रायपुर: गुढ़ियारी में रायपुर की सबसे ऊंची मटकी फोड़ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इस प्रतियोगिता में रायपुर सहित अन्य जिलों की गोविंदाओं की टोली भी मटकी फोड़ने पहुंची. इसमें गोविंदाओं की महिला टोली ने भी दम दिखाया. इस कार्यक्रम में सीएम विष्णुदेव साय बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए. प्रदेश के सबसे बड़े दही हांडी उत्सव का आयोजन सार्वजनिक दही हांडी उत्सव समिति द्वारा किया गया.
छत्तीसगढ़ी गायकों और कलाकारों ने बांधा समा: दही हांडी उत्सव में छत्तसीगढ़ के कलाकार और गायकों ने समा बांध दिया. सीएम विष्णुदेव साय के साथ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव भी इस आयोजन में शामिल हुए. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मंच पर बंधी हुई मटकी को फोड़ा और प्रतियोगिता की शुरुआत की. जिसके बाद गोविंदाओं की टोली ने गजब का जोश और उत्साह दिखाया.
"कृष्ण भगवान और राधा रानी से प्रार्थना है कि छत्तीसगढ़ आगे बढ़े. सभी छत्तीसगढ़ वासी के घर मे सुख शांति और समृद्धि आए. भगवान कृष्ण ने बताया है कि जीवन कैसा होना चाहिए , जीवन का सिद्धांत क्या होना चाहिए, उन्होंने बताया है अन्याय के खिलाफ लड़ना है. भगवान कृष्ण प्रकृति प्रेमी थे , हम सनातनी भी प्रकति प्रेमी हैं. हम सब वृक्ष को भगवान मानते हैं. इसको देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने एक अभियान चालू किया है एक पेड़ मां के नाम. मैं सबसे अनुरोध करता हूं कि सब एक पेड़ मां के नाम का जरूर लगाएं": विष्णुदेव साय, सीएम छत्तीसगढ़
गायक हंसराज रघुवंशी ने बांधा समा: इस दौरान गायक हंसराज रघुवंशी ने अपनी गीतों से समा बांध दिया. इसके बाद मटकी फोड़ प्रतियोगिता का आयोजन हुआ. इसके लिए तीन मटकी बंधी गई थी. जिसमें सबसे ऊंची मटकी पुरुषों के लिए, उसके बाद महिला गोविंदाओं के लिए मटकी बांधी गई थी. इसके बाद तीसरी मटकी थी. इसे फोड़ने के लिए रायपुर सहित प्रदेश के अन्य जिलों से भी टोली पहुंची थी. एक-एक कर टोली इस मटकी को फोड़ने का प्रयास करती रही, मटकी फोड़ने वाली टोली पर लगातार पानी की बौछार की जा रही थी जिस वजह से वे फिसल कर बार-बार नीचे गिर जा रहे थे. गोविंदाओं की टोली कई बार नाकाम हो जाती. बाद में गोविंदाओं ने सभी तीनों मटकी फोड़ दी. महिलाओं की टोली ने भी मटकी फोड़ कमाल कर दिया.
विजेताओं को मिलेगा पुरस्कार: इस कार्यक्रम के विजेताओं को पुरस्कार दिया जाएगा. प्रथम पुरस्कार के रूप में 5 लाख रुपये देने की व्यवस्था की गई है. महिला दही हांडी फोड़ के लिए 1 लाख 51 हज़ार रुपये का पुरस्कार रखा गया है. तीसरा पुरस्कार ग्रीस युक्त खंभा में चढ़ने की प्रतियोगिता के लिए रखा गया है. इसके लिए 1 लाख 51 हज़ार रुपये का पुरस्कार रखा गया है.