पटना : आज राष्ट्रीय टूरिज्म डे है. विश्व के कई देश पर्यटन के सहारे ही अपनी अर्थव्यवस्था चला रहे हैं. बिहार सरकार की ओर से भी पर्यटन के विकास के लिए पिछले साल दिसंबर में टूरिज्म पॉलिसी लाई गई है, जिसमें पर्यटकों को लुभाने के साथ निवेश अधिक हो इसका प्रयास किया गया है. ताकि पर्यटन क्षेत्र में अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मिल सके. बिहार में विदेशी मेहमानों की बात करें तो बोधगया सबसे बड़ा डेस्टिनेशन है. ऐसे में धार्मिक उद्देश्य से ही लोग बिहार का भ्रमण करते हैं. कोरोना के समय पर्यटन व्यवसाय को बिहार में भी काफी झटका लगा है. लेकिन 2023 में साढ़े 6 करोड़ से अधिक पर्यटक बिहार आए हैं. अब सरकार नई पॉलिसी के माध्यम से पर्यटन उद्योग को नहीं दिशा देने में लगी है.
देसी पर्यटकों की संख्या बढ़ी : देश में आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या के हिसाब से बिहार में काफी कम संख्या में विदेशी पर्यटक आते हैं. 2019 तक 10 लाख से अधिक विदेशी पर्यटक बिहार आते थे, लेकिन उसके बाद कोरोना के कारण पिछले 4 सालों में इसमें काफी गिरावट आई है. हालांकि 2023 से विदेशी पर्यटकों की संख्या में रिकॉर्ड तोड़ वृद्धि हुई है. देसी पर्यटकों की संख्या में 2023 में 6 करोड़ से अधिक संख्या पर कर गया है.
बिहार में पर्यटन : प्रदेश में पर्यटन की असीम संभावना है और इसी को देखते हुए बिहार सरकार की ओर से नई पर्यटन नीति लागू की गई है. पर्यटन नीति के तहत होटल निर्माण इको टूरिज्म, एडवेंचर टूरिज्म को बढ़ावा दिया जाना है. इसके अलावा सरकार ने सब्सिडी का भी प्रावधान किया है. पर्यटन सचिव अभय कुमार सिंह ने कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में पर्यटन प्रक्षेत्र का विकास आर्थिक एवं सामाजिक गतिविधियों को भी प्रभावित करता है.
कैबिनेट से नई नीति को मंजूरी : कैबिनेट में बिहार सरकार की ओर से नई नीति की स्वीकृति के बाद कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने कहा कि ''विश्व के कई देशों श्रीलंका, मलेशिया, थाईलैंड इत्यादि तथा देश के कई राज्यों यथा जम्मू कश्मीर, गोवा, सिक्किम, राजस्थान इत्यादि की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार पर्यटन प्रक्षेत्र है. हमारी नई नीति से पर्यटन स्थलों के आसपास रोजगार का सृजन होगा और आधारभूत सुविधाओं में बढ़ोतरी होगी. पर्यटन विभाग का अनुमान है कि नई नीति 10,000 करोड़ रुपये का निवेश लाएगी.''
रोजगार और व्यापार की संभावनाओं पर फोकस : प्रस्तावित बिहार पर्यटन नीति 2023 के उद्देश्य में विश्वस्तरीय आधारभूत संरचना का निर्माण करना, पर्यटकीय उत्पादों एवं अवसंरचनाओं का निर्माण, कौशल प्रशिक्षण के माध्यम से प्रतिभाशाली कार्यबल का विकास, पर्यटक सुरक्षा एवं उत्कृष्ट सुविधा हेतु उच्चतम मानक पर जोर देना है. वहीं, पर्यटन केन्द्रित सर्वोत्तम श्रेणी की प्रौद्योगिकी को लागू करना है. इस नीति के फलस्वरूप पर्यटन प्रक्षेत्र में आशातीत वृद्धि होगी, जिससे राज्य में आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी, साथ ही रोजगार एवं व्यापार की संभावनाएं भी सृजित होंगी.
प्रोत्साहन के लिए मिलेगी सब्सिडी : इस पर्यटन नीति के अन्तर्गत पर्यटन प्रक्षेत्र से जुड़े लाभुकों एवं निवेशकों को वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किया जायेगा. जिसमें 10 करोड़ तक के निवेश में 30% सब्सिडी, अधिकतम सीमा-03 करोड़ तक रखी गई है. जबकि 50 करोड़ तक के निवेश में 25% सब्सिडी, अधिकतम सीमा 10 करोड़ है. वहीं, 50 करोड़ से ऊपर के निवेश में 25% सब्सिडी, अधिकतम सीमा 25 करोड़ फिक्स की गई है.
बिहार के 15 स्थलों पर फोकस : घरेलू पर्यटक के मामले में 2022 में उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर था उसके बाद तमिलनाडु आंध्र प्रदेश कर्नाटक गुजरात और महाराष्ट्र था. बिहार सरकार की नजर देसी और विदेशी पर्यटकों पर है. इसलिए पर्यटन विभाग ने पटना, गया, बोधगया, राजगीर, नालंदा, रक्सौल, वैशाली, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, बांका समेत 15 पर्यटन स्थलों तथा अन्य स्थानों पर सैलानियों को अधिक से अधिक रिझाने के लिए तैयारी की जा रही है.
टूरिज्म पर ध्यान दे रही सरकार : पर्यटन के विकास को लेकर बिहार में सरकार की ओर से इको टूरिज्म पर भी ध्यान दिया जा रहा है. बोधगया राजगीर बेतिया पटना सीतामढ़ी में अधिक से अधिक पर्यटक आए इसके लिए तो प्रयास हो ही रहा है. लोगों की दिलचस्पी भी बढ़ रही है. अन्य स्थानों के विकास पर भी सरकार का जोर है. पिछले कुछ सालों में राजधानी पटना में भी बैठकों का रुझान काफी बढ़ा है.
पटना घूमने वालों की भी संख्या बढ़ी : बिहार आने वाले पर्यटकों में एक बड़ा हिस्सा राजधानी पटना भी घूमने और देखने आ रहे हैं. पटना में गोलघर, म्यूजियम बुद्ध स्मृति पार्क, मरीन ड्राइव, पटना जू, पटना साहिब गुरुद्वारा और शक्तिपीठ में लोगों की दिलचस्पी बढ़ी है. ऐसी देसी पर्यटकों की संख्या की बात करें तो बिहार में आने वाला हर दूसरा पर्यटक नालंदा घूमने जाता है. वहीं विदेशी पर्यटकों के मामले में बोध गया अभी भी नंबर वन पर है. ऐसे आने वाले सालों में नए-नए पर्यटक स्थलों के विकास पर भी सरकार का फोकस होने वाला है.
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