भोपाल। राजधानी के तुलसी नगर और शिवाजी नगर की हरियाली को बचाने के लिए अब महिलाएं भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं. बुधवार को इन पेड़ों को बचाने के लिए पांच नंबर स्टाप के पास सैकड़ों महिलाएं एकत्रित हुईं और पेड़ों से चिपक कर हरियली बचाने के लिए गुहार लगाई. साथ ही चेतावनी दी कि यदि सरकार यहां पेड़ों को काटती है, तो हम उत्तराखंड की तरह भोपाल में भी चिपको आंदोलन करेंगे. बता दें कि इससे पहले 29 हजार पेड़ों को बचाने के लिए शहर के समाजसेवियों और पर्यावरणविदों का प्रतिनिधि मंडल अधिकारियों और जनप्रतिनियों से मुलाकात कर रहा है.
महिलाओं ने नारेबाजी कर किया प्रदर्शन
पेड़ों को बचाने के लिए पांच नंबर बस स्टाप के पास पहुंची महिलाओं ने नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया. इसके बाद मीडिया से बात करते हुए बोलीं कि ''ये पेड़ हमारे बच्चों की तरह हैं. ये हमारे सुख और दुख के साक्षी हैं. हमें यहां रहते हुए करीब 50 साल बीत गए. ऐसे में इन पेड़ों से भी हमारा लगाव हो गया है. इसके पहले भी कई निर्माण परियोजनाओं के लिए लाखों पेड़ काटे जा चुके हैं, यदि अब पेड़ों पर कुल्हाड़ी चलाई गई तो हम बड़ा आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे''.
14 जून को बड़े आंदोलन की तैयारी
भोजपाल जनकल्याण एवं विकास परिषद के द्वारा पेड़ों को बचाने के लिए पर्यावरणविद और स्वयं सेवी संस्थाओं की बैठक आयोजित की गई थी. जिसमें सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया है कि करीब 50 से 60 साल पुराने बड़े पेड़ों को कटने नहीं दिया जाएगा. ये भोपाल के लिए फेफड़े की तरह काम कर रहे हैं. ऐसे में इन पेड़ों को बचाने के लिए भोपाल के बच्चे, युवा, महिलाएं और बुजुर्ग सभी नूतन कालेज के सामने 14 जून को शाम 6 बजे एकत्रित होंगे. इसके बाद पेड़ों की पूजा कर रक्षासूत्र बांधा जाएगा. हालांकि अब पर्यावरणविद और स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ जनप्रतिनिधि, कर्मचारी संगठन व बड़ी संख्या में महिलाएं भी जुड़ रही हैं.
प्रधानमंत्री से भी की गई शिकायत
पर्यावरण प्रेमी उमाशंकर तिवारी ने बताया कि ''राजधानी में 29 हजार से अधिक पेड़ों को बचाने के लिए उनके द्वारा एनजीटी के अध्यक्ष, मानव अधिकार आयोग, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर ई-मेल के माध्यम से भेज चुके हैं. भोपाल के स्थानीय सांसद आलोक शर्मा से भी बात हुई है, उन्होंने भी पेड़ों को बचाने के लिए आश्वासन दिया है. इधर नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को भी पेड़ बचाने से संबंधित ज्ञापन सौंपा गया है.''
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इस कारण काटे जाएंगे 29 हजार पेड़
दरअसल, भोपाल में मंत्री और विधायकों के लिए आवास बनाए जाने हैं. जो अभी हैं, वो पुराने हो चुके हैं. ऐसे में तुलसी नगर और शिवाजी नगर में बने मकानों को तोड़कर हाईराइज बिल्डिंग तैयार की जाएगी. इसके लिए यहां लगे पेड़ों को काटना पड़ेगा. हालांकि इसके पहले 2013 में अरेरा हिल्स पर मंत्री-विधायकों के लिए आवास बनने थे, लेकिन वहां भी पेड़ काटे जाने थे, जिससे रहवासियों ने विरोध कर दिया. इसके बाद ये मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. एक बार फिर 2019 में इस प्रोजेक्ट को शुरु करने की योजना बनी, लेकिन विरोध के बाद फिर इसे रोक दिया गया.