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बिहार में कोसी और गंडक बैराज की डिजाइन और क्षमता की होगी जांच, इस विभाग को मिला जिम्मा - Bihar Flood

कोसी और गंडक बैराज में इस बार रिकॉर्डतोड़ पानी छोड़े जाने पर बैराज की क्षमता को लेकर चिंता जताई जाने लगी.

बिहार में कोसी और गंडक बैराज की क्षमता की होगी जांच
बिहार में कोसी और गंडक बैराज की क्षमता की होगी जांच (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 6, 2024, 9:49 PM IST

पटना : नेपाल में हुई इस बार भारी बारिश के बाद कोसी बीरपुर बैराज और गंडक बाल्मीकि नगर बैराज से वर्षों बाद सबसे अधिक पानी का डिस्चार्ज हुआ है. कोसी बीरपुर बैराज के ऊपर से पानी बहने लगा था. इससे पहले 1968 में 7.88 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज हुआ था. कोसी बीरपुर बैराज की क्षमता 9.50 लाख क्यूसेक पानी की है.

बैराज ने बढ़ाई चिंता : इसी तरह गंडक बैराज से 21 साल के बाद इस साल सबसे अधिक पानी डिस्चार्ज हुआ है. 2003 में 6.39 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज हुआ था इस साल दोनों बराजकी जो स्थिति बन गई थी. उसको देखते हुए गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग और जल संसाधन विभाग को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है. दोनों बराज की कई बिंदुओं पर जांच होगी

कोसी बैराज
कोसी बैराज (ETV Bharat)

दोनों बैराज से टूटा कई साल का रिकॉर्ड : नेपाल में हुई भारी बारिश के कारण 56 वर्षों के बाद कोसी बीरपुर ब्रांच में अधिकतम पानी का डिस्चार्ज हुआ और सबसे बड़ी बात कि, कोसी बैराज के ऊपर से भी पानी बहने लगा. कोसी बीरपुर बैराज का निर्माण 1958 में शुरू हुआ था. 4 साल बाद 1962 में बनकर तैयार हो गया. 62 साल से अधिक कोसी बराज की उम्र हो चुकी है. इस साल जिस प्रकार से इस बाराज के ऊपर से पानी बहने लगा उसके कारण इसके जांच करने का फैसला लिया गया है.

ईटीवी भारत GFX.
ईटीवी भारत GFX. (ETV Bharat)

दोनों बैराज की डिजाइन की होगी जांच : जांच में यह देखा जाएगा इसकी डिजाइन पर तो कोई प्रभाव नहीं पड़ा है. साथ ही इसकी क्षमता की भी बारीकी से जांच की जाएगी. कोसी बीरपुर बैराज की क्षमता 9.50 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज करने की है, लेकिन इस बार 6.61 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज होने के दौरान ही ओवरफ्लो करने लगा था. इसके कारण ही इसकी क्षमता और डिजाइन को लेकर चिंता सताने लगी है. जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. 1968 में कोसी बीरपुर बैराज से सबसे अधिक 7.88 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज हुआ था.

रिकॉर्डतोड़ पानी हुआ डिस्चार्ज : वहीं गंडक बाराज का निर्माण 1964 में शुरू हुआ था 1968 में बराज बनकर तैयार भी हो गया. जब निर्माण किया गया था तो उस समय 8.50 लाख क्यूसेक पानी की क्षमता के अनुसार डिजाइन की गई थी, लेकिन इसकी क्षमता अब 7 लाख क्यूसेक पानी तक ही रह गई है. इसका बड़ा कारण गाद और पत्थर से इसका तल भरना माना जाता है. इस साल नेपाल में जब भारी बारिश हुई तो गंडक बराज में 5.62 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज होने लगा. ऐसे में अब तक सबसे अधिकतम 2003 में 6.39 लाख क्यूसेक पानी गंडक बाराज से डिस्चार्ज हुआ है.

भविष्य के लिए हो रही तैयारी : गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग (GFCC) और जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने जांच की प्रारंभिक प्रक्रिया शुरू भी कर दी है. जांच के बाद जो रिपोर्ट देंगे उसके हिसाब से बिहार और केंद्र सरकार कदम उठाएगी. लेकिन इस बार नेपाल में हुई भारी बारिश के बाद कोसी बीरपुर बैराज और गंडक बाल्मीकि नगर बैराज से जितना पानी डिस्चार्ज हुआ है, उसके कारण बिहार के 18 से 19 जिल में 16 लाख से अधिक लोग बाढ़ का सामना किया है.

