पटना: किसी भी तरह की टूट से बचाने के लिए बिहार कांग्रेस ने अपने विधायकों को 4 फरवरी को हैदराबाद शिफ्ट कर दिया था. एक हफ्ते बाद उनके तमाम विधायक आज बिहार लौट सकते हैं. आज सुबह प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह भी पटना पहुंचे हैं. उन्होंने दावा किया कि महागठबंधन एकजुट हैं.
4 फरवरी को 16 विधायक हैदराबाद शिफ्ट: 28 जनवरी को नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण के बाद पार्टी में टूट की अटकलों के बीच 4 फरवरी को कांग्रेस नेतृत्व ने सभी विधायकों को तेलंगाना शिफ्ट करने का फैसला किया था. जिसके बाद देर शाम तक 19 में से 16 विधायक दिल्ली से हैदराबाद भेज दिया गया. इन विधायकों को हैदराबाद से लगभग 40 किलोमीटर दूर रंगारेड्डी जिले के कागजघाट स्थित 'सिरी नेचर वैली रिसॉर्ट' में ठहराया गया है. तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार है.
कौन-कौन 16 विधायक गए थे हैदराबाद: 4 फरवरी को कांग्रेस के जो 16 विधायक हैदराबाद गए थे, उनमें विधायक दल के नेता शकील अहमद खान, सचेतक राजेश राम, आफाक आलम, मुरारी गौतम, अजीत शर्मा, क्षत्रपति यादव, नीतू सिंह, अजय कुमार सिंह, प्रतिमा दास, इजहारुल हक, विश्वनाथ राम, विजेंद्र चौधरी, मुन्ना तिवारी, आनंद शंकर, संतोष मिश्रा और विजय शंकर दूबे शामिल हैं. वहीं मनोहर सिंह, अबीदुर रहमान और सिद्धार्थ सौरभ हैदराबाद नहीं गए थे. हालांकि सभी ने साफ कर दिया कि वह कांग्रेस के साथ हैं.
बिहार विधानसभा में दलगत स्थिति?: 243 सदस्यीय विधानसभा में एनडीए को पूर्ण बहुमत है. उसे 128 विधायकों का समर्थन प्राप्त हैं, जिनमें बीजेपी के 78, जेडीयू के 45, हम के 4 और एक निर्दलीय विधायक शामिल हैं. वहीं, महागठबंधन के पास 114 विधायक हैं, जिनमें आरजेडी के 79, कांग्रेस के 19 और वाम दलों के 16 विधायक हैं. एक विधायक एआईएमआईएम हैं, जो जरूरत पड़ने पर विपक्षी खेमे को समर्थन दे सकते हैं.
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