भोपाल। नगर निगम भोपाल इस समय लोगों के घरों पर प्लस, माइनस और क्रॉस के निशान लगवा रहा है. इसके साथ ही घरों की लिस्टिंग की जा रही है. इसका डाटा एक रजिस्टर में कर्मचारी नोट कर रहे हैं, जिससे पता चल सके कि कितने घरों में प्लस, माइनस और क्रॉस के निशान लगाए गए हैं.
जोन क्रमांक एक में सर्वे शुरू
रहवासियों के घरों में प्लस, माइनस और क्रॉस लगाने का काम पहले चरण में जोन क्रमांक एक में शुरू किया गया है. इसमें अभी वार्ड क्रमांक 4 के 6 हजार घरों में सर्वे किया जा चुका है. इसमें 90 प्रतिशत घरों में प्लस और 10 प्रतिशत घरों में माइनस और क्रॉस के निशान लगाए गए हैं. अब माइनस और क्रॉस वाले घरों को चिन्हित करके रहवासियों की कॉउंसलिंग की जा रही है. जिससे सभी घर प्लस की श्रेणी में आ जाएं.
घरों पर प्लस-माइनस के निशान
शहर से शत प्रतिशत कचरा उठाने के लिए नगर निगम एक नवाचार करने जा रहा है. इसके तहत जोन स्तर पर घरों की लिस्टिंग की जा रही है. जो लोग गीला और सूखा कचरा अलग देते हैं उनके घरों पर प्लस और जो मिक्स कचरा देते हैं उनके घरों पर क्रास के निशान लगाए जा रहे हैं. वहीं जो लोग किसी कारण से डोर-टू-डोर कलेक्शन वाले वाहनों को कचरा नहीं देते उनके घरों पर माइनस के निशान लगाए जा रहे हैं.
पूरे शहर में इस व्यवस्था की होगी शुरुआत
अभी यह व्यवस्था जोन क्रमांक एक में आने वाले घरों से शुरु की गई है. यदि यह योजना सफल रही तो इसका पालन अन्य जोन में भी किया जाएगा. जोन क्रमांक एक के प्रभारी सहायक स्वास्थ्य अधिकारी रविकांत औदिच्य ने बताया कि "अभी शहर में अधिकतर लोग गीला-सूखा कचरा एक साथ दे रहे हैं. वहीं कई घरों से कचरा भी नहीं दिया जा रहा है. अब इन घरों की लिस्टिंग की जा रही है, जिससे पता चल सके कि शत प्रतिशत कचरा उठाने में परेशानी कहां आ रही है. इसके लिए जोन क्रमांक में स्थित सभी घरों का सर्वे किया जा रहा है, इसकी लिस्ट बनाई जा रही है."
कचरा वाहन के साथ जा रही सर्वे की टीम
जोन क्रमांक एक में शत प्रतिशत घरों से कचरा उठाने के लिए डोर-टू-डोर कलेक्शन वाहन के साथ एक टीम साथ में जा रही है. जो कचरा अलग-अलग देते हैं, उनका नाम लिस्ट में लिखने के बाद घर पर प्लस के निशान लगा रहे हैं. जो कचरा नहीं देते, उनके नाम अलग रजिस्टर में लिखकर घर के सामने माइनस के निशान लगा रहे हैं. इसी प्रकार मिक्स कचरा देने वाले घरों के सामने क्रास के निशान लगा रहे हैं.
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सुधार के लिए लोगों की करेंगे काउंसलिंग
जोन क्रमांक एक के सहायक स्वास्थ्य अधिकारी रविकांत औदिच्य ने बताया कि "जब हमारे पास मिक्स कचरा देने और नहीं देने वालों की लिस्ट तैयार हो जाएगी. तब उनके घरों पर जाकर मिलेंगे और उनकी काउंसलिंग करेंगे. डोर-टू-डोर कलेक्शन वाले वाहन को ही कचरा देने के लिए प्रेरित किया जाएगा. इस प्रक्रिया में एक महीने का समय लगेगा."