भोपाल: विजयपुर विधानसभा सीट का उपचुनाव हारने के बाद पूर्व मंत्री रामनिवास रावत का बयान आया है. उन्होंने चुनावी जीत-हार को पार्ट ऑफ पॉलीटिक्स के अंदाज में कहा है कि समय-समय की बात है, जब समय नहीं होता तो साया भी साथ छोड़ देता है. उनसे मीडिया ने ये सवाल भी किया कि आखिर सिंधिया उनके उपचुनाव में प्रचार के लिए नहीं आए, तो पहले राम निवास ने कहा कि ये तो वे ही बताएंगे, फिर बोले हो सकता है व्यस्तता रही होगी. राम निवास रावत ने ये स्पष्ट कर दिया कि चुनाव हारने के तुरंत बाद ही उन्होंने अपना इस्तीफा सीएम डॉ मोहन यादव को भेज दिया था. वे मंत्री पद छोड़ चुके हैं.'
क्या हार से हताश हो गए रामनिवास
मीडिया से बातचीत में रामनिवास रावत ने विजयपुर विधानसभा सीट पर हुई हार के लिए किसी को जवाबदार नहीं ठहराया. उन्होंने कहा कि हार जीत लगी रहती है. क्या चूक हुई इसका कोई जवाब उन्होंने नहीं दिया. उन्होंने कहा कि ये सब समय की बात है. सब समय का खेल है. जब समय नहीं साथ नहीं होता तो साया भी साथ छोड़ देता है. राम निवास रावत के इस बयान के मायने भी निकाले जा रहे हैं. राम निवास रावत की गिनती सिंधिया समर्थक नेताओं में होती है, लेकिन उनके राजनीतिक जीवन के सबसे अहम उपचुनाव में सिंधिया एक बार भी राम निवास रावत के समर्थन में प्रचार के लिए विजयपुर नहीं पहुंचे थे. राम निवास रावत से इस संबंध में भी सवाल किया गया. इस पर उन्होने कहा कि ये वहीं बता सकते हैं क्यों नहीं आये, हो सकता है कुछ व्यस्तता रही हो.'
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नतीजे आने के साथ ही मंत्री पद से दिया इस्तीफा
राम निवास रावत ने मंत्री पद पर मिली हार के साथ ही इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने बुधवार को मीडिया से बातचीत में ये बताया कि 'वे चुनाव नतीजा घोषित होने के साथ ही मंत्री पद छोड़ चुके हैं. राम निवास रावत बीजेपी की सदस्यता लेने के साथ ही मंत्री बनाए गए थे. उनकी सीट पर साल भर के बाद ही दोबारा चुनाव हुआ और राम निवास रावत को कांग्रेस के मुकेश मल्होत्रा ने 7 हजार से ज्यादा मतों से पराजित कर दिया.