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बिहार विधानसभा का मानसून सत्र संपन्न: अनुपूरक बजट सहित 7 विधेयक पारित, सरकार को घेरने में विपक्ष बुरी तरह नाकाम - Bihar Assembly Monsoon session ends

Monsoon sessionबिहार विधानसभा का मानसून सत्र इस बार हंगामेदार रहा. 5 दिनों में एंटी पेपर लीक सहित 7 विधेयक पास हुए. राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, सरकार ने अपने महत्वपूर्ण काम निपटा लिए जबकि विपक्ष सरकार को घेरने में विफल रहा. सत्र के दौरान सत्ता पक्ष विपक्ष पर पूरी तरह हावी रहा. पढ़ें, विस्तार से.

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jul 26, 2024, 7:56 PM IST

बिहार विधानसभा का मानसून सत्र.
बिहार विधानसभा का मानसून सत्र. (ETV Bharat)
बिहार विधानसभा का मानसून सत्र संपन्न. (ETV Bharat)

पटना: बिहार विधानसभा के मानसून सत्र इस बार हंगामेदार रहा. 5 दिनों के सत्र में एंटी पेपर लीक सहित 7 विधेयक पास हुए. छोटे से सत्र में सत्ता पक्ष के लोग पूरी तरह से विपक्ष पर हावी रहे. विपक्ष नेता विहीन दिखा. हंगामा के कारण 106 ध्यानाकर्षण सूचनाओं में आठ का ही जवाब हो सका. वहीं 870 प्रश्न में से विपक्ष के हंगामे के कारण कुछ ही का जवाब हो सका. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जहां सरकार ने अपना काम करा लिया वहीं विपक्ष सरकार को घेरने से चूक गयी.

"सरकार ने तो अपना काम बखूबी निकाल लिया, लेकिन विपक्ष सरकार को घेरने में चूक गई. नेता प्रतिपक्ष के नहीं होने का असर साफ दिखा. महागठबंधन के सभी दल अपने अपने मुद्दे को लेकर नजर आए. जबकि अभी बाढ़, सुखाड़ जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे भी थे जिस पर सरकार को विपक्ष जवाब देने के लिए मजबूर कर सकती थी."- अरुण पांडे, राजनीतिक विश्लेषक

प्रदर्शन करते विपक्षी दल के सदस्य.
प्रदर्शन करते विपक्षी दल के सदस्य. (ETV Bharat)

सात विधेयक हुआ पासः 22 जुलाई से 26 जुलाई तक बिहार विधानसभा का मानसून सत्र चला. मानसून सत्र में सरकार ने प्रथम अनुपूरक बजट 47512 करोड़ सदन से पास कराया तो वहीं कई महत्वपूर्ण विधेयक भी सरकार बिना किसी परेशानी के सदन से पास कराने में सफल रही. किसी भी विधेयक की चर्चा में विपक्ष शामिल नहीं हुआ, जब विधेयक सदन से पास कराया जा रहा था, तब विपक्षी सदस्य सदन का वाक आउट कर चुके थे.

ETV GFX
ETV GFX (ETV Bharat)

विपक्ष की बात सरकार नहीं सुनीः राजद विधायक और पूर्व मंत्री समीर महासेठ ने कहा विपक्ष ने जनता की आवाज को उठाने की कोशिश की, लेकिन सरकार न प्रश्नों का उत्तर देने के लिए तैयार हुई और न ही डिबेट के लिए. हम लोगों की मांग थी 10 दिनों का सत्र चले, लेकिन 5 दिन का ही सत्र सरकार ने बुलाया. उसमें भी सरकार विपक्ष की बात सुनने को तैयार नहीं थी. नेता प्रतिपक्ष को लेकर राजद के विधायक बचाव करते हुए कहा पटना में आ गए थे और अपने चेंबर में थे.

कांग्रेस का अनोखा प्रदर्शनः आम बजट में बिहार को 59000 करोड़ का पैकेज मिलने के बाद भी विशेष राज्य के दर्जे की मांग को लेकर कांग्रेस की ओर से पहले झुनझुना और फिर झाल बजाना चर्चा में रहा. वहीं नीतीश कुमार ने जिस प्रकार से राजद की विधायक रेखा देवी को संबोधित किया वह भी खूब चर्चा में रहा. पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकेश्वर प्रसाद ने कहा कि मानसून सत्र उपलब्धियां भरा रहा. जनता के सवालों का जवाब हुआ और कई महत्वपूर्ण विधायी कार्य संपन्न कराए गए.

