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मोहन सरकार के हाथ में निजी स्कूल की कमान, जल्द हो जाएगी मान्यता भी रद्द - Bhopal Private School Issue

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के एक प्राइवेट की कमान जिला शिक्षा अधिकारी को सौंप दी है. बता दें इस प्राइवेट स्कूल के शिक्षक ने मासूम बच्ची के साथ छेड़छाड़ कर दुष्कर्म करने की कोशिश की थी.

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 3 hours ago

BHOPAL PRIVATE SCHOOL ISSUE
मोहन सरकार के हाथ में निजी स्कूल की कमान (ETV Bharat)

भोपाल: राजधानी भोपाल के कमला नगर इलाके में स्थित एक प्राइवेट स्कूल में आईटी टीचर रेहान ने छेड़छाड़ करते हुए दुष्कर्म करने की कोशिश की थी. इस मामले में पुलिस ने आरोपी टीचर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. इसके बावजूद लोगों का गुस्सा शांत नहीं हो रहा है. लोग इस स्कूल की मान्यता रद्द करने की मांग कर रहे थे. हालांकि कलेक्टर ने इसमें पढ़ रहे बच्चों के भविष्य को देखते हुए स्कूल संचालन की जिम्मेदारी जिला शिक्षा अधिकारी नरेंद्र कुमार अहिरवार को सौंपी है.

कलेक्टर ने रिपोर्ट देखने के बाद लिया फैसला

बता दें कि घटना सामने आने के बाद स्कूल को सील कर दिया गया था. इस मामले की जांच करने के लिए दो टीमें बनाई गई थी. जांच कमेटी की रिपोर्ट को देखकर कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने स्कूल का संचालन डीईओ से कराने के लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा है. पहली जांच रिपोर्ट में स्कूल में पढ़ने वाली बच्चियों की सुरक्षा को लेकर बड़ी लापरवाही सामने आई है. वहीं दूसरी जांच रिपोर्ट में स्कूल के संचालन के संबंध में रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपी गई है.

मोहन सरकार के हाथ में निजी स्कूल की कमान (ETV Bharat)

सरकारी हाथ में निजी स्कूल की कमान

जिला शिक्षा अधिकारी नरेंद्र कुमार अहिरवार ने बताया कि 'भोपाल में ऐसा पहली बार हो रहा है, जब किसी प्राईवेट स्कूल की कमान सरकारी हाथों में सौंपी गई है. हालांकि डीईओ अहिरवार का कहना है कि नियम ऐसा है, कि विशेष परिस्थितियों में जिन स्कूल के संचालन का जिम्मा सरकार को सौंपा जा सकता है. अब जल्द ही वहां किसी सरकारी स्कूल के प्राचार्य को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी. इसके पहले प्रबंधन से भी चर्चा की जाएगी, फिर बच्चों के लिए स्कूल खोल दिया जाएगा.'

यहां पढ़ें...

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अगले साल से रद्द होगी मान्यता

डीईओ ने बताया कि वर्तमान शैक्षणिक सत्र में इस स्कूल में 324 बच्चे पढ़ रहे हैं. वहीं इनमें 79 बच्चे ऐसे हैं, जिन्होंने आरटीई के तहत एडमिशन लिया है. यदि बीच सत्र में स्कूल की मान्यता रद्द करते हैं, तो बच्चों को दूसरे स्कूलों में एडमिशन मिलना मुश्किल होगा. इसीलिए बच्चों के भविष्य को देखते हुए वर्तमान सत्र में इसका संचालन किया जाएगा. हालांकि 2024-25 सत्र खत्म होने के बाद स्कूल में नए एडमिशन नहीं होंगे. इसकी मान्यता रद्द कर दी जाएगी.

भोपाल: राजधानी भोपाल के कमला नगर इलाके में स्थित एक प्राइवेट स्कूल में आईटी टीचर रेहान ने छेड़छाड़ करते हुए दुष्कर्म करने की कोशिश की थी. इस मामले में पुलिस ने आरोपी टीचर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. इसके बावजूद लोगों का गुस्सा शांत नहीं हो रहा है. लोग इस स्कूल की मान्यता रद्द करने की मांग कर रहे थे. हालांकि कलेक्टर ने इसमें पढ़ रहे बच्चों के भविष्य को देखते हुए स्कूल संचालन की जिम्मेदारी जिला शिक्षा अधिकारी नरेंद्र कुमार अहिरवार को सौंपी है.

कलेक्टर ने रिपोर्ट देखने के बाद लिया फैसला

बता दें कि घटना सामने आने के बाद स्कूल को सील कर दिया गया था. इस मामले की जांच करने के लिए दो टीमें बनाई गई थी. जांच कमेटी की रिपोर्ट को देखकर कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने स्कूल का संचालन डीईओ से कराने के लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा है. पहली जांच रिपोर्ट में स्कूल में पढ़ने वाली बच्चियों की सुरक्षा को लेकर बड़ी लापरवाही सामने आई है. वहीं दूसरी जांच रिपोर्ट में स्कूल के संचालन के संबंध में रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपी गई है.

मोहन सरकार के हाथ में निजी स्कूल की कमान (ETV Bharat)

सरकारी हाथ में निजी स्कूल की कमान

जिला शिक्षा अधिकारी नरेंद्र कुमार अहिरवार ने बताया कि 'भोपाल में ऐसा पहली बार हो रहा है, जब किसी प्राईवेट स्कूल की कमान सरकारी हाथों में सौंपी गई है. हालांकि डीईओ अहिरवार का कहना है कि नियम ऐसा है, कि विशेष परिस्थितियों में जिन स्कूल के संचालन का जिम्मा सरकार को सौंपा जा सकता है. अब जल्द ही वहां किसी सरकारी स्कूल के प्राचार्य को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी. इसके पहले प्रबंधन से भी चर्चा की जाएगी, फिर बच्चों के लिए स्कूल खोल दिया जाएगा.'

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अगले साल से रद्द होगी मान्यता

डीईओ ने बताया कि वर्तमान शैक्षणिक सत्र में इस स्कूल में 324 बच्चे पढ़ रहे हैं. वहीं इनमें 79 बच्चे ऐसे हैं, जिन्होंने आरटीई के तहत एडमिशन लिया है. यदि बीच सत्र में स्कूल की मान्यता रद्द करते हैं, तो बच्चों को दूसरे स्कूलों में एडमिशन मिलना मुश्किल होगा. इसीलिए बच्चों के भविष्य को देखते हुए वर्तमान सत्र में इसका संचालन किया जाएगा. हालांकि 2024-25 सत्र खत्म होने के बाद स्कूल में नए एडमिशन नहीं होंगे. इसकी मान्यता रद्द कर दी जाएगी.

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