राहत की तैयारी तेज : बिहार में बाढ़ से हजारों करोड़ों की संपत्ति और कृषि का भी नुकसान हुआ है. सरकार ने प्रत्येक बाढ़ पीड़ित परिवार को ₹7000 भेजना शुरू किया है. राहत कैंप भी चल रहे हैं, लेकिन इस बार जो स्थितियां बनीं थीं सरकार की चिंता बढ़ा दी है. भविष्य में इससे निपटने की एक तरह से तैयारी शुरू हो गई है.

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बैराज ने बढ़ाई चिंता : इसी तरह गंडक बैराज से 21 साल के बाद इस साल सबसे अधिक पानी डिस्चार्ज हुआ है. 2003 में 6.39 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज हुआ था इस साल दोनों बराजकी जो स्थिति बन गई थी. उसको देखते हुए गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग और जल संसाधन विभाग को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है. दोनों बराज की कई बिंदुओं पर जांच होगी

कोसी बैराज
कोसी बैराज (ETV Bharat)

दोनों बैराज से टूटा कई साल का रिकॉर्ड : नेपाल में हुई भारी बारिश के कारण 56 वर्षों के बाद कोसी बीरपुर ब्रांच में अधिकतम पानी का डिस्चार्ज हुआ और सबसे बड़ी बात कि, कोसी बैराज के ऊपर से भी पानी बहने लगा. कोसी बीरपुर बैराज का निर्माण 1958 में शुरू हुआ था. 4 साल बाद 1962 में बनकर तैयार हो गया. 62 साल से अधिक कोसी बराज की उम्र हो चुकी है. इस साल जिस प्रकार से इस बाराज के ऊपर से पानी बहने लगा उसके कारण इसके जांच करने का फैसला लिया गया है.

ईटीवी भारत GFX.
ईटीवी भारत GFX. (ETV Bharat)

दोनों बैराज की डिजाइन की होगी जांच : जांच में यह देखा जाएगा इसकी डिजाइन पर तो कोई प्रभाव नहीं पड़ा है. साथ ही इसकी क्षमता की भी बारीकी से जांच की जाएगी. कोसी बीरपुर बैराज की क्षमता 9.50 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज करने की है, लेकिन इस बार 6.61 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज होने के दौरान ही ओवरफ्लो करने लगा था. इसके कारण ही इसकी क्षमता और डिजाइन को लेकर चिंता सताने लगी है. जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. 1968 में कोसी बीरपुर बैराज से सबसे अधिक 7.88 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज हुआ था.

रिकॉर्डतोड़ पानी हुआ डिस्चार्ज : वहीं गंडक बाराज का निर्माण 1964 में शुरू हुआ था 1968 में बराज बनकर तैयार भी हो गया. जब निर्माण किया गया था तो उस समय 8.50 लाख क्यूसेक पानी की क्षमता के अनुसार डिजाइन की गई थी, लेकिन इसकी क्षमता अब 7 लाख क्यूसेक पानी तक ही रह गई है. इसका बड़ा कारण गाद और पत्थर से इसका तल भरना माना जाता है. इस साल नेपाल में जब भारी बारिश हुई तो गंडक बराज में 5.62 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज होने लगा. ऐसे में अब तक सबसे अधिकतम 2003 में 6.39 लाख क्यूसेक पानी गंडक बाराज से डिस्चार्ज हुआ है.

भविष्य के लिए हो रही तैयारी : गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग (GFCC) और जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने जांच की प्रारंभिक प्रक्रिया शुरू भी कर दी है. जांच के बाद जो रिपोर्ट देंगे उसके हिसाब से बिहार और केंद्र सरकार कदम उठाएगी. लेकिन इस बार नेपाल में हुई भारी बारिश के बाद कोसी बीरपुर बैराज और गंडक बाल्मीकि नगर बैराज से जितना पानी डिस्चार्ज हुआ है, उसके कारण बिहार के 18 से 19 जिल में 16 लाख से अधिक लोग बाढ़ का सामना किया है.

राहत की तैयारी तेज : बिहार में बाढ़ से हजारों करोड़ों की संपत्ति और कृषि का भी नुकसान हुआ है. सरकार ने प्रत्येक बाढ़ पीड़ित परिवार को ₹7000 भेजना शुरू किया है. राहत कैंप भी चल रहे हैं, लेकिन इस बार जो स्थितियां बनीं थीं सरकार की चिंता बढ़ा दी है. भविष्य में इससे निपटने की एक तरह से तैयारी शुरू हो गई है.

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