पटनाः सोन नदी के बेसिन में लगातार हो रही बारिश का असर बिहार में देखने को मिल रहा है. इस कारण पटना में गंगा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. पटना में गंगा लाल निशान को छूने के करीब पहुंच गई है. सोन नदी का जलस्तर 13 वर्षों में अधिकतम लेवल पर पहुंच गया है. जल संसाधन विभाग के अनुसार सोन के जल ग्रहण क्षेत्र में पिछले 24 घंटे में 150 मिली मीटर से अधिक बारिश हो चुकी है.
तटबंध की निगरानी का निर्देशः जल संसाधन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश के 11 जिलों, छत्तीसगढ़ के पांच और झारखंड के एक जिले में जमकर हो रही बारिश का असर दक्षिण बिहार की नदियों पर पड़ रहा है. इसको लेकर जल संसाधन विभाग ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है अभियंताओं को तटबंध की निगरानी करने के लिए कहा गया है.
10 गुना अधिक गंगा का जलस्तर बढ़ाः सोन नदी के बेसिन क्षेत्र में पिछले 48 घंटे में काफी बारिश हुई है. उसके कारण इंद्रपुरी बाराज से रिकॉर्ड 5 लाख 21 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. इसका असर दक्षिण बिहार के इलाकों में दिख रहा है. गंगा नदी का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है. गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से काफी नीचे चला गया था लेकिन अचानक 10 गुना से भी अधिक की वृद्धि हुई है.
डेंजर लेवल के करीब गंगा का जलस्तरः केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गंगा नदी अभी खतरे के निशान से भले ही नीचे है लेकिन यह पटना में 49.73 मीटर पर पहुंच गया है. खतरे का निशान 50.60 मीटर है. यानी गंगा का जलस्तर खतरा से 1 मीटर नीचे रह गया है. पटना के दीघा घाट में डेंजर लेवल 50.45 मीटर है. यहां गंगा नदी का लेवल 49.54 मीटर तक पहुंच गया है.
अभियंताओं को अलर्टः पटना के गांधी घाट में डेंजर लेवल 48.60 मीटर है. 48.52 मीटर तक जलस्तर पहुंच गया है. इसमें लगातार वृद्धि हो रही है. जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने भी कहा है कि सोन नदी में अप्रत्याशित जलस्राव के कारण अभियंताओं को अलर्ट किया गया है. तटबंधों की निगरानी की जा रही है.
"सरकार किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार है. फिलहाल स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है. अभियंताओं को अलर्ट किया गया है. सोन नदी के बेसिन में अत्यधिक बारिश के कारण गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है." -विजय कुमार चौधरी, जल संसाधन मंत्री
रोहतास और औरंगाबाद में घुसा पानीः सोन नदी में बाढ़ आने से रोहतास और औरंगाबाद के दर्जनों गांव में पानी घुस गया है. सोन नदी का जलस्राव पिछले 36 घंटे में 22 गुना से अधिक बढ़ गया है. इसी कारण मुश्किलें बढ़ी है. इससे पहले 2016 में 11.67 लाख क्यूसेक जलस्राव सोन नदी से हुआ था और दक्षिण बिहार के कई इलाकों में बाढ़ आ गई थी.
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