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'शराब चालू रहती तो इतनी जानें नहीं जाती..' मौत वाले गांव में खुलेआम बिकता है जहर, लोगों ने किए चौंकाने वाले खुलासे

सिवान के जिस गांव में 48 लोगों की मौत हुई, वहां मौत मंडरा रहा है. पूरे गांव में मातमी सन्नाटा पसरा है. देखें ग्राउंड रिपोर्ट

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : 2 hours ago

Updated : 46 minutes ago

सिवान में शराब से मौत की ग्राउंड रिपोर्ट
सिवान में शराब से मौत की ग्राउंड रिपोर्ट (ETV Bharat GFX)

सिवानः बिहार में जहरीली शराब से मौत की यह पहली घटना नहीं है. इसके पहले तीन से चार घटनाएं ऐसी हुई है जिसमें सैंकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है. इसके बावजूद सरकार और प्रशासन की आंख नहीं खुली. बिहार में शराबबंदी का ढ़ोल पीटने वाले नेताओं को शर्म आनी चाहिए जब लोग कहते हैं कि गांव में खुलेआम शराब बिकती है और पुलिस प्रशासन कुछ नहीं करती है.

10 गांव की ग्राउंड रिपोर्टः ऐसा मैं नहीं बल्कि सिवान के 10 गांव के लोग कहते हैं जहां शराब मौत बनकर नाच रही है. ईटीवी भारत ने सिवान के उन सभी गांवों का दौरा किया जहां शराब पीने से मौत हुई है. सभी लोगों ने एक स्वर में कहा कि गांव में खुलेआम शराब मिलती है. जितने लोगों की मौत हुई है ये सभी लोग रोज शराब का सेवन करने वाले और एडिक्टेड थे. इस 10 गांव में ना सिर्फ शराब पीने वालों की मौत हुई है बल्कि बेचने वालों की भी मौत हुई है.

सिवान में शराब से मौत की ग्राउंड रिपोर्ट (ETV Bharat)

सिवान में 48 लोगों की मौतः सिवान में शराब से मौत का आंकड़ा बढ़ते जा रहा है. पिछले दो दिनों पहले जिस जिस ने शराब पी या तो उसकी मौत हो गयी या फिर अस्पताल में जूझ रहा है. जिले में अब तक मौत की आंकड़ा की बात करें तो पंचायत के मुखिया ने बताया कि करीब 48 लोगों की मौत हुई है. यह आंकड़ा बढ़ भी सकता है. कई लोग पुलिस के डर से शव का दाह संस्कार कर दिए. हालांकि प्रशासन की ओर से 28 मौत की पुष्टि हुई है.

शुक्रवार की रात युवक की मौतः सिवान शहर के बिंदुसार में एक के मंसूरी नामक युवक की जहरीली शराब से मौत हुई थी. वह पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल लाया गया लेकिन सिर्फ कागज बनाकर उन लोगों को छोड़ दिया गया. बिना पोस्टमार्टम कराए परिजन शव घर ले गए. जानकारी के अनुसार युवक भगवानपुर में अपने रिश्तेदार के घर गया था और इसने भी शराब पी थी. शुक्रवार की रात इसकी मौत हो गयी.

सिवान में शराब से मौत के बाद गांव में पसरा मातम
सिवान में शराब से मौत के बाद गांव में पसरा मातम (ETV Bharat)

अनजान लोगों देख भागने लगते हैं ग्रामीणः सबसे पहले ईटीवी भारत की टीम भगवानपुर थाना क्षेत्र के कौड़िया पंचायत माघर गांव पहुंची. गांव में एक दम मातमी सन्नाटा पसरा हुआ था. किसी भी अनजान आदमी को देख वहां के ग्रामीण भागने लगते हैं. कुछ भी बोलने से मना कर देते हैं. टीम किसी तरह माघर गांव के मुखिया कार्यालय पर पहुंची. गांव के मुखिया मनमोहन मिश्रा तो नहीं मिले लेकिन उनके भाई वीरेंद्र मिश्रा काफी समझाने के बाद कैमरे पर बोलने को तैयार हुए.

