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'BPSC 70th परीक्षा से नॉर्मलाइजेशन हटाना होगा', शीतकालीन सत्र में विपक्ष ने उठाया मुद्दा - BIHAR ASSEMBLY WINTER SESSION

बिहार विधानसभा शीतकालीन सत्र अंतिम दिन हंगामेदार रहा. विपक्ष सदन के बाहर बीपीएससी परीक्षा से नॉर्मलाइजेशन हटाने की मांग पर प्रदर्शन किया.

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 29, 2024, 2:21 PM IST

पटनाः बिहार विधानसभा शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन भी विपक्ष ने सरकार को घेरने का काम किया. नौकरी, रोजगार, स्वास्थ्य और स्मार्ट मीटर मुख्य मुद्दा रहा. गुरुवार को विपक्ष ने नौकरी रोजगार के मुद्दा को लेकर सदन के बाहर प्रदर्शन किया. विपक्षी विधायकों ने बीपीएससी 70वीं परीक्षा से नॉर्मलाइजेशन हटाने की मांग की.

सदन के बाहर हंगामाः विपक्ष के तमाम नेता हाथ में पोस्ट लिए सदन के बाहर विरोध जता रहे थे. विधायकों ने बीपीएससी 70वीं पीटी परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन हटाने, सभी छात्रों को समान अवसर देने, सिपाही भर्ती में सफल अभ्यर्थियों का वर्तमान एनसीएल और ईडब्लूएस सर्टिफिकेट स्वीकार करने सहित तमाम मुद्दा को उठाया. इस दौरान विपक्षों ने तेजस्वी यादव के कार्यों को भी गिनाया. कहा कि 'नौकरी का मतलब तेजस्वी'

सदन के बाहर विपक्ष का हंगामा (ETV Bharat)

"बीपीएससी की परीक्षा में जो धांधली हो रहा है, उसके खिलाफ तमाम विपक्ष सदस्य विरोध जता रहे हैं. परीक्षा में प्रश्न पत्र आउट हो जा रहा है, जिससे छात्रों को परेशानी होती है. पारदर्शी तरीके से परीक्षा का आयोजन किया जाए." -रामवृक्ष सदा, राजद विधायक

क्या है मामला? बता दें कि बीपीएससी 70वीं संयुक्त परीक्षा में परसेंटाइल और नार्मलाइजेशन लागू करने जा रही है. इसी को लेकर विपक्ष विरोध जता रहा है. बीपीएससी के इस नियम का छात्र नेता भी विरोध कर रहे हैं. विपक्ष और छात्र नेताओं का कहना है कि किसी भी सूरत में परसेंटाइल और नार्मलाइजेशन स्वीकार नहीं है.

क्या कह रहे विरोधी? दरअसल, बीपीएससी का मानना है कि इससे पेपर लीक को रोका जा सकता है. इसमें बीपीएससी अलग अलग सेट का प्रश्न पत्र तैयार करेगा, लेकिन विरोधियों का कहना है कि परीक्षा में एक ही सेट का प्रश्न पत्र हो. दलील है कि इससे अलग-अलग सेट में अलग अलग प्रश्न पत्र होगा. कुछ सेट में प्रश्न कठिन होगा तो कुछ में साधारण होगा.

नॉर्मलाइजेशन क्या है?: किसी परीक्षा में प्रश्न पत्र कठिन है, इसके आधार पर अंक दिया जाता है. परीक्षा में मिले अंकों के आधार पर अभ्यर्थियों का प्रतिशत स्कोर निकाला जाता है. परीक्षा के हर पेपर में प्रश्नों का लेवल अलग-अलग होता है. इसी अंतर को खत्म करने के लिए ऐसा किया जाता है.

परेशानी कहां होगी? दरअसल, परीक्षा में कई बार ऐसा होता कि प्रश्न गलत होते हैं. अगर दूसरे या पहले शिफ्ट में ज्यादा प्रश्न पत्र गलत हुए तो परीक्षा देने वाले छात्रों को कैसे पता चलेगा कि उसे कितना नंबर आया. क्योंकि नॉर्मलाइजेशन और परसेंटाइल ऑल ओवर अभ्यर्थियों को जोड़कर किया जाता है. ऐसे में अधिक अंक लाने वाले छात्रों को भी कम नंबर आ जाएगा.

