पटना: बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाला है. चुनाव की तैयारी में अभी से बिहार के राजनीतिक दल जुट गए हैं. राजनीतिक जमीन को मजबूत करने के लिए 'नेताजी' बिहार में यात्रा कर रहे हैं या इसकी तैयारी में हैं. तेजस्वी यादव 10 सितंबर से कार्यकर्ता संवाद यात्रा पर निकले हुए हैं. पप्पू यादव 29 सितंबर से "वफ्फ कब्रिस्तान अधिकार यात्रा" निकालने वाले हैं. उपेंद्र कुशवाहा 25 सितंबर से अपनी यात्रा शुरू करने वाले हैं. प्रशांत किशोर दो साल से यात्रा कर रहे हैं तो वहीं नीतीश कुमार भी यात्रा करने के लिए जाने जाते हैं.
राजनीति में यात्रा का क्या है महत्वः राजनीति के जानकारों की मानें तो ऐसे दौरों से नेताओं को जनता की नब्ज़ टटोलने का मौका मिलता है, जो चुनावी रणनीति तैयार करने में अहम भूमिका निभाता है. राजनीतिक विश्लेषक कौशलेन्द्र प्रियदर्शी का कहना है कि देश में यात्राओं का दौर बहुत पहले से चल रहा है. जहां तक बिहार का संदर्भ है तो यहां की राजनीति में यात्रा सत्ता पाने और बचाने के लिए होती है. सियासत का मतलब यही है.
"तेजस्वी यादव विधानसभा चुनाव से पहले यात्रा पर निकले हैं. नीतीश कुमार भी समीक्षा बैठक कर रहे हैं. कोई वक्फ बोर्ड के नाम पर मुसलमान को अपने पास लाने की कोशिश कर रहा है. यहां स्थिति यह है कि यात्रा के सहारे लोगों को जागरूक करके चुनाव में वोट की फसल काट सके."- कौशलेन्द्र प्रियदर्शी, राजनीतिक विश्लेषक
दलों में मची क्रेडिट लेने की होड़ः राजनीतिक यात्राओं का महत्व चुनावी रणनीति में बेहद खास होता है. क्योंकि इससे नेता सीधे जनता से संवाद स्थापित कर सकते हैं. जन सुराज, राजद और जदयू के प्रवक्ताओं का मानना है कि उनके नेताओं की सफल यात्राओं ने दूसरी पार्टियों में घबराहट पैदा कर दी है, जिसके चलते विपक्षी दलों के नेता भी यात्रा करने को मजबूर हो गए हैं. प्रवक्ताओं का दावा है कि उनके नेताओं की लोकप्रियता और जनसमर्थन को देखते हुए दूसरे दल अब जनता तक पहुंचने के लिए तेजी से यात्राओं की योजना बना रहे हैं.
यात्रा से नीतीश का है पुराना नाताः जदयू के प्रवक्ता अरविंद निषाद का कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में न्याय यात्रा के साथ परिवर्तन की शुरुआत की थी. इसके बाद जनविश्वास यात्रा, विकास यात्रा आदि निकाली. अन्य दल के लोग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सीख लेते हुए यात्रा की शुरुआत कर रहे हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आगामी यात्रा के बारे में अरविंद निषाद ने कहा कि जब मुख्यमंत्री यात्रा की शुरुआत करेंगे तो विधिवत इसकी जानकारी उनके कार्यालय से मीडिया को दी जाएगी.
"तेजस्वी की चार जिलों में यात्रा हुई है. लेकिन, जनता से सीधा संवाद नहीं हुआ है. जनता से जो उनका रिस्पांस मिलना चाहिए था वह नहीं मिल पाया है. वह प्रयास तो कर रहे हैं जनता से जुड़ने का लेकिन, दो- दो मुख्यमंत्री के घर में उनका जन्म और लालन-पालन हुआ है. जनता से कभी सीधा संवाद नहीं हुआ है."- अरविंद निषाद, जदयू प्रवक्ता
दूसरे दल के लोगों में घबराहटः राजद के प्रवक्ता एजाज अहमद का कहना है कि हमारी जो यात्रा है वह कार्यकर्ता संवाद सह दर्शन यात्रा है. कार्यकर्ताओं के माध्यम से हम फीडबैक ले रहे हैं. जनता की समस्याओं को जानने का काम कर रहे हैं. पार्टी संगठन और पार्टी के कार्यकर्ताओं को जो सम्मान और भाव दिखाना चाहिए वह नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव स्वयं जाकर, उनसे मिलकर सम्मान दे रहे हैं. उनके साथ जो बेहतर समन्वय है उसको आगे बढ़कर के पार्टी और संगठन को कैसे मजबूत किया जाए उसे दिशा में हम काम कर रहे हैं.