5 से 6 लोगों का अंतिम संस्कारः मुखिया के भाई वीरेंद्र मिश्रा ने बताया कि केडिया पंचायत के करीब दर्जनों गांव है जो आसपास सटे हुए हैं. इन गावों में अभी तक 35 से 40 लोगों की मौत हो चुकी है. 5 या 6 लोग ऐसे हैं, जिन्होंने प्रशासन के डर से बिना पोस्टमार्टम के ही अंतिम संस्कार कर दिया है. इसमे एक नाम संतोष मांझी का भी है. बताया कि गांव में एक ऐसे व्यक्ति की भी मौत हुई है जो शराब बेचता भी था. उस दिन उसने भी पी थी.

सिवान में शराब से मौत के बाद गांव में पसरा मातम
सिवान में शराब से मौत के बाद गांव में पसरा मातम (ETV Bharat)

"यहां कोई शादी या पार्टी नहीं हुई थी. यह लोग मजदूर टाइप के लोग हैं रोज काम करते हैं और रोज शाम को पीते हैं. प्रशासन सब जानती है कि कौन-कौन यहां शराब बेचता है, लेकिन कार्रवाई नहीं होती है. इसकी वजह से शराब की बिक्री होती है. प्रशासन को इसके लिए रुपया बंधा हुआ है." - वीरेंद्र मिश्रा, मुखिया के भाई

गांव में लगती है शराब की सेलः गांव में मौजूद अन्य स्थानिय ग्रामीणों ने बताया कि प्रशासन का पैसा बंधा हुआ है. नीतीश कुमार दो नंबर का काम करवा रहे हैं. उन्होंने आगे बताया कि जिस दिन यह घटना हुई उस दिन पास के ही पोखरा गांव में शराब की सेल लगी हुई थी. अमूमन 50 में एक पाउच मिलता है लेकिन उस दिन ₹100 रुपये 5 पाउच के पैकेट मिल रहे थे. हमलोग भी जानते हैं कि कौन बेचता है लेकिन डर से नहीं बताते हैं. शराब की जानकारी देने पर पुलिस हमलोगों पर ही कार्रवाई कर देती है.

सिवान में शराब से मौत के बाद गांव में पसरा मातम
सिवान में शराब से मौत के बाद गांव में पसरा मातम (ETV Bharat)

संतोष मांझी की पहली मौतः सबसे पहले यानी 14 अक्टूबर को माघर निवासी संतोष मांझी की मौत हुई. संतोष मांझी का भाई नरेश मांझी ने बताया कि मृतक संतोष घटना से एक दिन पहले शराब की थी. सुबह उठकर पत्नी के साथ बैंक गए थे और वहीं उनकी तबीयत खराब हो गयी. आंख से धुंधला दिखने लगा. बदन में बेचैनी थी. बैंक में मौजूद लोगों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. डॉक्टरों ने पटना रेफर किया, लेकिन रास्ते में ही मौत हो गयी.

"थाना का चौकीदार आया और डराकर शव का अंतिम संस्कार करवा दिया. तबतक हमलोग कुछ नहीं समझ पाए लेकिन शाम से जब चारों तरफ से इस तरह की सूचना मिली तो मृतक की पत्नी ने बताया कि वे भी शराब पीकर आये थे. पूरी पंचायत में मौत ने डेरा जमा लिया. एक के बाद एक मौत का सिलसिला जारी रहा." -नरेश मांझी, संतोष मांझी का भाई

खैरा गांव में मिलती है शराबः भगवानपुर की कौड़िया पंचायत के माघर गांव, खेरवा गांव, सुंघनी गांव, बिलासपुर गांव, 22 कठ्ठवा, धर्माराजपुर में मौत ने खूब तांडव मचाया. धर्मराजपुर में एक मौत हुई जिनका नाम अमित कुमार सिंह उर्फ पिंटू सिंह थे. उनके चाचा ने बताया कि इसी गांव के पास खैरा गांव है जहां शराब मिलती है. वहीं से खरीद कर सभी ने शराब पी थी.