यह भी पढ़ेंः बिहार छात्र एकता मंच ने BPSC को दी आंदोलन की चेतावनी, इस मांग को लेकर आगे आए छात्र नेता

पटनाः बिहार विधानसभा शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन भी विपक्ष ने सरकार को घेरने का काम किया. नौकरी, रोजगार, स्वास्थ्य और स्मार्ट मीटर मुख्य मुद्दा रहा. गुरुवार को विपक्ष ने नौकरी रोजगार के मुद्दा को लेकर सदन के बाहर प्रदर्शन किया. विपक्षी विधायकों ने बीपीएससी 70वीं परीक्षा से नॉर्मलाइजेशन हटाने की मांग की.

सदन के बाहर हंगामाः विपक्ष के तमाम नेता हाथ में पोस्ट लिए सदन के बाहर विरोध जता रहे थे. विधायकों ने बीपीएससी 70वीं पीटी परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन हटाने, सभी छात्रों को समान अवसर देने, सिपाही भर्ती में सफल अभ्यर्थियों का वर्तमान एनसीएल और ईडब्लूएस सर्टिफिकेट स्वीकार करने सहित तमाम मुद्दा को उठाया. इस दौरान विपक्षों ने तेजस्वी यादव के कार्यों को भी गिनाया. कहा कि 'नौकरी का मतलब तेजस्वी'

सदन के बाहर विपक्ष का हंगामा (ETV Bharat)

"बीपीएससी की परीक्षा में जो धांधली हो रहा है, उसके खिलाफ तमाम विपक्ष सदस्य विरोध जता रहे हैं. परीक्षा में प्रश्न पत्र आउट हो जा रहा है, जिससे छात्रों को परेशानी होती है. पारदर्शी तरीके से परीक्षा का आयोजन किया जाए." -रामवृक्ष सदा, राजद विधायक

क्या है मामला? बता दें कि बीपीएससी 70वीं संयुक्त परीक्षा में परसेंटाइल और नार्मलाइजेशन लागू करने जा रही है. इसी को लेकर विपक्ष विरोध जता रहा है. बीपीएससी के इस नियम का छात्र नेता भी विरोध कर रहे हैं. विपक्ष और छात्र नेताओं का कहना है कि किसी भी सूरत में परसेंटाइल और नार्मलाइजेशन स्वीकार नहीं है.

क्या कह रहे विरोधी? दरअसल, बीपीएससी का मानना है कि इससे पेपर लीक को रोका जा सकता है. इसमें बीपीएससी अलग अलग सेट का प्रश्न पत्र तैयार करेगा, लेकिन विरोधियों का कहना है कि परीक्षा में एक ही सेट का प्रश्न पत्र हो. दलील है कि इससे अलग-अलग सेट में अलग अलग प्रश्न पत्र होगा. कुछ सेट में प्रश्न कठिन होगा तो कुछ में साधारण होगा.

नॉर्मलाइजेशन क्या है?: किसी परीक्षा में प्रश्न पत्र कठिन है, इसके आधार पर अंक दिया जाता है. परीक्षा में मिले अंकों के आधार पर अभ्यर्थियों का प्रतिशत स्कोर निकाला जाता है. परीक्षा के हर पेपर में प्रश्नों का लेवल अलग-अलग होता है. इसी अंतर को खत्म करने के लिए ऐसा किया जाता है.

परेशानी कहां होगी? दरअसल, परीक्षा में कई बार ऐसा होता कि प्रश्न गलत होते हैं. अगर दूसरे या पहले शिफ्ट में ज्यादा प्रश्न पत्र गलत हुए तो परीक्षा देने वाले छात्रों को कैसे पता चलेगा कि उसे कितना नंबर आया. क्योंकि नॉर्मलाइजेशन और परसेंटाइल ऑल ओवर अभ्यर्थियों को जोड़कर किया जाता है. ऐसे में अधिक अंक लाने वाले छात्रों को भी कम नंबर आ जाएगा.

यह भी पढ़ेंः बिहार छात्र एकता मंच ने BPSC को दी आंदोलन की चेतावनी, इस मांग को लेकर आगे आए छात्र नेता

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