पटना: केंद्रीय चयन पर्षद सिपाही भर्ती की परीक्षा 6 चरणों में आयोजित होनी है. ऐसे में साइबर अपराधी और असामाजिक तत्वों द्वारा सिपाही भर्ती से संबंधित लिखित परीक्षा के संबंध में अफवाह ना फैलाया जा सके इसको लेकर ईओयू के द्वारा तीन दिवसीय ड्राइव चलाया गया. वहीं अभ्यर्थियों से अपील की गई कि किसी भी तरह के सोशल मीडिया फोन कॉल पर ध्यान ना दें.
सिपाही भर्ती परीक्षा को लेकर क्या बोले EOU के DIG: ईओयू डीआईजी डॉ मानवजीत सिंह ढिल्लों ने प्रेस कांफ्रेंस कर सिपाही भर्ती परीक्षा को लेकर प्रशासनिक तैयारियों की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि केंद्रीय चयन पर्षद सिपाही भर्ती की परीक्षा कल से शुरू हो रही है. विगत वर्ष इस परीक्षा को तीन चरणों में आयोजित किया जाना था, लेकिन प्रथम चरण को ही 1 अक्टूबर को हुई दोनों पालियों की परीक्षा की उत्तर कुंजियां सोशल मीडिया में वायरल हो गई थी. उसके बाद परीक्षा को रद्द करना पड़ा था.
"लगभग नौ महीने के विलंब के बाद दोबारा इस परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है. आर्थिक अपराध इकाई ने पेपर लीक के कई मामलों की जांच की है. जिसके कारण हमारे पास काफी अच्छा डेटा बेस बना है. हमें सूचना मिल रही है कि कुछ अभ्यर्थियों को पेपर लीक गैंग के द्वारा या साइबर फ्रॉड के द्वारा संपर्क किया जा रहा है. उत्तर कुंजी और प्रश्नपत्र देने की बातें कही जा रही है. पैसा ठगने का प्रयास किया जा रहा है. ऐसे में हमने अभ्यर्थी और अभिभावकों के लिए मोबाइल और व्हाट्सएप नंबर भी जारी किया गया है. इसमें आप जानकारी दे सकते हैं."- डॉ मानवजीत सिंह ढिल्लों, डीआईजी, ईओयू
इस हेल्पलाइन नंबर पर करें कॉल: डॉ मानवजीत सिंह ढिल्लों ने कहा कि मोबाइल नंबर 8544428404 और E mail ID spcyber_bih@gov.in तथा cybercell _bih@nic.in जारी किया गया है. उन्होंने कहा कि जारी किए गए मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी पर आप शिकायत कर सकते हैं. साइबर थाना में सूचित करें. वहीं यदि परीक्षा से संबंधित किसी तरह का अपवाह भ्रम फैलाने वाला मैसेज प्राप्त होता है तो कृपया इसे दूसरे ग्रुप में या किसी नंबर पर फॉरवर्ड ना करें.
पेपर लीक को लेकर सतर्क है प्रशासन: बता दें कि बिहार में लगातार प्रश्न पत्र लीक के मामले सामने आते रहे हैं, जिसको लेकर आर्थिक अपराध इकाई इस बार पहले से ही काफी सजग दिख रहा है और तमाम तरीके के सोशल मीडिया और फोन कॉल्स पर नजर बनाए हुए है. इसके मद्देनजर आगामी सिपाही भर्ती परीक्षा से संबंधित सुरक्षा के मामलों पर सावधानी बरतने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए कई एडवाइजरी भी जारी किए गए हैं.
साइबर ठगी के लिए एनसीआरबी के पोर्टल पर दें जानकारी: एडवाइजरी जारी कर लोगों से अपील की गई है कि अगर किसी सोशल मीडिया पर कोई प्रश्न पत्र उत्तर पत्र वायरल करने की बात प्रकाश में आती है तो तुरंत पोस्ट करने वाले के बारे में तथा सोशल मीडिया से संबंधित सूचना संबंधित थाना साइबर थाना में दें. ताकि इसकी सत्यता के तुरंत जांच की जा सके और त्वरित कार्रवाई की जा सके. वहीं ऐसे फर्जी कॉल द्वारा साइबर ठगी से संबंधित सूचना एनसीआरबी पोर्टल के हेल्पलाइन नंबर 1930 पर भी दे सकते हैं.
सोशल मीडिया पर पैनी नजर: आर्थिक अपराध इकाई के डीआईजी डॉ मानवजीत सिंह ढिल्लों ने कहा कि सोशल मीडिया और फेसबुक इंस्टाग्राम टेलीग्राम व्हाट्सएप के जरिए परीक्षा से संबंधित गलत अफवाह फैलाया जा सकता है, जिससे परीक्षा की सुचिता अखंडता की समस्या उत्पन्न होने से इनकार नहीं किया जा सकता. जिसको देखते हुए आर्थिक अपराध इकाई के द्वारा पहले से ही काफी सतर्कता बढ़ती जा रही है. अभ्यर्थियों और अभिभावकों को सतर्क रहने की जरूरत है.
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