत्र अलग होना चाहिए.

और बढ़ सकती हैं सीटें: डॉ अभिलाष नायक ने कहा कि अभ्यर्थियों को जानना जरूरी है कि इग्नू b.ed पाठ्यक्रम करा रहा है. अधिक से अधिक अभ्यर्थी आवेदन करेंगे तो अगले शैक्षणिक सत्र से b.ed की संख्या में भी इजाफा होगा. अभ्यर्थियों की संख्या को देखते हुए सीट की संख्या में भी इजाफा होता है. b.ed करने वाले अभ्यर्थियों की रुचि बढ़ी है और अभ्यर्थी अधिक संख्या में आ रहे हैं इसके वजह से इस शैक्षिक सत्र में सीटें बढ़ानी पड़ी है. बिहार में इग्नू के बेड के लिए 495 सीटों के लिए लगभग 3000 अभ्यर्थी क्वालीफाई किए हैं. इन्हीं अभ्यर्थियों में से इन सीटों पर नामांकन होगा.

ये भी पढ़ें- बिहार में नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए काउंसलिंग शुरू, जानें क्या है पूरी प्रक्रिया - Niyojit Shikshak Counselling

Last Updated : Aug 2, 2024, 10:43 AM IST
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