भोपाल : पिछले दिनों जिस बीजेपी प्रदेश पदाधिकारी को एकाएक जेल भेज दिया गया, वो हीरेन्द्र बहादुर सिंह पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर तमाम बड़े नेताओं को रिसीव करने वालों में शामिल रहते हैं. बताया जाता है कि उनके जेल जाने की कहानी मुख्यमंत्री के ओएसडी से जुड़ी हुई है, जिनसे उनका विवाद हुआ था. शायद यही वजह रही कि इस मामले में बीजेपी नेता चाहकर भी उनकी मदद नहीं कर सके. जब इस संबंध में बीजेपी नेता हीरेन्द्र सिंह से ईटीवी भारत ने बात की तो उन्होंने कहा, '' जो होना था हो गया, पार्टी की ओर से इस संबंध में बात करने से मना किया गया है. मैं कुछ नहीं बोलूंगा.''
सीएम के ओएसडी से उलझे थे बहादुर?
बीजेपी पदाधिकारी हीरेन्द्र बहादुर सिंह बीजेपी के कई नेताओं के करीबी हैं. विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा के साथ उनके फोटो उनके सत्ता और सरकार में उनकी नजदीकियां बताते हैं. यहां तक कि भोपाल में प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान हीरेन्द्र बहादुर ने एयरपोर्ट पर उन्हें वेलकम किया था, लेकिन पिछले दिनों पहले पार्टी के एक कार्यक्रम में वे मुख्यमंत्री मोहन यादव के ओएसडी लोकेश शर्मा से उलझ गए. यह कार्यक्रम अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान में हुआ था. मामले में शिकायतकर्ता नायब तहसीलदार निमेश पांडे के मुताबिक कार्यक्रम में उन्होंने संस्थान के सीईओ लोकेश शर्मा के साथ बदसलूकी की, हंगामा किया था.
पुलिस ने थाने बुलाया और जेल भेज दिया
संस्थान में सीईओ लोकेश शर्मा मुख्यमंत्री सचिवालय में सीएम के ओएसडी भी हैं. बताया जाता है कि पुलिस ने मामला दर्ज करने के बाद बीजेपी नेता को नोटिस जारी कर थाने बुलाया था. जब हीरेन्द्र बहादुर थाने पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार न्यायिक हिरासत में भेज दिया. बताया जाता है कि यह पूरा विवाद स्वशासन संस्थान में उनकी बेटी की नौकरी से जुड़े मुद्दे को लेकर था. इसके संबंध में वे कार्यक्रम में मुख्यमंत्री से बात करना चाहते थे, लेकिन उन्हें अंदर जाने से रोक दिया गया, जिसके बाद विवाद हुआ.
गिरफ्तारी की खबर लगते ही मचा हंगामा
बीजेपी पदाधिकारी की गिरफ्तारी की खबर जैसे ही बीजेपी नेताओं को लगी तो गहमागहमी शुरू हो गई. बीजेपी सूत्रों की मानें तो बीजेपी नेताओं के हस्तक्षेप के बाद उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया. वहीं जमानत के बाद जब उनसे इस पूरे मामले में बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने साफ कह दिया, '' जो होना था हो गया, मैं कुछ नहीं बोलूंगा.''