देहरादून: ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण में मुख्य अभियंता आरपी सिंह को हटाने के आदेश हुए हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की नाराजगी के बाद ये बड़ा एक्शन लिया है. खास बात यह है कि छुट्टी के दिन बाकायदा सचिवालय में दफ्तर खुलवाकर आरपी सिंह को उनकी जिम्मेदारियां से अवमुक्त करने का आदेश जारी हुआ है. ये वही आरपी सिंह हैं जिनके रहते हुए अभिकरण में भ्रष्टाचार की शिकायतों समेत जनप्रतिनिधियों की नाराजगी के मामले सामने आ चुके हैं.
ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण में मुख्य अभियंता आरपी सिंह को अब सिंचाई विभाग वापस जाना होगा. बड़ी बात यह है कि मुख्य अभियंता आरपी सिंह पिछले कई सालों से लगातार ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण में जिम्मेदारी देख रहे थे. मूल विभाग द्वारा वापसी को लेकर कई पत्र लिखे जाने के बाद भी वह बिना एनओसी के अभिकरण में डटे हुए थे. खबर है कि चर्चाओं में रहने वाले मुख्य अभियंता आरपी सिंह को लेकर भ्रष्टाचार से जुड़ी तमाम शिकायतें मिल रही थी. इन्हीं को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कड़ा निर्णय लेते हुए उन्हें हटाने के लिए अफसरों को आदेश दिए थे. इसी का नतीजा था कि छुट्टी के दिन सचिवालय में दफ्तर खुला. मुख्य अभियंता आरपी सिंह को उनके पद से हटाते हुए मूल विभाग में जाने का आदेश जारी कर दिया गया.
मुख्य अभियंता आरपी सिंह का नाम प्रदेश में विवादों से जुड़ा रहा है. उन पर कई बार भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं. उनके कार्यकाल के दौरान तमाम टेंडर्स में भी बड़ी अनियमिताओं की बातें भी शिकायत के रूप में सामने आती रही है. बड़ी बात ये भी है कि आरपी सिंह उन अफसर में से एक हैं जिनका नाम विधानसभा की कार्रवाई के दौरान भी छाया रहा. उनकी कार्यशैली को लेकर विधानसभा में खूब हंगामा भी किया गया. तमाम भ्रष्टाचार की शिकायतों और विधानसभा तक में उनके खिलाफ विधायकों के हंगामा के बाद भी उन्हें हटाया नहीं जा सका था.
मुख्य अभियंता आरपी सिंह को लेकर विवाद यही तक नहीं हैं, मूल रूप से सिंचाई विभाग के अधिकारी आरपी सिंह प्रतिनियुक्ति पर ग्राम्य विकास विभाग के अभिकरण में बिना NOC के काम कर रहे थे. हैरानी की बात यह है कि मूल विभाग की तरफ से उन्हें विभाग में वापस आने को लेकर पत्र भी लिखे जाते रहे, लेकिन इसके बावजूद ग्राम्य विकास विभाग से वो वापस नहीं लौटे.
मूल विभाग में भी रहेगी मुसीबत: मुख्य अभियंता आरपी सिंह प्रतिनियुक्ति पर ग्रामीण विकास विभाग में रहे. मूल विभाग उन्हें वापस आने के लिए भी कहता रहा, लेकिन, इसके बावजूद उन्होंने सिंचाई विभाग में ज्वाइन नहीं किया. ऐसे में अब बिना एनओसी के दूसरे विभाग में लंबे समय तक रहने के बाद उनकी वापसी इतनी आसान नहीं होगी. ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण में वो अकेले नहीं हैं जो सिंचाई विभाग से प्रतिनियुक्ति पर हों, यह पूरा अभिकरण ही सिंचाई विभाग के इंजीनियर्स की प्रतिनियुक्ति पर चल रहा है. हालांकि, अब आरपी सिंह सिंचाई विभाग में वापस लौटते हैं तो उन्हें बिना एनओसी के विभाग से प्रतिनियुक्ति पर रहने को लेकर विभागीय कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है.