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टोबैको फ्री होंगे मध्य प्रदेश के स्कूल, 6वीं से 12वीं तक के बच्चों को नशे से दूर करेंगे प्रहरी - Tobacco Free Madhya Pradesh Schools

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 28, 2024, 10:44 PM IST

मध्य प्रदेश के स्कूल अब टोबैको फ्री होने जा रहे हैं. 6वीं से 12वीं तक संचालित सभी स्कूलों में बच्चों में नशीली पदार्थों के सेवन की रोकथाम के लिए प्रहरी क्लब का गठन किया जाएगा. इस संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षाधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं.

TOBACCO FREE MADHYA PRADESH SCHOOLS
टोबैको फ्री होंगे मध्य प्रदेश के स्कूल (ETV Bharat)

भोपाल। मध्य प्रदेश के स्कूलों को टोबैका फ्री बनाया जाएगा. इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने कार्य योजना तैयार कर ली है. अब 6वीं से 12 वीं तक के बच्चों को नशे से दूर करने के लिए प्रहरियों की मदद ली जाएगी. लोक शिक्षण संचालनालय ने इसके लिए प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को लेटर जारी किया गया है.

Directorate of school Instruction
स्कूलों में प्रहरी क्लब बनाने के निर्देश (School education)

स्कूलों में बनाए जाएंगे प्रहरी क्लब

6वीं से 12वीं तक संचालित सभी स्कूलों में बच्चों में नशीली दवाओं के सेवन और तस्करी की रोकथाम के लिए प्रहरी क्लब का गठन किया जाएगा. इस क्लब के सदस्य बच्चों को तंबाकू और अन्य प्रकार के नशीले पदार्थों से होने वाले नुकसान के प्रति जागरुक करेंगे. स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि प्रहरी क्लब ऐसा अभियान है, जिसके माध्यम से बच्चों को नशे से दूर रखने और नशे के प्रभाव को कम करने में मदद मिलेगी.

स्कूल के एक शिक्षक को बनाया जाएगा प्रभारी

एमपी के जिन स्कूलों में प्रहरी क्लब का गठन किया जाएगा, वहां एक शिक्षक को इसका प्रभारी बनाया जाएगा. साथ ही यह ध्यान रखना होगा कि जिस शिक्षक को क्लब का प्रभारी बनाया जा रहा है, उसे तंबाकू या अन्य प्रकार के नशे की लत ना हो. प्रहरी क्लब में प्रत्येक कक्षाओं के छात्रों को शामिल किया जाएगा. जागरुकता के लिए इस क्लब के कार्यक्रमों में अभिभावकों को भी आमंत्रित किया जाएगा. प्रत्येक प्रहरी क्लब में सदस्यों की संख्या 20 निर्धारित की गई है.

कई कार्यक्रमों का संचालन करेंगे प्रहरी क्लब

जारी निर्देश के अनुसार प्रहरी क्लब स्कूली बच्चों और अभिभावकों के सहयोग से चलाया जाएगा. क्लब के सदस्य इस बात का ध्यान रखेंगे कि किसी प्रकार के नशे की दुकानें शिक्षण संस्थान से 100 मीटर के दायरे में न हो. प्रहरी क्लब के सदस्य निगरानी करेंगे कि विद्यालय के छात्र शराब, पान मसाला, गुटखा, बीड़ी और सिगरेट की लत से बचे रहें. वहीं लोक शिक्षण संचालनालय ने स्कूलों को निर्देश दिया है कि प्रहरी क्लब के नोडल या प्रभारी शिक्षकों का डाटा राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग के पोर्टल पर एक सप्ताह में दर्ज करना होगा.

अभी यह है स्कूलों की स्थिति

वर्तमान में अधिकतर स्कूलों के आसपास पान, गुटखा और बीड़ी-सिगरेट की दुकानें हैं. कुछ स्कूलों के 100 मीटर के दायरे में तो शराब दुकानों का भी संचालन किया जा रहा है. हालांकि इसको लेकर शैक्षणिक संस्थान प्रयास करते रहते हैं लेकिन प्रशासन की मदद नहीं मिलने के कारण स्कूलों के आसपास नशे की दुकानों का संचालन हो रहा है.

भोपाल। मध्य प्रदेश के स्कूलों को टोबैका फ्री बनाया जाएगा. इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने कार्य योजना तैयार कर ली है. अब 6वीं से 12 वीं तक के बच्चों को नशे से दूर करने के लिए प्रहरियों की मदद ली जाएगी. लोक शिक्षण संचालनालय ने इसके लिए प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को लेटर जारी किया गया है.

Directorate of school Instruction
स्कूलों में प्रहरी क्लब बनाने के निर्देश (School education)

स्कूलों में बनाए जाएंगे प्रहरी क्लब

6वीं से 12वीं तक संचालित सभी स्कूलों में बच्चों में नशीली दवाओं के सेवन और तस्करी की रोकथाम के लिए प्रहरी क्लब का गठन किया जाएगा. इस क्लब के सदस्य बच्चों को तंबाकू और अन्य प्रकार के नशीले पदार्थों से होने वाले नुकसान के प्रति जागरुक करेंगे. स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि प्रहरी क्लब ऐसा अभियान है, जिसके माध्यम से बच्चों को नशे से दूर रखने और नशे के प्रभाव को कम करने में मदद मिलेगी.

स्कूल के एक शिक्षक को बनाया जाएगा प्रभारी

एमपी के जिन स्कूलों में प्रहरी क्लब का गठन किया जाएगा, वहां एक शिक्षक को इसका प्रभारी बनाया जाएगा. साथ ही यह ध्यान रखना होगा कि जिस शिक्षक को क्लब का प्रभारी बनाया जा रहा है, उसे तंबाकू या अन्य प्रकार के नशे की लत ना हो. प्रहरी क्लब में प्रत्येक कक्षाओं के छात्रों को शामिल किया जाएगा. जागरुकता के लिए इस क्लब के कार्यक्रमों में अभिभावकों को भी आमंत्रित किया जाएगा. प्रत्येक प्रहरी क्लब में सदस्यों की संख्या 20 निर्धारित की गई है.

कई कार्यक्रमों का संचालन करेंगे प्रहरी क्लब

जारी निर्देश के अनुसार प्रहरी क्लब स्कूली बच्चों और अभिभावकों के सहयोग से चलाया जाएगा. क्लब के सदस्य इस बात का ध्यान रखेंगे कि किसी प्रकार के नशे की दुकानें शिक्षण संस्थान से 100 मीटर के दायरे में न हो. प्रहरी क्लब के सदस्य निगरानी करेंगे कि विद्यालय के छात्र शराब, पान मसाला, गुटखा, बीड़ी और सिगरेट की लत से बचे रहें. वहीं लोक शिक्षण संचालनालय ने स्कूलों को निर्देश दिया है कि प्रहरी क्लब के नोडल या प्रभारी शिक्षकों का डाटा राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग के पोर्टल पर एक सप्ताह में दर्ज करना होगा.

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अभी यह है स्कूलों की स्थिति

वर्तमान में अधिकतर स्कूलों के आसपास पान, गुटखा और बीड़ी-सिगरेट की दुकानें हैं. कुछ स्कूलों के 100 मीटर के दायरे में तो शराब दुकानों का भी संचालन किया जा रहा है. हालांकि इसको लेकर शैक्षणिक संस्थान प्रयास करते रहते हैं लेकिन प्रशासन की मदद नहीं मिलने के कारण स्कूलों के आसपास नशे की दुकानों का संचालन हो रहा है.

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