भोपाल: राजधानी के सरोजिनी नायडू गर्ल्स स्कूल प्रबंधन से छात्राओं ने नाराजगी जाहिर की है. छात्राओं का कहना है कई बार प्रिंसिपल से शिकायत करने के बाद व्यवस्थाओं में सुधार नहीं हुआ, तो प्रबंधन के खिलाफ हल्ला बोल किया. छात्राएं करीब एक घंटे तक स्कूल परिसर में ही अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करती रहीं. इस दौरान स्कूल की प्रिंसिपल और अन्य शिक्षकों ने इन छात्राओं को कई बार मनाने की कोशिश की, लेकिन उनका रोष कम नहीं हो रहा था.
हालांकि घटना की जानकारी मिलते ही जिला शिक्षा अधिकारी नरेंद्र कुमार अहिरवार मौके पर पहुंचे और उन्होंने छात्राओं को भरोसे में लेते हुए व्यवस्थाओं में जल्द सुधार करने का आश्वासन दिया. जिसके बाद छात्राएं अपनी कक्षाओं में वापस लौटी.
स्कूल का टॉयलेट भी कराते हैं साफ
प्रदर्शन कर रहीं छात्राओं ने बताया कि 'वो शहर के विभिन्न हिस्सों से स्कूल आती हैं. ऐसे में उन्हें स्कूल आने के लिए आटो, बस व अन्य परिवहन के साधनों पर आश्रित रहना पड़ता है. कई बार सड़क में जाम या अन्य कारणों से स्कूल पहुंचने में 5 से 10 मिनट की देरी हो जाती है. ऐसे में उन्हें स्कूल प्रबंधन वापस घर जाने का दबाव बनाता है. छात्राओं को धूप में बैठा दिया जाता है. यदि छात्राएं लेट आने की वजह से घर जाने से मना करती हैं, तो उनसे स्कूल का टायलेट भी साफ कराया जाता है. इन समस्याओं को लेकर छात्राएं प्रबंधन से निरंतर शिकायत कर रही थीं, लेकिन जब सुनवाई नहीं हुई तो उन्हें प्रदर्शन करना जरूरी लगा.'
स्कूल के समय में बदलाव की मांग
स्कूली छात्राओं ने बताया कि 'हमारे स्कूल का समय ज्यादा लेट है. जिसके कारण हमें घर पहुंचने में करीब 6 बज जाते हैं. कुछ बच्चे तो स्कूल के पास रहते हैं, लेकिन जो दूर रहते हैं, उसे बहुत परेशानी होती है. छात्राओं ने बताया कि उनकी मांग है कि स्कूल का समय बदल दिया जाए, जिससे वो समय पर घर पहुंच सके. छात्राओं का आरोप है कि स्कूल लेट आने पर उन्हें घंटो बाहर धूप में खड़े होना पड़ता है, जिससे कई छात्राओं की तबीयत भी बिगड़ चुकी है.'
स्कूल की टपक रही छत, डीईओ ने सुधार का दिया आश्वासन
सरोजनी नायडू स्कूल की छात्राओं ने बताया कि स्कूल में पढ़ाई अच्छे से नहीं होती. यदि कोई रिश्तेदार छोड़ने आता है, तो उसको लेकर भी प्रबंधन द्वारा सवला उठाए जाते हैं. साथ छात्राओं को भी शक के नजरिए से देखा जाता है. स्कूल की छत बरसात में टपकती है. स्कूल में साफ पानी पीने के लिए नहीं मिलता है. क्लास की सफाई भी छात्राओं को करनी पड़ती है. इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी नरेंद्र कुमार अहिरवार ने बताया कि 'छात्राओं की समस्या के बारे में जानकारी ली है. उन्होंने जो भी परेशानियां बताई हैं, जल्द ही उनका निराकरण किया जाएगा.'