टोंक : भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने टोंक में जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक के साथ ही बूंदी जिला उद्योग केंद्र में तैनात वरिष्ठ सहायक को एक लाख की रिश्वत राशि के साथ गिरफ्तार किया. वहीं, इस मामले में एक चार्टर्ड अकाउंटेंट की भूमिका को संदिग्ध मानते हुए उसे भी दबोचा गया है. एसीबी के डीएसपी पारस मल ने बताया कि एसीबी को लगातार टोंक जिला उद्योग केंद्र में भ्रष्टाचार की शिकायतें मिल रही थी. इस पर एसीबी ने कुछ मोबाइल नंबरों को सर्विलांस पर लिया था और शुक्रवार को कार्रवाई की गई.
वहीं, टोंक जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक सुल्तानसिंह मीणा के साथ ही बूंदी उद्योग केंद्र में कार्यरत वरिष्ठ सहायक अजय खंडेलवाल को एक लाख की रिश्वत राशि के साथ गिरफ्तार किया गया. इसके साथ ही वरिष्ठ सहायक अजय खंडेलवाल के घर से छह लाख नकद भी बरामद किया गया है. एसीबी ने मोबाइल नंबरों के सर्विलांस के आधार पर जयंत जैन नाम के एक चार्टर्ड अकाउंटेंट को भी दबोचा है.
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टोंक में कार्रवाई को लेकर भीलवाड़ा एसीबी के डीएसपी पारस मल ने बताया कि एसीबी को टोंक उद्योग केंद्र में भ्रष्टाचार होने की लगातार शिकायतें प्राप्त हो रही थी. ऐसे में कुछ मोबाइल नंबरों को सर्विलांस पर लिया गया. वहीं, भ्रष्टाचार की पुष्टि होने के बाद शुक्रवार को टोंक में एसीबी टीम ने जिला महाप्रबंधक सुल्तानसिंह मीणा और वरिष्ठ सहायक अजय खंडेलवाल को रिश्वत राशि के साथ गिरफ्तार किया. साथ ही मामले में जयंत जैन नाम के एक चार्टर्ड अकाउंटेंट को भी पकड़ा गया है.
जयपुर, भीलवाड़ा और टोंक की टीमों ने की कार्रवाई : एसीबी के महानिदेशक रवि मेहरड़ा ने बताया कि एसीबी मुख्यालय की तकनीकी शाखा को गुप्त सूचना प्राप्त हुई थी. उसके आधार पर शिकायतों का सत्यापन किया गया. उसके बाद टोंक एसीबी के डीएसपी झाबरमल शर्मा, भीलवाड़ा एसीबी के डीएसपी पारस मल और एसीबी इकाई एआईयू के निरीक्षक सज्जन कुमार के नेतृत्व में इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया. मौके से टीम ने एक लाख की रिश्वत राशि के साथ टोंक जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक सुल्तानसिंह मीणा और वरिष्ठ सहायक को गिरफ्तार किया गया. वहीं, वरिष्ठ सहायक के घर से छह लाख की नकद राशि बरामद हुई.