पटना: बिहार विधानसभा के नए उपाध्यक्ष के रूप में जदयू के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री नरेंद्र नारायण यादव ने जिम्मेदारी संभाली है. सर्व समिति से नरेंद्र नारायण यादव का चुनाव हुआ है. 22 फरवरी को नरेंद्र नारायण यादव ने नॉमिनेशन किया था और आज सभी दलों ने उन्हें उपाध्यक्ष के लिए समर्थन किया है.
'कठिन जिम्मेदारी मिली है'- नरेंद्र नारायण यादव: अब उपाध्यक्ष के रूप में काम करने वाले हैं तो कौन सी जिम्मेदारी अधिक कठिन लग रही है, इस सवाल का जवाब देते हुए नरेंद्र नारायण यादव ने कहा सदन को चलाना ज्यादा कठिन काम है. क्योंकि सदन में पक्ष और विपक्ष दोनों के सदस्य रहते हैं और एक से एक पुरख ने इस सदन को चलाया है. मेरी भी कोशिश होगी कि उनके अनुभवों के आधार पर सदन को बेहतर ढंग से चलाएं, जिससे मेरे हटने के बाद भी सदस्यों को लगे कि उनकी आवाज को उठाने का काम मैंने किया है.
"कठिन जिम्मेवारी मिली है, लेकिन सत्ता पक्ष और विपक्ष सबको साथ लेकर चलेंगे. जनता की समस्याओं का निराकरण हो सके यही कोशिश रहेगी. मंत्री के रूप में भी काम कर चुके हैं."- नरेंद्र नारायण यादव, नवनिर्वाचित उपाध्यक्ष, बिहार विधानसभा
'तेजस्वी को सदन में आना चाहिए': नरेंद्र नारायण यादव ने विपक्ष के सदस्यों से आग्रह किया है कि प्रश्नकाल को चलने दें क्योंकि जनता से जुड़ी हुई समस्याओं को लाया जाता है, उसका निराकरण हो सके. तेजस्वी यादव के सदन में नहीं आने पर नरेंद्र नारायण यादव ने कहा कि राजनीतिक यात्रा पर हैं लेकिन सदन में उन्हें आना चाहिए.
कौन हैं नरेंद्र नारायण यादव?: नरेंद्र नारायण यादव आलमनगर से सातवीं बार विधायक बने हैं. लघु जल संसाधन मंत्री और विधि मंत्री भी रह चुके हैं और नीतीश कुमार के काफी भरोसेमंद माने जाते हैं. अब नीतीश कुमार ने एक बार फिर से उन पर विश्वास जताया है. महेश्वर हजारी के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद नई जिम्मेदारी दी है.
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