भोपाल: मध्य प्रदेश में रानी कमलापति रेलवे स्टेशन को देश के पहले विश्वस्तरीय रेलवे स्टेशन की तर्ज पर तैयार किया गया था. अब भोपाल रेलवे स्टेशन को भी इसी तरह बनाने की तैयारी चल रही है. दरअसल, भोपाल रेलवे स्टेशन को 150 करोड़ रुपए से रिडेवलपमेंट किया जाना है. यह काम पीपीपी मोड पर किया जाएगा. पूरी तरह तैयार होने के बाद भोपाल रेलवे स्टेशन का मुख्य द्वार रायसेन जिले में स्थित भोजपुर मंदिर की तरह बनाया जाएगा.
70 साल पुराने यार्ड की होगी रिमॉडलिंग
भोपाल रेल मंडल के अधिकारियों ने बताया कि भोपाल रेलवे स्टेशन पर 4 प्लेटफार्म की लंबाई बढ़ाई जाएगी. वहीं ट्रैफिक हैंडलिंग कैपिसिटी भी बढ़ेगी. भोपाल स्टेशन पर बने 70 साल पुराने यार्ड की रिमॉडलिंग कर इसे तीसरी रेल लाइन से जोड़ा जाएगा. जिससे दोनों ओर यानी बीना से भोपाल और ईटारसी से भोपाल की ओर आने वाली तीसरी रेल लाइन आपस में जुड़ जाएगा. इससे ट्रेनों को आउटर पर इंतजार नहीं करना होगा. भोपाल स्टेशन में हाल्ट लेते हुए ट्रेन सीधे अपने गंतव्य को रवाना हो जाएंगी.
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बदलेगी निशातपुरा रेलवे स्टेशन की तस्वीर
रिडेवलपमेंट योजना के तहत भोपाल रेलवे स्टेशन में 2 नए फुट ओवर ब्रिज बनाए जाएंगे. इसके साथ ही 2500 स्क्वायर फीट का कान्कोर्स बनेगा. इसकी लंबाई 90 मीटर और चौड़ाई 72 मीटर होगी. वहीं, 46 नई लिफ्ट लगाई जाएगी, जिससे यात्री कान्कोर्स प्लेटफार्म और स्टेशन में प्रवेश करेंगे. पश्चिम मध्य रेलवे की जीएम शोभना बंदोपाध्याय ने बताया कि ''भोपाल रेलवे स्टेशन का रिडेवलपमेंट दो चरणों में हो रहा है. पहले चरण का काम पूरा हो चुका है. अब दूसरे चरण में जल्द ही काम शुरू होगा. वहीं भोपाल स्टेशन से लगे हुए निशातपुरा रेलवे स्टेशन की भी जल्द शुरुआत होगी. इसके लिए ट्रेनों के हाल्ट मांगे गए हैं. जैसे ही यह मांग पूरी होगी. निशातपुरा स्टेशन में ट्रेन रुकने लगेगी. इससे भोपाल स्टेशन का दबाव भी कम होगा. वहीं यात्रियों की सुविधा में भी सुधार होगा.''