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पिछला रिकॉर्ड महागठबंधन के साथ, सवाल- इसबार भी दोहराएगा इतिहास या लिखी जाएगी नयी पटकथा?

बिहार में होने वाले विधानसभा उपचुनाव को लेकर कहा जा रहा है कि 2025 से पहले यह सभी के लिए लिटमस टेस्ट है. पढ़ें बैकग्राउंड.

विधानसभा उपचुनाव
विधानसभा उपचुनाव (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 31, 2024, 1:50 PM IST

पटना : बिहार विधानसभा की चार सीटों पर उपचुनाव 13 नवंबर को होगा. महागठबंधन, एनडीए और प्रशांत किशोर की पार्टी के साथ एआईएमआईएम ने भी अपने उम्मीदवारों को मौदान में उतारा है. ऐसे में क्या कुछ होता है यह तो वक्त बताएगा पर सियासी पारा चढ़ा हुआ है.

पार्टियों ने झोंकी पूरी ताकत : बिहार विधानसभा की चार सीटों तरारी, रामगढ़, इमामगंज और बेलागंज पर होने वाले चुनाव में सभी दलों ने पूरी ताकत लगा दी है. 2025 विधानसभा चुनाव से पहले हो रहे उपचुनाव को लिटमस टेस्ट माना जा रहा है.

देखें रिपोर्ट. (Etv Bharat)

3 पर महागठबंधन 1 पर NDA की हुई थी जीत : इस बार जिन चार विधानसभा में उपचुनाव है, उसमें तीन पर महागठबंधन का कब्जा था, जबकि एक सीट एनडीए के खाते में गई थी. 2020 के विधानसभा चुनाव में तरारी, रामगढ़ और बेलागंज पर राजद ने जीत हासिल की थी. इमामगंज सीट को जीतन राम मांझी ने अपने नाम किया था. यही एक सीट एनडीए को मिली थी. इसलिए महागठबंधन के लिए सीट बचाना एक बड़ी चुनौती है.

''बिहार की जनता तेजस्वी यादव पर भरोसा कर रही है. नीतीश सरकार में इस प्रकार से अपराध बढ़े हैं कि उससे जनता परेशान है. इसलिए चारो विधानसभा उपचुनाव में महागठबंधन की जीत होगी और पहले भी उपचुनाव में महा गठबंधन का परफॉर्मेंस बेहतर रहा है.''- एजाज अहमद, प्रवक्ता, आरजेडी

PK और AIMIM की एंट्री से मुकाबला दिलचस्प : राजनीतिक विशेषज्ञ सुनील पांडे का कहना है कि इस बार की लड़ाई महागठबंधन और एनडीए के लिए आसान नहीं होगा. प्रशांत किशोर भी मजबूती से चुनाव मैदान में हैं. इसके अलावा एआईएमआईएम भी चुनावी मैदान में है. पहले उम्मीद थी महागठबंधन और एनडीए के बीच सीधी लड़ाई होगी, लेकिन प्रशांत किशोर के कारण मामला त्रिकोणीय हो गया है.

प्रशांत किशोर की पूरी तैयारी
प्रशांत किशोर की पूरी तैयारी (ETV Bharat)

''एनडीए के साथ सबसे पॉजिटिव बात यह है कि गठबंधन के पांच घटक दल मजबूती से एकजुटता दिखा रहे हैं. महागठबंधन का 4 में से तीन सीट है, इसलिए परेशानी महागठबंधन की बढ़ी हुई है. क्योंकि इस चुनाव का असर आने वाले विधानसभा चुनाव पर भी पड़ना तय है. जो भी गठबंधन अधिक सीट जीतेगा उसका अपर हैंड होगा.''- सुनील पांडे, राजनीतिक विशेषज्ञ

उपचुनाव में महागठबंधन का पलड़ा भारी : वैसे पिछले कुछ विधानसभा उपचुनाव को देखें तो महागठबंधन का पलड़ा थोड़ा भारी रहा है. 2020 विधानसभा चुनाव के बाद हुए उपचुनाव में से बोचहा सीट, मोकामा सीट, रुपौली सीट और अगिआंव विधानसभा सीट पर एनडीए को हार मिली है.

मोकामा और रुपौली विधायक का NDA को समर्थन : हालांकि इस दौरान तारापुर और गोपालगंज विधानसभा उपचुनाव में एनडीए को जीत भी मिली है. इसके साथ ही मोकामा की विधायक एनडीए के साथ आ गयी हैं. रुपौली के निर्दलीय विधायक ने भी नीतीश कुमार का समर्थन किया है.

एनडीए पूरी तरह से एकजुट.
एनडीए पूरी तरह से एकजुट. (ETV Bharat)

''चारो विधानसभा की सीट हम लोग जीतेंगे. वैसे भी तो आप लोगों ने देखा है कि जो लोग उपचुनाव में दूसरी पार्टी या निर्दलीय से जीतते हैं, वह भी नीतीश कुमार का समर्थन कर देते हैं.''- जयंत राज, मंत्री, बिहार सरकार

23 नवंबर को चुनाव, 23 को रिजल्ट : 13 नवंबर को चारों विधानसभा सीट पर चुनाव होगा और 23 नवंबर को गिनती होगी. लड़ाई इस बार दिलचस्प होने की संभावना है. देखना है 2025 के पहले किस गठबंधन को जनता उपचुनाव में विजयी का सेहरा पहनाकर संकेत देती है.