मौत की ग्राउंड रिपोर्ट
मौत की ग्राउंड रिपोर्ट (ETV Bharat GFX)

सबसे पहले आंख से दिखना बंदः उन्होंने बताया कि शराब पीने के बाद सबसे पहले आंख से नहीं दिख रहा था. घबराहट बहुत ज्यादा थी. डॉक्टरों ने सीवान सदर अस्पताल में इलाज कर पटना रेफर किया जहां रास्ते में मौत हो गयी. अभी तक मृतक का शव रखा हुआ है. जब पूछा गया कि अभी तक आपलोगों ने दाह संस्कार क्यों नहीं किया तो उन्होंने कहा कि मृतक का पुत्र गुजरात रहता है. आएगा तो अंतिम संस्कार होगा. मृतक की पत्नी ने कहा शराब पीकर आये थे और मौत हो गयी.

पूर्ण शराबबंदी नहींः अमित सिंह के चाचा ने कहा कि नीतीश कुमार ने शराबबंदी कर अच्छा काम किया है लेकिन पूर्ण शराबबंदी नहीं हो पा रही है. अगर यह शराब खुली होती तो सरकारी शराब सस्ते में मिलती और गारंटी वाली रहती तो इस तरह का हादसा नहीं होता. आर्मी के जवान ने कहा कि या तो सरकार पूर्ण शराब बंदी सख्ती से लागू करे या तो पूरा खोल दे. कहा कि सरकार सख्ती से इसका पालन करें और जो एडिक्टेड है इसे पकड़ कर इलाज करें.

सिवान में शराब से मौत के बाद गांव में पसरा मातम
सिवान में शराब से मौत के बाद गांव में पसरा मातम (ETV Bharat)

7 लोगों की गिरफ्तारीः बता दें कि इस घटना के बाद जिला प्रशासन शराब के खिलाफ छापेमारी कर रही है. कई गांवों में शराब जब्ती के साथ साथ कुल 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जो शराब बेचने का काम करते हैं. हालांकि गांव के लोगों का कहना है कि सावन में शराब नहीं बनती है. सभी मशरख से लाकर शराब बेचते हैं.

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सिवानः बिहार में जहरीली शराब से मौत की यह पहली घटना नहीं है. इसके पहले तीन से चार घटनाएं ऐसी हुई है जिसमें सैंकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है. इसके बावजूद सरकार और प्रशासन की आंख नहीं खुली. बिहार में शराबबंदी का ढ़ोल पीटने वाले नेताओं को शर्म आनी चाहिए जब लोग कहते हैं कि गांव में खुलेआम शराब बिकती है और पुलिस प्रशासन कुछ नहीं करती है.

10 गांव की ग्राउंड रिपोर्टः ऐसा मैं नहीं बल्कि सिवान के 10 गांव के लोग कहते हैं जहां शराब मौत बनकर नाच रही है. ईटीवी भारत ने सिवान के उन सभी गांवों का दौरा किया जहां शराब पीने से मौत हुई है. सभी लोगों ने एक स्वर में कहा कि गांव में खुलेआम शराब मिलती है. जितने लोगों की मौत हुई है ये सभी लोग रोज शराब का सेवन करने वाले और एडिक्टेड थे. इस 10 गांव में ना सिर्फ शराब पीने वालों की मौत हुई है बल्कि बेचने वालों की भी मौत हुई है.

सिवान में शराब से मौत की ग्राउंड रिपोर्ट (ETV Bharat)

सिवान में 48 लोगों की मौतः सिवान में शराब से मौत का आंकड़ा बढ़ते जा रहा है. पिछले दो दिनों पहले जिस जिस ने शराब पी या तो उसकी मौत हो गयी या फिर अस्पताल में जूझ रहा है. जिले में अब तक मौत की आंकड़ा की बात करें तो पंचायत के मुखिया ने बताया कि करीब 48 लोगों की मौत हुई है. यह आंकड़ा बढ़ भी सकता है. कई लोग पुलिस के डर से शव का दाह संस्कार कर दिए. हालांकि प्रशासन की ओर से 28 मौत की पुष्टि हुई है.

