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अमानक दवाइयों की सप्लाई को लेकर मोहन यादव को लिखा पत्र, डॉक्टर्स फेडरेशन ने की जांच की मांग - MP Non Standard Medicines Supply

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 1, 2024, 7:36 PM IST

मध्य प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में 10 से ज्यादा अमानक दवाओं की सप्लाई पर डॉक्टर्स फेडरेशन ने नाराजगी जताते हुए सीएम डॉ मोहन यादव को पत्र लिखा है. इसमें कंपनियों और डायरेक्टर के खिलाफ एफआईआर समेत उच्च स्तरीय जांच की मांग की है.

MP NON STANDARD MEDICINES SUPPLY govt hospitals
सरकारी अस्पतालों में अमानक दवाइयों की सप्लाई का मामला (ETV Bharat)

भोपाल: मध्य प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में 10 से अधिक ऐसी अमानक दवाओं की सप्लाई हो रही है जो लैब टेस्टिंग में फेल हो चुकी हैं. इस मामले को लेकर मध्य प्रदेश शासकीय व स्वसाशी चिकित्सक महासंघ ने नाराजगी जताते हुए सीएम डॉ मोहन यादव को पत्र लिखा है. मध्य प्रदेश शासकीय स्वशासी चिकित्सक महासंघ ने मांग की है कि इस मामले में उच्च स्तरीय जांच के निर्देश तत्काल प्रदान किए जाएं. पत्र में इस बात का भी उल्लेख है कि ऐसी दवाओं के सरकारी अस्पताल में सप्लाई से मरीजों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है. ऐसी दवाओं से मरीजों के स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं होगा.

MP Govt Autonomous Doctors Federation written letter
अमानक दवाइयों की सरकारी अस्पतालों में सप्लाई की जांच को लेकर सीएम को लिखा पत्र (ETV Bharat)

कंपनियों और डायरेक्टर के खिलाफ एफआईआर की मांग

चिकित्सक महासंघ ने सीएम को लिखे पत्र में बताया है कि "मध्य प्रदेश मेडिकल कारपोरेशन भोपाल के संदर्भित पत्रों में शासकीय अस्पतालों में कार्यरत डाक्टर्स की शिकायत पर आईसीयू एवं आपरेशन के दौरान उपयोग की जाने वाली जीवन रक्षक 10 दवाओं को लैब जांच में अमानक पाया गया है. मध्य प्रदेश शासकीय स्वशासी चिकित्सक महासंघ मांग करता है कि मध्य प्रदेश में दवा निर्माता कंपनियों द्वारा शासकीय अस्पतालों में अमानक दवाइयां सप्लाई करने की स्थिति में आजीवन कारावास का कठोर दंड निर्धारित किया जाए. साथ ही वर्तमान प्रकरण में अमानक सप्लाई करने वाली कंपनी एवं उनके डायरेक्टर पर तत्काल एफआईआर दर्ज की जाए."

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ओआरएस समेत ऑपरेशन और आईसीयू की दवाएं अमानक

चिकित्सक संघ ने पत्र में उल्लेख किया है कि "विगत दिनों में लगातार दवाओं के अमानक पाए जाने पर ऐसा प्रतीत होता है कि निर्माता कंपनियों पर गुणवत्तापूर्ण दवाइयां निर्मित करने का कोई नियंत्रण नहीं है. यह गंभीर चिंता का विषय है कि 10 जीवन रक्षक दवाओं का अमानक पाया जाना मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ है. मध्यप्रदेश शासकीय व स्वसााशी चिकित्सक संघ का आरोप है कि ओआरएस जैसे सामग्री के अमानक पाए जाने से दस्त एवं डायरिया से ग्रस्त बच्चों का इलाज प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुआ है. हमारे चिकित्सकों द्वारा गंभीर मरीजों के उपचार में इन दवाओं का उपयोग किए जाने पर मरीजों पर दवा का असर न होना पाया गया है."

भोपाल: मध्य प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में 10 से अधिक ऐसी अमानक दवाओं की सप्लाई हो रही है जो लैब टेस्टिंग में फेल हो चुकी हैं. इस मामले को लेकर मध्य प्रदेश शासकीय व स्वसाशी चिकित्सक महासंघ ने नाराजगी जताते हुए सीएम डॉ मोहन यादव को पत्र लिखा है. मध्य प्रदेश शासकीय स्वशासी चिकित्सक महासंघ ने मांग की है कि इस मामले में उच्च स्तरीय जांच के निर्देश तत्काल प्रदान किए जाएं. पत्र में इस बात का भी उल्लेख है कि ऐसी दवाओं के सरकारी अस्पताल में सप्लाई से मरीजों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है. ऐसी दवाओं से मरीजों के स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं होगा.

MP Govt Autonomous Doctors Federation written letter
अमानक दवाइयों की सरकारी अस्पतालों में सप्लाई की जांच को लेकर सीएम को लिखा पत्र (ETV Bharat)

कंपनियों और डायरेक्टर के खिलाफ एफआईआर की मांग

चिकित्सक महासंघ ने सीएम को लिखे पत्र में बताया है कि "मध्य प्रदेश मेडिकल कारपोरेशन भोपाल के संदर्भित पत्रों में शासकीय अस्पतालों में कार्यरत डाक्टर्स की शिकायत पर आईसीयू एवं आपरेशन के दौरान उपयोग की जाने वाली जीवन रक्षक 10 दवाओं को लैब जांच में अमानक पाया गया है. मध्य प्रदेश शासकीय स्वशासी चिकित्सक महासंघ मांग करता है कि मध्य प्रदेश में दवा निर्माता कंपनियों द्वारा शासकीय अस्पतालों में अमानक दवाइयां सप्लाई करने की स्थिति में आजीवन कारावास का कठोर दंड निर्धारित किया जाए. साथ ही वर्तमान प्रकरण में अमानक सप्लाई करने वाली कंपनी एवं उनके डायरेक्टर पर तत्काल एफआईआर दर्ज की जाए."

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चिकित्सक संघ ने पत्र में उल्लेख किया है कि "विगत दिनों में लगातार दवाओं के अमानक पाए जाने पर ऐसा प्रतीत होता है कि निर्माता कंपनियों पर गुणवत्तापूर्ण दवाइयां निर्मित करने का कोई नियंत्रण नहीं है. यह गंभीर चिंता का विषय है कि 10 जीवन रक्षक दवाओं का अमानक पाया जाना मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ है. मध्यप्रदेश शासकीय व स्वसााशी चिकित्सक संघ का आरोप है कि ओआरएस जैसे सामग्री के अमानक पाए जाने से दस्त एवं डायरिया से ग्रस्त बच्चों का इलाज प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुआ है. हमारे चिकित्सकों द्वारा गंभीर मरीजों के उपचार में इन दवाओं का उपयोग किए जाने पर मरीजों पर दवा का असर न होना पाया गया है."

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