भोपाल, पीटीआई। मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा लोकसभा में हिंदूओं पर दिये बयान की निंदा की है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने विपक्ष के नेता के रूप में अपना पहला भाषण देते समय एक अनुशासनहीन छात्र नेता की तरह व्यवहार किया. उन्हें याद रखना चाहिए कि अब वह एक युवा नहीं है बल्कि 50 साल से ज्यादा के अधेड़ हैं. उन्होंने कहा कि ''हिंदू या तो हिंसा के शिकार हुए हैं या हिंसा का सामना किया है. इस टिप्पणी पर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने कड़ा विरोध जताया है.
1. हिंदू या तो हिंसा के शिकार हुए हैं या हिंसा का सामना किया है l
— Uma Bharti (मोदी का परिवार) (@umasribharti) July 2, 2024
2. कल संसद में राहुल गांधी जी का व्यवहार एवं भाषण विपक्ष के नेता की तरह नहीं, किसी कॉलेज के उच्छृंखल छात्र नेता की तरह था l राहुल को याद रखना होगा कि वह दुर्भाग्य से विपक्ष के नेता चुन लिए गए हैं, दूसरा वह अब युवा…
दुर्भाग्य से विपक्ष का नेता चुन लिये गए राहुल
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म 'X' पर लिखा कि, ''संसद में राहुल गांधी का व्यवहार और भाषण एक विपक्षी नेता के लिए उचित नहीं था. बल्कि यह कॉलेज में "अनियंत्रित ('उचश्रंखल') छात्र नेता" जैसा था. राहुल को याद रखना चाहिए कि दुर्भाग्य से उन्हें विपक्ष का नेता चुना गया है, दूसरी बात यह कि अब वह युवा नहीं रहे बल्कि 50 साल से अधिक उम्र के अधेड़ व्यक्ति हैं. राहुल गांधी को बोलते समय अपनी स्थिति, उम्र और देश को ध्यान में रखना चाहिए.''
Also Read: |
संसद में क्या कहा था राहुल गांधी ने
उमा भारती ने कहा, "मैं पूरे देश के साथ राहुल गांधी की निंदा करती हूं. सोमवार को लोकसभा में अपने भाषण में राहुल गांधी ने भाजपा पर कटाक्ष करके विवाद खड़ा कर दिया. उन्होंने कहा कि ''जो लोग खुद को हिंदू कहते हैं, वे चौबीसों घंटे "हिंसा और नफरत" में लिप्त हैं.'' उनकी टिप्पणियों पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने भारी विरोध किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पूरे हिंदू समाज को हिंसक कहना एक गंभीर मामला है. हालांकि, गांधी ने पलटवार करते हुए कहा कि वह भाजपा के बारे में बोल रहे थे.