"हमारे ही लीक पर नीतीश कुमार यात्रा निकाल रहे हैं. उपेंद्र कुशवाहा और अन्य नेता यात्रा निकाल रहे हैं. हमारे लीक पर चलने के लिए इनको विवश होना पड़ रहा है. तेजस्वी यादव को जिस तरह से जनता का विश्वास मिला है इससे दूसरे दलों में घबराहट है. इसी को देखते हुए यह लोग यात्रा पर निकल रहे हैं."- एजाज अहमद, राजद प्रवक्ता
प्रशांत किशोर ने की है यात्रा की शुरुआतः जन सुराज का मानना है कि बिहार में राजनीतिक दल के नेता प्रशांत किशोर के भय से बिहार में यात्रा पर निकले हैं. जन सुराज अभियान के प्रवक्ता संजय ठाकुर का कहना है कि ये लोग मजबूर हो कर यात्रा करेंगे, क्योंकि प्रशांत किशोर 2 अक्टूबर 2022 से लगातार गांव में घूम रहे हैं, पदयात्रा कर रहे हैं. अभी तक उन्होंने 18 जिलों की पदयात्रा पूरी कर ली है अब 19 वें जिले सुपौल में उनकी पदयात्रा चल रही है. प्रशांत किशोर को जात धर्म से ऊपर उठकर सभी का समर्थन मिल रहा है.
"प्रशांत किशोर से बिहार के राजनीतिक दलों को भय हो गया है. इस भय से निकलने के लिए ये लोग यात्रा पर निकल रहे हैं. जो लोग कभी किसी गांव में नहीं जाते थे आज मजबूर होकर ये लोग यात्रा कर रहे हैं. अभी स्थिति ऐसी हो गई है कि इन लोगों को गली-गली लोगों के पास जाकर हाजिरी देनी होगी."- संजय ठाकुर, प्रवक्ता, जन सुराज
दो साल पहले शुरू हुई थी जनसुराज पदयात्राः जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर पिछले 2 वर्ष से बिहार में पदयात्रा कर रहे हैं. अभी तक उन्होंने बिहार के 18 जिलों में पदयात्रा की है. उनका लक्ष्य है कि बिहार के सभी 38 जिलों में पदयात्रा के माध्यम में लोगों से मिलेंगे. अब तक प्रशांत किशोर 3000 किलोमीटर से ज्यादे की यात्रा कर चुके हैं. इन दो सालों में उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से कुछ दिन का ब्रेक लिया था.
तेजस्वी की कार्यकर्ता संवाद यात्राः बिहार विधानसभा में विरोधीदल के नेता तेजस्वी यादव 10 सितंबर से कार्यकर्ता संवाद यात्रा पर निकले हुए हैं. पहले चरण में वह बिहार के चार जिलों के 41 विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं से मिल रहे हैं. तेजस्वी यादव बिहार के सभी 38 जिलों में कार्यकर्ता संवाद यात्रा के तहत दौरा करेंगे. जदयू के प्रवक्ता अरविंद निषाद ने आरोप लगाया है कि तेजस्वी यादव पहले भी कई यात्रा निकाल चुके हैं, लेकिन पूरी नहीं हुई.
नीतीश कुमार की यात्रा संभावितः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पॉलिटिकल यात्रा से पुराना संबंध है. बिहार सरकार की मंत्री लेसी सिंह ने एक कार्यक्रम में नीतीश कुमार के शीघ्र ही यात्रा निकाले जाने की बात कही थी. अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर से सक्रिय हो गए हैं. समीक्षा बैठक कर रहे हैं. लगातार योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन कर रहे हैं.
नीतीश कुमार की अबतक की यात्राः नीतीश कुमार ने 12 जुलाई 2005 को न्याय यात्रा शुरू की थी. 2009 में विकास यात्रा निकाली. लोकसभा चुनाव में जीत के बाद जून 2009 से धन्यवाद यात्रा पर निकले. इसके बाद 2009 को प्रवास यात्रा पर निकले. इसके जरिए जनता को अपने 4 साल का हिसाब-किताब दिया. 2010 से विश्वास यात्रा निकाली. 2011 के अंत में नीतीश कुमार ने सेवा यात्रा निकाली. 2012 से बिहार को विशेष राज्य की दर्जा की मांग को लेकर अधिकार यात्रा पर निकले. 2014 से संपर्क यात्रा की शुरुआत की. 2016 में निश्चय यात्रा पर निकले. 2017 में समीक्षा यात्रा शुरू की. इसके बाद 2021 में समाज सुधार यात्रा पर निकले.
पप्पू यादव की वक्फ कब्रिस्तान अधिकार यात्राः पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव इसी माह से "वक्फ कब्रिस्तान अधिकार यात्रा" निकाल रहे हैं. इसकी शुरुआत 29 सितंबर से कोसी सीमांचल से होगी. पटना के गांधी मैदान में इस यात्रा का समापन होगा. पप्पू यादव 29 सितंबर को अररिया में 30 सितंबर को किशनगंज में, 31 सितंबर को कटिहार कोसी सीमांचल होते हुए पटना के गांधी मैदान में इस यात्रा का समापन होगा.
उपेन्द्र कुशवाहा की यात्रा 25 सेः राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा 25 सितंबर से अरवल के कुर्था से बिहार यात्रा की शुरुआत करने वाले हैं. उपेंद्र कुशवाहा ने सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए कहा कि यात्रा का मुख्य उद्देश्य आगामी विधानसभा चुनाव में एनडीए के कार्यकर्ताओं के बीच आपसी सामंजस्य को बेहतर बनाना है. इसके अलावा संगठन को मजबूत करना, सदस्यता अभियान की समीक्षा करना और कॉलेजियम सिस्टम के विरोध में "हल्ला बोल दरवाजा खोल" अभियान को लेकर लोगों को जागरूक करेंगे.
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