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मध्य प्रदेश में बनेगा दिल्ली NCR जैसा स्टेट कैपिटल, मोहन यादव करेंगे 4 जिलों को एक

मध्य प्रदेश में दिल्ली एनसीआर जैसा नया रीजन डेवलप होगा. मोहन यादव सरकार की नई योजना से राज्य में एक नई मेगा सिटी की नींव पड़ेगी.

STATE CAPITAL REGION BHOPAL
दिल्ली NCR की तर्ज पर स्टेट कैपिटल रीजन बनाएगी सराकर (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 22, 2024, 7:09 AM IST

Updated : Oct 22, 2024, 11:09 AM IST

भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार भोपाल के आसपास के तीन से चार जिलों के कुछ हिस्सों को जोड़कर स्टेट कैपिटल रीजन बनाने की तैयारी कर रही है. स्टेट कैपिटल रीजन बनाने के लिए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अधिकारियों की बैठक भी ली है. स्टेट कैपिटल रीजन का विचार दिल्ली के नेशनल कैपिटल रीजन एनसीआर के आधार पर बनाया गया है.

दिल्ली NCR की तर्ज पर बनेगा नया शहर

1985 में दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा, फरीदाबाद और गुरुग्राम को जोड़कर एनसीआर बनाया गया था, जिसे नेशनल कैपिटल रीजन एनसीआर का नाम दिया गया. इस कल्पना के बाद ही दिल्ली एक बड़ा शहर बन पाया और विकास चारों तरफ फैला. इसके बाद दिल्ली की आबादी बढ़ी और दिल्ली में विकास हुआ लेकिन इसका दबाव मुख्य दिल्ली शहर पर कम पड़ा. कुछ इसी तर्ज पर मध्य प्रदेश में एससीआर स्टेट कैपिटल रीजन बनाने की तैयारी की जा रही है.

NCR LIKE REGION IN BHOPAL
भोपाल मेट्रो एरियल व्यू (Etv Bharat)

चार जिलों का एक शहर

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बीते दिनों सरकार के जिम्मेदार अधिकारियों की बैठक की और भोपाल के आकार को दोगुना करने के लिए रणनीति बनाने का काम शुरू किया. मध्य प्रदेश सरकार भोपाल शहर के आसपास रायसेन, सलामतपुर, मंडीदीप, सांची, बेरसिया, सूखीसेवनिया से पीलूखेड़ी और सीहोर को जोड़कर स्टेट कैपिटल रीजन बनाने की तैयारी कर रही है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव का कहना है कि स्टेट कैपिटल रीजन बनने से इस पूरे इलाके को बेहतर तरीके से विकसित किया जा सकेगा.

मेट्रो जैसी सुविधाओं का होगा विस्तार

यदि मध्य प्रदेश सरकार का यह सपना सच होता है तो भोपाल मध्य भारत का सबसे बड़ा शहर बन जाएगा, जिसमें दिल्ली की तर्ज पर मेट्रो रेल का संचालन होगा. इस पूरे इलाके में कई इंडस्ट्रियल क्षेत्र विकसित किए जाएंगे और उनके आसपास लोगों को बेहतर रहने की व्यवस्थाएं बनाई जा सकेंगी. कुल मिलाकर इससे न केवल भोपाल का बल्कि पूरे मध्य प्रदेश व देश का संभावनाओं वाला एक नया शहर बनकर सामने आएगा.

कमलनाथ के कार्यकाल में भी हुई थी चर्चा

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इस योजना के बारे में जानकारी देते हुए कहा था, '' स्टेट कैपिटल रीजन के लिए एक मेट्रोपॉलिटन अथॉरिटी बनाने की तैयारी की गई थी लेकिन यह सरकार ज्यादा दिनों तक नहीं रही इसलिए इस योजना पर काम नहीं हो पाया था.''

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किसी सामान्य क्षेत्र को यदि स्टेट कैपिटल रीजन के रूप में विकसित किया जाएगा तो इसका पहला असर इस क्षेत्र के रियल स्टेट पर पड़ेगा और उसमें खरीद बिक्री तेज हो जाएगी. इसके बाद यदि इंडस्ट्रियल एरिया बनाए जाते हैं, तो नई इंडस्ट्री आएंगी. इस पूरे क्रियाकलाप से आर्थिक गतिविधि पैदा होगी और यह आर्थिक गतिविधि यदि बड़े पैमाने पर पैदा होती है तो यह मध्य प्रदेश की आर्थिक स्थिति के लिए संजीवनी बूटी का काम करेगी.

भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार भोपाल के आसपास के तीन से चार जिलों के कुछ हिस्सों को जोड़कर स्टेट कैपिटल रीजन बनाने की तैयारी कर रही है. स्टेट कैपिटल रीजन बनाने के लिए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अधिकारियों की बैठक भी ली है. स्टेट कैपिटल रीजन का विचार दिल्ली के नेशनल कैपिटल रीजन एनसीआर के आधार पर बनाया गया है.

दिल्ली NCR की तर्ज पर बनेगा नया शहर

1985 में दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा, फरीदाबाद और गुरुग्राम को जोड़कर एनसीआर बनाया गया था, जिसे नेशनल कैपिटल रीजन एनसीआर का नाम दिया गया. इस कल्पना के बाद ही दिल्ली एक बड़ा शहर बन पाया और विकास चारों तरफ फैला. इसके बाद दिल्ली की आबादी बढ़ी और दिल्ली में विकास हुआ लेकिन इसका दबाव मुख्य दिल्ली शहर पर कम पड़ा. कुछ इसी तर्ज पर मध्य प्रदेश में एससीआर स्टेट कैपिटल रीजन बनाने की तैयारी की जा रही है.

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भोपाल मेट्रो एरियल व्यू (Etv Bharat)

चार जिलों का एक शहर

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बीते दिनों सरकार के जिम्मेदार अधिकारियों की बैठक की और भोपाल के आकार को दोगुना करने के लिए रणनीति बनाने का काम शुरू किया. मध्य प्रदेश सरकार भोपाल शहर के आसपास रायसेन, सलामतपुर, मंडीदीप, सांची, बेरसिया, सूखीसेवनिया से पीलूखेड़ी और सीहोर को जोड़कर स्टेट कैपिटल रीजन बनाने की तैयारी कर रही है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव का कहना है कि स्टेट कैपिटल रीजन बनने से इस पूरे इलाके को बेहतर तरीके से विकसित किया जा सकेगा.

मेट्रो जैसी सुविधाओं का होगा विस्तार

यदि मध्य प्रदेश सरकार का यह सपना सच होता है तो भोपाल मध्य भारत का सबसे बड़ा शहर बन जाएगा, जिसमें दिल्ली की तर्ज पर मेट्रो रेल का संचालन होगा. इस पूरे इलाके में कई इंडस्ट्रियल क्षेत्र विकसित किए जाएंगे और उनके आसपास लोगों को बेहतर रहने की व्यवस्थाएं बनाई जा सकेंगी. कुल मिलाकर इससे न केवल भोपाल का बल्कि पूरे मध्य प्रदेश व देश का संभावनाओं वाला एक नया शहर बनकर सामने आएगा.

कमलनाथ के कार्यकाल में भी हुई थी चर्चा

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इस योजना के बारे में जानकारी देते हुए कहा था, '' स्टेट कैपिटल रीजन के लिए एक मेट्रोपॉलिटन अथॉरिटी बनाने की तैयारी की गई थी लेकिन यह सरकार ज्यादा दिनों तक नहीं रही इसलिए इस योजना पर काम नहीं हो पाया था.''

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किसी सामान्य क्षेत्र को यदि स्टेट कैपिटल रीजन के रूप में विकसित किया जाएगा तो इसका पहला असर इस क्षेत्र के रियल स्टेट पर पड़ेगा और उसमें खरीद बिक्री तेज हो जाएगी. इसके बाद यदि इंडस्ट्रियल एरिया बनाए जाते हैं, तो नई इंडस्ट्री आएंगी. इस पूरे क्रियाकलाप से आर्थिक गतिविधि पैदा होगी और यह आर्थिक गतिविधि यदि बड़े पैमाने पर पैदा होती है तो यह मध्य प्रदेश की आर्थिक स्थिति के लिए संजीवनी बूटी का काम करेगी.

Last Updated : Oct 22, 2024, 11:09 AM IST
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