शुक्रवार की रात युवक की मौतः सिवान शहर के बिंदुसार में एक के मंसूरी नामक युवक की जहरीली शराब से मौत हुई थी. वह पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल लाया गया लेकिन सिर्फ कागज बनाकर उन लोगों को छोड़ दिया गया. बिना पोस्टमार्टम कराए परिजन शव घर ले गए. जानकारी के अनुसार युवक भगवानपुर में अपने रिश्तेदार के घर गया था और इसने भी शराब पी थी. शुक्रवार की रात इसकी मौत हो गयी.

सिवान में शराब से मौत के बाद गांव में पसरा मातम
सिवान में शराब से मौत के बाद गांव में पसरा मातम (ETV Bharat)

अनजान लोगों देख भागने लगते हैं ग्रामीणः सबसे पहले ईटीवी भारत की टीम भगवानपुर थाना क्षेत्र के कौड़िया पंचायत माघर गांव पहुंची. गांव में एक दम मातमी सन्नाटा पसरा हुआ था. किसी भी अनजान आदमी को देख वहां के ग्रामीण भागने लगते हैं. कुछ भी बोलने से मना कर देते हैं. टीम किसी तरह माघर गांव के मुखिया कार्यालय पर पहुंची. गांव के मुखिया मनमोहन मिश्रा तो नहीं मिले लेकिन उनके भाई वीरेंद्र मिश्रा काफी समझाने के बाद कैमरे पर बोलने को तैयार हुए.

5 से 6 लोगों का अंतिम संस्कारः मुखिया के भाई वीरेंद्र मिश्रा ने बताया कि केडिया पंचायत के करीब दर्जनों गांव है जो आसपास सटे हुए हैं. इन गावों में अभी तक 35 से 40 लोगों की मौत हो चुकी है. 5 या 6 लोग ऐसे हैं, जिन्होंने प्रशासन के डर से बिना पोस्टमार्टम के ही अंतिम संस्कार कर दिया है. इसमे एक नाम संतोष मांझी का भी है. बताया कि गांव में एक ऐसे व्यक्ति की भी मौत हुई है जो शराब बेचता भी था. उस दिन उसने भी पी थी.

सिवान में शराब से मौत के बाद गांव में पसरा मातम
सिवान में शराब से मौत के बाद गांव में पसरा मातम (ETV Bharat)

"यहां कोई शादी या पार्टी नहीं हुई थी. यह लोग मजदूर टाइप के लोग हैं रोज काम करते हैं और रोज शाम को पीते हैं. प्रशासन सब जानती है कि कौन-कौन यहां शराब बेचता है, लेकिन कार्रवाई नहीं होती है. इसकी वजह से शराब की बिक्री होती है. प्रशासन को इसके लिए रुपया बंधा हुआ है." - वीरेंद्र मिश्रा, मुखिया के भाई

गांव में लगती है शराब की सेलः गांव में मौजूद अन्य स्थानिय ग्रामीणों ने बताया कि प्रशासन का पैसा बंधा हुआ है. नीतीश कुमार दो नंबर का काम करवा रहे हैं. उन्होंने आगे बताया कि जिस दिन यह घटना हुई उस दिन पास के ही पोखरा गांव में शराब की सेल लगी हुई थी. अमूमन 50 में एक पाउच मिलता है लेकिन उस दिन ₹100 रुपये 5 पाउच के पैकेट मिल रहे थे. हमलोग भी जानते हैं कि कौन बेचता है लेकिन डर से नहीं बताते हैं. शराब की जानकारी देने पर पुलिस हमलोगों पर ही कार्रवाई कर देती है.