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पटना : बिहार विधानसभा की चार सीटों पर उपचुनाव 13 नवंबर को होगा. महागठबंधन, एनडीए और प्रशांत किशोर की पार्टी के साथ एआईएमआईएम ने भी अपने उम्मीदवारों को मौदान में उतारा है. ऐसे में क्या कुछ होता है यह तो वक्त बताएगा पर सियासी पारा चढ़ा हुआ है.

पार्टियों ने झोंकी पूरी ताकत : बिहार विधानसभा की चार सीटों तरारी, रामगढ़, इमामगंज और बेलागंज पर होने वाले चुनाव में सभी दलों ने पूरी ताकत लगा दी है. 2025 विधानसभा चुनाव से पहले हो रहे उपचुनाव को लिटमस टेस्ट माना जा रहा है.

देखें रिपोर्ट. (Etv Bharat)

3 पर महागठबंधन 1 पर NDA की हुई थी जीत : इस बार जिन चार विधानसभा में उपचुनाव है, उसमें तीन पर महागठबंधन का कब्जा था, जबकि एक सीट एनडीए के खाते में गई थी. 2020 के विधानसभा चुनाव में तरारी, रामगढ़ और बेलागंज पर राजद ने जीत हासिल की थी. इमामगंज सीट को जीतन राम मांझी ने अपने नाम किया था. यही एक सीट एनडीए को मिली थी. इसलिए महागठबंधन के लिए सीट बचाना एक बड़ी चुनौती है.

''बिहार की जनता तेजस्वी यादव पर भरोसा कर रही है. नीतीश सरकार में इस प्रकार से अपराध बढ़े हैं कि उससे जनता परेशान है. इसलिए चारो विधानसभा उपचुनाव में महागठबंधन की जीत होगी और पहले भी उपचुनाव में महा गठबंधन का परफॉर्मेंस बेहतर रहा है.''- एजाज अहमद, प्रवक्ता, आरजेडी

PK और AIMIM की एंट्री से मुकाबला दिलचस्प : राजनीतिक विशेषज्ञ सुनील पांडे का कहना है कि इस बार की लड़ाई महागठबंधन और एनडीए के लिए आसान नहीं होगा. प्रशांत किशोर भी मजबूती से चुनाव मैदान में हैं. इसके अलावा एआईएमआईएम भी चुनावी मैदान में है. पहले उम्मीद थी महागठबंधन और एनडीए के बीच सीधी लड़ाई होगी, लेकिन प्रशांत किशोर के कारण मामला त्रिकोणीय हो गया है.

प्रशांत किशोर की पूरी तैयारी
प्रशांत किशोर की पूरी तैयारी (ETV Bharat)

''एनडीए के साथ सबसे पॉजिटिव बात यह है कि गठबंधन के पांच घटक दल मजबूती से एकजुटता दिखा रहे हैं. महागठबंधन का 4 में से तीन सीट है, इसलिए परेशानी महागठबंधन की बढ़ी हुई है. क्योंकि इस चुनाव का असर आने वाले विधानसभा चुनाव पर भी पड़ना तय है. जो भी गठबंधन अधिक सीट जीतेगा उसका अपर हैंड होगा.''- सुनील पांडे, राजनीतिक विशेषज्ञ

उपचुनाव में महागठबंधन का पलड़ा भारी : वैसे पिछले कुछ विधानसभा उपचुनाव को देखें तो महागठबंधन का पलड़ा थोड़ा भारी रहा है. 2020 विधानसभा चुनाव के बाद हुए उपचुनाव में से बोचहा सीट, मोकामा सीट, रुपौली सीट और अगिआंव विधानसभा सीट पर एनडीए को हार मिली है.

मोकामा और रुपौली विधायक का NDA को समर्थन : हालांकि इस दौरान तारापुर और गोपालगंज विधानसभा उपचुनाव में एनडीए को जीत भी मिली है. इसके साथ ही मोकामा की विधायक एनडीए के साथ आ गयी हैं. रुपौली के निर्दलीय विधायक ने भी नीतीश कुमार का समर्थन किया है.

एनडीए पूरी तरह से एकजुट.
एनडीए पूरी तरह से एकजुट. (ETV Bharat)

''चारो विधानसभा की सीट हम लोग जीतेंगे. वैसे भी तो आप लोगों ने देखा है कि जो लोग उपचुनाव में दूसरी पार्टी या निर्दलीय से जीतते हैं, वह भी नीतीश कुमार का समर्थन कर देते हैं.''- जयंत राज, मंत्री, बिहार सरकार

23 नवंबर को चुनाव, 23 को रिजल्ट : 13 नवंबर को चारों विधानसभा सीट पर चुनाव होगा और 23 नवंबर को गिनती होगी. लड़ाई इस बार दिलचस्प होने की संभावना है. देखना है 2025 के पहले किस गठबंधन को जनता उपचुनाव में विजयी का सेहरा पहनाकर संकेत देती है.

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