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मुंबई आने वाले बिहारियों को अब कम दर पर मिलेगी रहने की सुविधा, बिहार भवन निर्माण के लिए मिली एक एकड़ जमीन - मुंबई आने वाले बिहारी

Bihar Bhawan Nirman In Mumbai: मुंबई आने वाले बिहारी मरीजों, छात्रों, जनप्रतिनिधि और पदाधिकारी को अब किफायती दर पर रहने की सुविधा मिलेगी. मुंबई में बिहार भवन निर्माण के लिए लगभग 1 एकड़ जमीन मिल गई है. बिहार सरकार ने इस जमीन की कीमत का भुगतान भी कर दिया है.

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Feb 5, 2024, 3:39 PM IST

पटना: बिहार वासियों के लिए खुशखबरी है. अब मुंबई जाकर इलाज करने वाले लोगों को मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी. मुंबई में बनने वाले बिहार भवन के लिए जमीन का मसला हल हो गया है. जल्दी ही वहां निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा. बिहार भवन निर्माण के लिए लगभग 1 एकड़ जमीन मिल चुकी है.

सरकार की कोशिश रंग लाई: बिहार सरकार लंबे अरसे से मुंबई में बिहार भवन के भूखंड के लिए प्रयास कर रही थी. आखिरकार सरकार की कोशिश रंग लाई और बिहार को एक एकड़ भूखंड मिल गई है. बिहार भवन निर्माण का रास्ता भी अब साफ हो गया है.

किफायती दर पर रहने की सुविधा: दरअसल, बिहार के कैंसर पीड़ितों को मुंबई आने पर किफायती दर पर रहने की सुविधा मिलेगी. साथ ही ऐसे विद्यार्थी जो परीक्षा या इंटरव्यू देने के लिए मुंबई आ रहे है या फिर बिहार सरकार के जनप्रतिनिधि या पदाधिकारी जो सरकारी काम के संबंधित में मुंबई आते हैं, उन्हें भी को रहने की सुविधा मिलेगी. बिहार के ऐसे लोग जो मुंबई में कोई सांस्कृतिक कार्यक्रम मनाना चाहें, बिहार दिवस का फंक्शन करना चाहें, उनके लिए भी इसमें बड़ा हॉल बनाया जाएगा.

जमीन की कीमत का हुआ भुगतान: यह जमीन मुंबई के अत्यंत ही महंगी और बिल्कुल मध्य मुंबई के अत्यंत ही महत्त्वपूर्ण जगह पर अवस्थित है. बिहार सरकार ने इस जमीन की कीमत का भुगतान कर दिया है. एक महीने के अंदर बिहार सरकार के आईएएस अधिकारी मुंबई आकर इसकी रजिस्ट्री का काम भी पूरा करवा लेंगे.

सरकार ने दी 150 करोड़ की कीमत: बता दें कि मुबंई में एक एकड़ जमीन है, जो भारत सरकार के समुद्री जहाजरानी (शिपिंग) मंत्रालय के अधीन मुंबई पोर्ट ट्रस्ट ने बिहार सरकार को देने का काम किया है. मुंबई में बिहार भवन के निर्माण के लिए बिहार सरकार ने लगभग 150 करोड़ की कीमत दी है.

"मुंबई में कार्यरत बिहार फाउंडेशन के अध्यक्ष कैसर ख़ालिद समेत तमाम लोग बधाई के पात्र हैं. लंबे संघर्ष के बाद यह भूखंड हासिल किया जा सका है. मेरे जैसे सैकड़ों लोग जो इस काम में 20 वर्षों से लगे हुए थे, ये हम सभी के जीवन की बहुत महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है, क्योंकि इस से भविष्य में हमेशा के लिए हजारों बिहारी भाइयों बहनों को इसकी सुविधा उपलब्ध हो जाएगी." - देवेश चंद्र ठाकुर, सभापति, बिहार विधान परिषद

इसे भी पढ़े- दिल्ली में बिहार को मिला एक और ठिकाना, CM नीतीश ने किया 'बिहार सदन' का उद्घाटन

पटना: बिहार वासियों के लिए खुशखबरी है. अब मुंबई जाकर इलाज करने वाले लोगों को मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी. मुंबई में बनने वाले बिहार भवन के लिए जमीन का मसला हल हो गया है. जल्दी ही वहां निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा. बिहार भवन निर्माण के लिए लगभग 1 एकड़ जमीन मिल चुकी है.

सरकार की कोशिश रंग लाई: बिहार सरकार लंबे अरसे से मुंबई में बिहार भवन के भूखंड के लिए प्रयास कर रही थी. आखिरकार सरकार की कोशिश रंग लाई और बिहार को एक एकड़ भूखंड मिल गई है. बिहार भवन निर्माण का रास्ता भी अब साफ हो गया है.

किफायती दर पर रहने की सुविधा: दरअसल, बिहार के कैंसर पीड़ितों को मुंबई आने पर किफायती दर पर रहने की सुविधा मिलेगी. साथ ही ऐसे विद्यार्थी जो परीक्षा या इंटरव्यू देने के लिए मुंबई आ रहे है या फिर बिहार सरकार के जनप्रतिनिधि या पदाधिकारी जो सरकारी काम के संबंधित में मुंबई आते हैं, उन्हें भी को रहने की सुविधा मिलेगी. बिहार के ऐसे लोग जो मुंबई में कोई सांस्कृतिक कार्यक्रम मनाना चाहें, बिहार दिवस का फंक्शन करना चाहें, उनके लिए भी इसमें बड़ा हॉल बनाया जाएगा.

जमीन की कीमत का हुआ भुगतान: यह जमीन मुंबई के अत्यंत ही महंगी और बिल्कुल मध्य मुंबई के अत्यंत ही महत्त्वपूर्ण जगह पर अवस्थित है. बिहार सरकार ने इस जमीन की कीमत का भुगतान कर दिया है. एक महीने के अंदर बिहार सरकार के आईएएस अधिकारी मुंबई आकर इसकी रजिस्ट्री का काम भी पूरा करवा लेंगे.

सरकार ने दी 150 करोड़ की कीमत: बता दें कि मुबंई में एक एकड़ जमीन है, जो भारत सरकार के समुद्री जहाजरानी (शिपिंग) मंत्रालय के अधीन मुंबई पोर्ट ट्रस्ट ने बिहार सरकार को देने का काम किया है. मुंबई में बिहार भवन के निर्माण के लिए बिहार सरकार ने लगभग 150 करोड़ की कीमत दी है.

"मुंबई में कार्यरत बिहार फाउंडेशन के अध्यक्ष कैसर ख़ालिद समेत तमाम लोग बधाई के पात्र हैं. लंबे संघर्ष के बाद यह भूखंड हासिल किया जा सका है. मेरे जैसे सैकड़ों लोग जो इस काम में 20 वर्षों से लगे हुए थे, ये हम सभी के जीवन की बहुत महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है, क्योंकि इस से भविष्य में हमेशा के लिए हजारों बिहारी भाइयों बहनों को इसकी सुविधा उपलब्ध हो जाएगी." - देवेश चंद्र ठाकुर, सभापति, बिहार विधान परिषद

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