भोपाल। राजधानी भोपाल के वल्लभ भवन में लगी आग भले ही बड़ी मशक्कत के बाद फायर ब्रिगेड ने शांत कर दी हो लेकिन इसको लेकर सियासी घमासान छिड़ गया है. वल्लभ भवन में आग लगने की जानकारी मिलते ही नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार व मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी मौके पर पहुंचे. कांग्रेस नेताओं ने इसे साजिश बताते हुए वल्लभ भवन के सामने धरना दे दिया. दोनों नेताओं ने आरोप लगाया है कि ये आग अपने आप नहीं लगी बल्कि साजिश के तहत आग लगवाई गई है.
दोनों कांग्रेस नेताओ को घटनास्थल पर नहीं जाने दिया
मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी और मध्य प्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार को वल्लभ भवन के अंदर नहीं जाने दिया गया. साथ ही उन्हें पुलिस द्वारा मुख्य द्वार से अलग कर दिया गया, क्योंकि वहां लगातार फायर ब्रिगेड और पानी लेकर टैंकर पहुंच रहे थे. ऐसे में रास्ता क्लियर रखने के लिए पुलिस द्वारा उन्हें वल्लभ भवन के मुख्य गेट से भी दूर रहने के लिए कहा गया. इसके बाद दोनों नेता मुख्य द्वार के पास जमीन पर ही धरने पर बैठ गए.
शिवराज सिंह व मोहन यादव के बीच अंदरूनी कलह ने लगवाई आग
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार कहा "पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और वर्तमान मुख्यमंत्री मोहन यादव के बीच अंदरूनी झगड़े की वजह से ये आग लगवाई गई है, ताकि शिवराज सरकार में हुए घोटालों के सबूत मिट जाएं और सीएम मोहन यादव कोई जांच ना करवा पाएं. मैं यही कहना चाहता हूं कि सरकार क्यों नहीं इस सारे रिकॉर्ड को डिजिटलाइज रखना चाहती. मोहन यादव और शिवराज सिंह चौहान का झगड़ा आज आप वल्लभ भवन में आग के रूप में देख रहे हैं."
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जीतू पटवारी बोले- ये आग बीजेपी सरकार ने लगवाई
वहीं, जीतू पटवारी ने कहा "वल्लभ भवन में बीजेपी सरकार ने आग लगवाई है. इससे पहले चार बार आग लगी पर दोषी कौन थे, कौन-कौन सी फाइल जली, कौन-कौन से विभागों की फाइल जली. इसके अलावा वल्लभ भवन और सतपुड़ा के अलग-अलग जगह पर आग लगने के मामले में आज तक किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हुई. आज फिर आग लगी और हमें आना पड़ा. यह आग भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने लगाई है. यह भ्रष्टाचार को छुपाने की साजिश है. इसके पहले भी चार बार आग लगाई गई."