नालंदाः बिहार में शिक्षा व्यवस्था की बदहाली का एक और शर्मनाक उदाहरण नालंदा के परबलपुर प्रखंड स्थित बालिका +2 उच्च विद्यालय से सामने आया है. जहां छात्राओं को नकल के सहारे परीक्षा देनी पड़ रही है. हैरानी की बात यह है कि छात्राएं न केवल कक्षा में बल्कि स्कूल की छत पर बिना किसी सुरक्षा बाउंड्री के बैठकर परीक्षा दे रही हैं, जो किसी हादसे का सबब बन सकती है. छात्राएं इस तरह से परीक्षा देने पर दलील देती हैं कि शिक्षक तक उपलब्ध नहीं हैं और बुनियादी सुविधाओं का भी घोर अभाव है.
क्या है मामलाः नालंदा जिले के परबलपुर प्रखंड क्षेत्र में स्थित बालिका +2 उच्च विद्यालय में छात्राओं ने भवन के दीवार, सोलर पैनल के नीचे, स्कूल के बरामदे, सीढ़ी के नीचे शौचालय के बाहर बैठ परीक्षा देती नज़र आईं. जब परीक्षा दे रही बच्चियों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि स्कूल में अर्धवार्षिक परीक्षा चल रही है. बच्चियों ने बताया कि जगह के अभाव के साथ शिक्षक भी नहीं हैं? परीक्षा शुरू हो गयी है तो बिना पढ़े क्या लिखें.
खानापूर्ति वाली परीक्षाः स्कूल की स्थिति को देखकर अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि स्कूल की जो व्यवस्थाएं हैं, वो नाकाफ़ी है. बच्चे जैसे तैसे प्रश्न पर और उत्तर पुस्तिका लेकर जहां बैठने का जगह मिला वहां बैठकर परीक्षा दे रही थी. जिसकी परवाह न तो बच्चों को है न ही स्कूल प्रशासन को. परीक्षा के दौरान कोई शिक्षक भी नजर नहीं आया, जो बच्चों को नकल करने से रोकता. जिस तरीके से परीक्षा हो रही थी वह महज खानापूर्ती नजर आ रही थी.
क्या कहते हैं प्राचार्यः स्कूल के प्राचार्य जितेंद्र कुमार भास्कर ने बताया कि "इस स्कूल में 1 से लेकर 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई होती है. लेकिन कई विषय के शिक्षक नहीं होने की वजह से बच्चे स्कूल कम आते हैं. कोचिंग के ज़रिए पढ़ाई पूरी कर पाते हैं. यहां 5 क्लास रूम है और 982 छात्राओं का नामांकन है. इस समस्या को लेकर जिला प्रशासन और विभाग को कई बार लिखित आवेदन दिया गया बावजूद इसके कोई कार्यवाही नहीं की गई है." उन्होंने बताया कि स्कूल भवन के लिए एस्टीमेट तैयार कर लिया गया है.
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