भोपाल। विश्व की सबसे बड़ी औद्योगिक त्रासदी झेल चुकी मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के लगभग 20 हजार गैस पीड़ित कैंसर रोगियों को अब एम्स भोपाल में मुफ्त इलाज मिल सकेगा. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के दो साल पहले के आदेश पर अब मध्य प्रदेश सरकार और एम्स भोपाल के बीच एमओयू हो गया है. अब एम्स को गैस पीड़ितों के इलाज की राशि का भुगतान गैस राहत विभाग सीधे करेगा. इससे गैस पीड़ितों को काफी राहत मिली है.
गैस राहत विभाग पेश करेगा जवाब
भोपाल ग्रुप फॉर इन्फॉर्मेशन एंड एक्शन की तरफ से रचना ढींगरा ने बताया कि जबलपुर उच्च न्यायालय ने पिछली पेशी पर गैस राहत विभाग से इसके बारे में पूछा था और अगली पेशी 24 जनवरी को जवाब प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया था. उन्होंने बताया कि एम्स भोपाल से उम्मीद है कि वह एक दिशा निर्देशिका बनाए, जिससे गैस पीड़ित कैंसर के मरीजों को त्वरित इलाज मिल सके. इसके साथ ही गैस पीड़ितों के इलाज के लिए अलग से बने अस्पताल बीएचएमआरसी से आशा है कि वह जल्द ही इस मामले में कदम उठाए.
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पीड़ितों में कैंसर रोगी ज्यादा
ये भी मांग की गई है कि बीएमएचआरसी में भी कैंसर विभाग जल्द शुरू किया जाए. क्योंकि गैस पीड़ितों में कैंसर की बीमारी की दर पीड़ित आबादी से 10 गुना ज्यादा है. एमपी हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने सितंबर 2021 में मॉनिटरिंग कमेटी की रिपोर्ट पर एम्स में गैस पीड़ितों का इलाज निःशुल्क करने को लेकर आदेश जारी किया था. यह याचिका भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन की तरफ से दायर की गई थी. मॉनीटरिंग कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि गैस पीड़ित कैंसर रोगियों को बीएमएचआरसी में इलाज नहीं मिल रहा है. अब गैस राहत विभाग को 24 जनवरी को हाईकोर्ट में आदेश को लेकर अपनी पक्ष रखना है. इसके पहले विभाग की तरफ से लंबे समय से लंबित एमओयू की प्रक्रिया को पूरा किया गया है.