सिवान में शराब से मौत के बाद गांव में पसरा मातम
सिवान में शराब से मौत के बाद गांव में पसरा मातम (ETV Bharat)

संतोष मांझी की पहली मौतः सबसे पहले यानी 14 अक्टूबर को माघर निवासी संतोष मांझी की मौत हुई. संतोष मांझी का भाई नरेश मांझी ने बताया कि मृतक संतोष घटना से एक दिन पहले शराब की थी. सुबह उठकर पत्नी के साथ बैंक गए थे और वहीं उनकी तबीयत खराब हो गयी. आंख से धुंधला दिखने लगा. बदन में बेचैनी थी. बैंक में मौजूद लोगों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. डॉक्टरों ने पटना रेफर किया, लेकिन रास्ते में ही मौत हो गयी.

"थाना का चौकीदार आया और डराकर शव का अंतिम संस्कार करवा दिया. तबतक हमलोग कुछ नहीं समझ पाए लेकिन शाम से जब चारों तरफ से इस तरह की सूचना मिली तो मृतक की पत्नी ने बताया कि वे भी शराब पीकर आये थे. पूरी पंचायत में मौत ने डेरा जमा लिया. एक के बाद एक मौत का सिलसिला जारी रहा." -नरेश मांझी, संतोष मांझी का भाई

खैरा गांव में मिलती है शराबः भगवानपुर की कौड़िया पंचायत के माघर गांव, खेरवा गांव, सुंघनी गांव, बिलासपुर गांव, 22 कठ्ठवा, धर्माराजपुर में मौत ने खूब तांडव मचाया. धर्मराजपुर में एक मौत हुई जिनका नाम अमित कुमार सिंह उर्फ पिंटू सिंह थे. उनके चाचा ने बताया कि इसी गांव के पास खैरा गांव है जहां शराब मिलती है. वहीं से खरीद कर सभी ने शराब पी थी.

मौत की ग्राउंड रिपोर्ट
मौत की ग्राउंड रिपोर्ट (ETV Bharat GFX)

सबसे पहले आंख से दिखना बंदः उन्होंने बताया कि शराब पीने के बाद सबसे पहले आंख से नहीं दिख रहा था. घबराहट बहुत ज्यादा थी. डॉक्टरों ने सीवान सदर अस्पताल में इलाज कर पटना रेफर किया जहां रास्ते में मौत हो गयी. अभी तक मृतक का शव रखा हुआ है. जब पूछा गया कि अभी तक आपलोगों ने दाह संस्कार क्यों नहीं किया तो उन्होंने कहा कि मृतक का पुत्र गुजरात रहता है. आएगा तो अंतिम संस्कार होगा. मृतक की पत्नी ने कहा शराब पीकर आये थे और मौत हो गयी.

पूर्ण शराबबंदी नहींः अमित सिंह के चाचा ने कहा कि नीतीश कुमार ने शराबबंदी कर अच्छा काम किया है लेकिन पूर्ण शराबबंदी नहीं हो पा रही है. अगर यह शराब खुली होती तो सरकारी शराब सस्ते में मिलती और गारंटी वाली रहती तो इस तरह का हादसा नहीं होता. आर्मी के जवान ने कहा कि या तो सरकार पूर्ण शराब बंदी सख्ती से लागू करे या तो पूरा खोल दे. कहा कि सरकार सख्ती से इसका पालन करें और जो एडिक्टेड है इसे पकड़ कर इलाज करें.

सिवान में शराब से मौत के बाद गांव में पसरा मातम
सिवान में शराब से मौत के बाद गांव में पसरा मातम (ETV Bharat)

7 लोगों की गिरफ्तारीः बता दें कि इस घटना के बाद जिला प्रशासन शराब के खिलाफ छापेमारी कर रही है. कई गांवों में शराब जब्ती के साथ साथ कुल 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जो शराब बेचने का काम करते हैं. हालांकि गांव के लोगों का कहना है कि सावन में शराब नहीं बनती है. सभी मशरख से लाकर शराब बेचते हैं.

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