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'सदन से लेकर सड़क तक करेंगे आंदोलन', आरक्षण के मुद्दे पर तेजस्वी यादव का बड़ा ऐलान - TEJASHWI YADAV

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 3, 2024, 12:40 PM IST

Updated : Aug 3, 2024, 12:47 PM IST

Tejashwi Yadav: आरक्षण को लेकर बिहार में सियासत जारी है. तेजस्वी यादव लगातार डबल इंजन की सरकार पर हमला कर रहे हैं. आरजेडी अब सदन से लेकर सड़क तक की लड़ाई लड़ने की तैयारी में है. कल प्रेस कांफ्रेंस कर और आज सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करके तेजस्वी ने केंद्र और राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया.

आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाएंगे तेजस्वी
आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाएंगे तेजस्वी (ETV Bharat)

पटना: बिहार में भी कोटे में कोटा और क्रीमी लेयर का विरोध शुरू हो गया है. इस मामले को लेकर आरजेडी ने सुप्रीम कोर्ट जाने का ऐलान कर दिया है. शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस कर बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे थे. अब इस मसले को लेकर हमलोग कोर्ट जाएंगे.

आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाएंगे तेजस्वी: वहीं आरक्षण के मुद्दे को लेकर राष्ट्रीय जनता दल सड़क से लेकर सदन तक लड़ाई लड़ने की तैयारी कर रहा है. पिछले दो दिनों से तेजस्वी यादव लगातार इस मुद्दे को उठा रहे हैं. शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर उन्होंने बिहार की डबल इंजन की सरकार पर निशाना साधा है.

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (ETV Bharat)

"हमलोग शुरू से कहते थे कि भाजपा जातीय जनगणना के खिलाफ है. बीजेपी विशेष राज्य का दर्जा नहीं देना चाहती है. महागठबंधन ने पिछड़ों अतिपिछड़ों का जो आरक्षण बढ़ाया है, उसको बीजेपी अनुसूची 9 में डालना नहीं चाहती है. हम पहले से ही सशंकित थे कि कोई ना कोई कोर्ट चला जाएगा और इस तरह की बातें आएंगी. कोर्ट में मैटर गया और रोका गया. मामला सुप्रीम कोर्ट में है. अनुसूची नौ में इसको नहीं डाला जाएगा तो हम सड़क से सदन तक आंदोलन करेंगे."- तेजस्वी यादव, नेता प्रतिपक्ष, बिहार विधानसभा

सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष का ऐलान: शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर तेजस्वी ने पोस्ट करते हुए कहा है कि वंचित और उपेक्षित वर्गों के कल्याणार्थ जातिगत जनगणना करवाने के लिए राष्ट्रीय जनता दल ने दशकों तक सड़क से सदन तक कठिन संघर्ष किया है. जब बिहार में महागठबंधन सरकार बनी तब मात्र 17 महीनों में ही हमने स्वतंत्र भारत में पहली बार किसी राज्य में जाति आधारित गणना करवा इसके आंकड़े प्रकाशित कराए.

बीजेपी पर ठीकरा फोड़ा: जातिगत जनगणना के जो आंकड़े आए उसके आधार पर बिहार में नवंबर 2023 में सभी वर्गों के लिए आरक्षण की सीमा बढ़ाकर 75 प्रतिशत कर दिया गया. दिसंबर 2023 में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद् की बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री के समक्ष भी इसे संविधान की 𝟗वीं अनुसूची में डालने का आग्रह कियाा लेकिन आरक्षण विरोधी बीजेपी और एनडीए सरकार ने इससे इंकार कर दियाा

बिहार सरकार की कार्यशैली पर सवाल: डबल इंजन सरकार बनने के 𝟖 महीने बाद भी इस दिशा में कोई प्रयास नहीं हुआ हैै नई आरक्षण सीमा के अंतर्गत प्रदेश की लाखों नियुक्तियों में नौकरी पाने से पिछड़े/अतिपिछड़े और अनुसूचित जाति/जनजाति के लोग वंचित रह जाएंगे.तेजस्वी ने आगे लिखा है कि लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद भी हमने कहा था कि अगर बीजेपी/जदयू पिछड़ा और वंचित वर्ग हितैषी है तो बिहार की आरक्षण सीमा को 𝟗वीं अनुसूची में डाले.देश में जातिगत गणना कराए और बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दें, लेकिन तीनों में से कोई कार्य नहीं हुआ.

'जदयू सत्ता सुख ले रही': तेजस्वी ने नीतीश पर हमला करते हुए कहा कि' जदयू की कहीं कोई नहीं सुन रहा ये सब बस सत्ता के मजे ले रहे हैं.' आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए राजद आरक्षण के मुद्दे पर बिहार सरकार और केंद्र सरकार पर निशाना साध रही है. आरजेडी को लग रहा है कि इस मुद्दे को उठाकर आगामी बिहार विधानसभा के चुनाव में इसका राजनीतिक लाभ लिया जा सकता है. यही कारण है कि बिहार की डबल इंजन सरकार पर तेजस्वी यादव लगातार हमलावर हैं और अब सड़क से लेकर सदन तक लड़ाई की बात कर रहे हैं.

सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ?: 29 जुलाई को 65 प्रतिशत आरक्षण वाले कानून पर सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. वहीं 1 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जाति-जनजाति कैटेगरी के लिए सब-कैटेगरी को मान्यता दे दी. इसके साथ ही अब राज्य सरकारें समाज के सबसे पिछड़े और जरूरतमंद लोगों को पहले से मौजूद रिजर्वेशन में से कोटा दे सकेंगे.

पटना: बिहार में भी कोटे में कोटा और क्रीमी लेयर का विरोध शुरू हो गया है. इस मामले को लेकर आरजेडी ने सुप्रीम कोर्ट जाने का ऐलान कर दिया है. शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस कर बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे थे. अब इस मसले को लेकर हमलोग कोर्ट जाएंगे.

आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाएंगे तेजस्वी: वहीं आरक्षण के मुद्दे को लेकर राष्ट्रीय जनता दल सड़क से लेकर सदन तक लड़ाई लड़ने की तैयारी कर रहा है. पिछले दो दिनों से तेजस्वी यादव लगातार इस मुद्दे को उठा रहे हैं. शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर उन्होंने बिहार की डबल इंजन की सरकार पर निशाना साधा है.

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (ETV Bharat)

"हमलोग शुरू से कहते थे कि भाजपा जातीय जनगणना के खिलाफ है. बीजेपी विशेष राज्य का दर्जा नहीं देना चाहती है. महागठबंधन ने पिछड़ों अतिपिछड़ों का जो आरक्षण बढ़ाया है, उसको बीजेपी अनुसूची 9 में डालना नहीं चाहती है. हम पहले से ही सशंकित थे कि कोई ना कोई कोर्ट चला जाएगा और इस तरह की बातें आएंगी. कोर्ट में मैटर गया और रोका गया. मामला सुप्रीम कोर्ट में है. अनुसूची नौ में इसको नहीं डाला जाएगा तो हम सड़क से सदन तक आंदोलन करेंगे."- तेजस्वी यादव, नेता प्रतिपक्ष, बिहार विधानसभा

सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष का ऐलान: शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर तेजस्वी ने पोस्ट करते हुए कहा है कि वंचित और उपेक्षित वर्गों के कल्याणार्थ जातिगत जनगणना करवाने के लिए राष्ट्रीय जनता दल ने दशकों तक सड़क से सदन तक कठिन संघर्ष किया है. जब बिहार में महागठबंधन सरकार बनी तब मात्र 17 महीनों में ही हमने स्वतंत्र भारत में पहली बार किसी राज्य में जाति आधारित गणना करवा इसके आंकड़े प्रकाशित कराए.

बीजेपी पर ठीकरा फोड़ा: जातिगत जनगणना के जो आंकड़े आए उसके आधार पर बिहार में नवंबर 2023 में सभी वर्गों के लिए आरक्षण की सीमा बढ़ाकर 75 प्रतिशत कर दिया गया. दिसंबर 2023 में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद् की बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री के समक्ष भी इसे संविधान की 𝟗वीं अनुसूची में डालने का आग्रह कियाा लेकिन आरक्षण विरोधी बीजेपी और एनडीए सरकार ने इससे इंकार कर दियाा

बिहार सरकार की कार्यशैली पर सवाल: डबल इंजन सरकार बनने के 𝟖 महीने बाद भी इस दिशा में कोई प्रयास नहीं हुआ हैै नई आरक्षण सीमा के अंतर्गत प्रदेश की लाखों नियुक्तियों में नौकरी पाने से पिछड़े/अतिपिछड़े और अनुसूचित जाति/जनजाति के लोग वंचित रह जाएंगे.तेजस्वी ने आगे लिखा है कि लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद भी हमने कहा था कि अगर बीजेपी/जदयू पिछड़ा और वंचित वर्ग हितैषी है तो बिहार की आरक्षण सीमा को 𝟗वीं अनुसूची में डाले.देश में जातिगत गणना कराए और बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दें, लेकिन तीनों में से कोई कार्य नहीं हुआ.

'जदयू सत्ता सुख ले रही': तेजस्वी ने नीतीश पर हमला करते हुए कहा कि' जदयू की कहीं कोई नहीं सुन रहा ये सब बस सत्ता के मजे ले रहे हैं.' आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए राजद आरक्षण के मुद्दे पर बिहार सरकार और केंद्र सरकार पर निशाना साध रही है. आरजेडी को लग रहा है कि इस मुद्दे को उठाकर आगामी बिहार विधानसभा के चुनाव में इसका राजनीतिक लाभ लिया जा सकता है. यही कारण है कि बिहार की डबल इंजन सरकार पर तेजस्वी यादव लगातार हमलावर हैं और अब सड़क से लेकर सदन तक लड़ाई की बात कर रहे हैं.

सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ?: 29 जुलाई को 65 प्रतिशत आरक्षण वाले कानून पर सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. वहीं 1 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जाति-जनजाति कैटेगरी के लिए सब-कैटेगरी को मान्यता दे दी. इसके साथ ही अब राज्य सरकारें समाज के सबसे पिछड़े और जरूरतमंद लोगों को पहले से मौजूद रिजर्वेशन में से कोटा दे सकेंगे.

Last Updated : Aug 3, 2024, 12:47 PM IST
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