केंद्रीय बजट का विरोध करते कांग्रेस नेता.
केंद्रीय बजट का विरोध करते कांग्रेस नेता. (ETV Bharat)

सुनील सिंह रहे चर्चा मेंः 5 दिनों के मानसून सत्र में विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव ने विपक्षी सदस्यों को कई बार चेतावनी देकर छोड़ दिया. लेकिन विधान परिषद में सभापति अवधेश नारायण सिंह ने राजद के विधान पार्षद सुनील सिंह की सदस्यता समाप्त कर दी. इस पर सियासी तापमान चढ़ा रहा. सुनील सिंह फरवरी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का मिमिक्री किया था आचार समिति ने उस मामले में उन्हें दोषी पाया और निलंबन की अनुशंसा की थी. जिसका फैसला सत्र के अंतिम दिन सुनाया गया.

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बिहार विधानसभा का मानसून सत्र संपन्न. (ETV Bharat)

पटना: बिहार विधानसभा के मानसून सत्र इस बार हंगामेदार रहा. 5 दिनों के सत्र में एंटी पेपर लीक सहित 7 विधेयक पास हुए. छोटे से सत्र में सत्ता पक्ष के लोग पूरी तरह से विपक्ष पर हावी रहे. विपक्ष नेता विहीन दिखा. हंगामा के कारण 106 ध्यानाकर्षण सूचनाओं में आठ का ही जवाब हो सका. वहीं 870 प्रश्न में से विपक्ष के हंगामे के कारण कुछ ही का जवाब हो सका. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जहां सरकार ने अपना काम करा लिया वहीं विपक्ष सरकार को घेरने से चूक गयी.

"सरकार ने तो अपना काम बखूबी निकाल लिया, लेकिन विपक्ष सरकार को घेरने में चूक गई. नेता प्रतिपक्ष के नहीं होने का असर साफ दिखा. महागठबंधन के सभी दल अपने अपने मुद्दे को लेकर नजर आए. जबकि अभी बाढ़, सुखाड़ जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे भी थे जिस पर सरकार को विपक्ष जवाब देने के लिए मजबूर कर सकती थी."- अरुण पांडे, राजनीतिक विश्लेषक

प्रदर्शन करते विपक्षी दल के सदस्य.
प्रदर्शन करते विपक्षी दल के सदस्य. (ETV Bharat)

सात विधेयक हुआ पासः 22 जुलाई से 26 जुलाई तक बिहार विधानसभा का मानसून सत्र चला. मानसून सत्र में सरकार ने प्रथम अनुपूरक बजट 47512 करोड़ सदन से पास कराया तो वहीं कई महत्वपूर्ण विधेयक भी सरकार बिना किसी परेशानी के सदन से पास कराने में सफल रही. किसी भी विधेयक की चर्चा में विपक्ष शामिल नहीं हुआ, जब विधेयक सदन से पास कराया जा रहा था, तब विपक्षी सदस्य सदन का वाक आउट कर चुके थे.

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ETV GFX (ETV Bharat)

विपक्ष की बात सरकार नहीं सुनीः राजद विधायक और पूर्व मंत्री समीर महासेठ ने कहा विपक्ष ने जनता की आवाज को उठाने की कोशिश की, लेकिन सरकार न प्रश्नों का उत्तर देने के लिए तैयार हुई और न ही डिबेट के लिए. हम लोगों की मांग थी 10 दिनों का सत्र चले, लेकिन 5 दिन का ही सत्र सरकार ने बुलाया. उसमें भी सरकार विपक्ष की बात सुनने को तैयार नहीं थी. नेता प्रतिपक्ष को लेकर राजद के विधायक बचाव करते हुए कहा पटना में आ गए थे और अपने चेंबर में थे.

कांग्रेस का अनोखा प्रदर्शनः आम बजट में बिहार को 59000 करोड़ का पैकेज मिलने के बाद भी विशेष राज्य के दर्जे की मांग को लेकर कांग्रेस की ओर से पहले झुनझुना और फिर झाल बजाना चर्चा में रहा. वहीं नीतीश कुमार ने जिस प्रकार से राजद की विधायक रेखा देवी को संबोधित किया वह भी खूब चर्चा में रहा. पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकेश्वर प्रसाद ने कहा कि मानसून सत्र उपलब्धियां भरा रहा. जनता के सवालों का जवाब हुआ और कई महत्वपूर्ण विधायी कार्य संपन्न कराए गए.

केंद्रीय बजट का विरोध करते कांग्रेस नेता.
केंद्रीय बजट का विरोध करते कांग्रेस नेता. (ETV Bharat)

सुनील सिंह रहे चर्चा मेंः 5 दिनों के मानसून सत्र में विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव ने विपक्षी सदस्यों को कई बार चेतावनी देकर छोड़ दिया. लेकिन विधान परिषद में सभापति अवधेश नारायण सिंह ने राजद के विधान पार्षद सुनील सिंह की सदस्यता समाप्त कर दी. इस पर सियासी तापमान चढ़ा रहा. सुनील सिंह फरवरी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का मिमिक्री किया था आचार समिति ने उस मामले में उन्हें दोषी पाया और निलंबन की अनुशंसा की थी. जिसका फैसला सत्र के अंतिम दिन सुनाया गया.

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