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भोपाल शहर में कचरे की पहरेदारी, रात में कचरा फेंका तो देना होगा भारी जुर्माना - Night Monitoring Garbage Throwers

भोपाल शहर में रात में चोरी छिपे कचरा फेंकने वालों की अब खैर नहीं. नगर निगम ने कचरा फेंकने वालों के लिए पहरेदारों की व्यवस्था की है. कुछ सफाई कर्मियों की रात में ड्यूटी लगाई जा रही है जो कचरा फेंकने वालों की निगरानी करेंगे और पकड़े जाने पर मौके पर ही स्पॉट फाइन देना होगा.

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 2, 2024, 6:48 PM IST

Night Monitoring of Garbage Throwers
भोपाल में रात में कचरा फेंकने वालों की निगरानी (ETV Bharat)

भोपाल। नगरीय निकायों के लिए कचरे का शत-प्रतिशत निस्तारण करना एक बड़ी समस्या है लेकिन इससे भी बड़ी समस्या लोगों द्वारा खुले स्थानों पर कचरा फेंकना बन गया है. कई लोग नगर निगम की डोर टू डोर कलेक्शन वाहनों को कचरा देने के बजाय गली-मोहल्ले या सार्वजनिक स्थान पर रात में कहीं भी कचरा फेंक देते हैं. जिससे आसपास स्थाई कूड़ाघर बन जाता है. अब इससे निपटने के लिए नगर निगम भोपाल ने रात में कचरा फेंकने वालों की पहरेदारी शुरू कर दी है.

पूरी रात गली-मोहल्लों में पहरा दे रहे सफाईकर्मी

शहर में करीब 10 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो नगर निगम के डोर टू डोर कलेक्शन वाहनों को कचरा नहीं देते हैं. बल्कि ये रात या सुबह के समय मौका मिलते ही कहीं भी खुले स्थान पर फेंक देते हैं. इसी प्रकार डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन और रोड स्वीपिंग के दौरान निकलने वाला मिक्स कचरा ट्रांसफर स्टेशनों पर नहीं लिया जा रहा. कर्मचारी मजबूरी में इस मिक्स कचरे को ले लेते हैं लेकिन रात के अंधेरे में आसपास के वार्डों में वे भी इसे फेंक रहे हैं. अब इस समस्या से निपटने के लिए सफाईकर्मियों की रात में भी ड्यूटी लगाई गई है. जिससे वो अपने-अपने क्षेत्रों की मॉनिटरिंग कर सकें.

रात 2 बजे ट्रैक्टर से मलबा फेंकने वालों को पकड़ा

जोन क्रमांक 12 के वार्ड 43 में बीते 28 मई की रात 2 बजे एक ट्रैक्टर जिंसी स्थित स्लाटर हाउस के पास कचरा फेंक रहा था. जिसे वार्ड 43 के सुपरवाईजर शुभम मेहरोलिया ने देखा तो उसने वार्ड के दरोगा वीरेंद्र श्रवण को बुला लिया. इसके बाद दोनों ने मिलकर ट्रैक्टर का पीछा किया और उसे पकड़कर 10 हजार रुपये का स्पाट फाइन भी लगाया. जब यह बात नगर निगम आयुक्त हरेंद्र नारायण को पता चली तो उन्होंने वार्ड के दरोगा और सुपरवाइजर को बुलाकर सम्मानित किया.

पुराने शहर में सबसे अधिक परेशानी

पुराने शहर के मछली मार्केट के बाहर नगर निगम के कर्मचारी रातभर पहरा दे रहे हैं. उनकी नजर दूसरे इलाकों के कचरा वाहनों पर भी है. वहीं करोंद सब्जी मण्डी में भी दो कर्मचारी रात में गश्त कर रहे हैं. ऐसे शहर के सभी 85 वार्डों में किसी न किसी पाईंट पर नगर निगम के कर्मचारियों को रात के समय पहरा देना पड़ रहा है. ताकि कोई आसपास के इलाकों का कचरा यहां न फेंक जाए. पुराने शहर के कुछ इलाकों सहित बैरागढ़ और नए शहर के 10 नंबर मार्केट में यह बड़ी समस्या है.

ये भी पढ़ें:

नगर निगम भोपाल की सराहनीय पहल, इस तरह गोवंश के लिए खाना इकठ्ठा कर रहे कचरा वाहन

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शहर से रोजाना निकलता है 800 मैट्रिक टन

नगर निगम भोपाल के आयुक्त हरेंद्र नारायण ने बताया कि "वर्तमान में पूरे शहर से रोजाना 800 मीट्रिक टन कचरा निकल रहा है. जिसे शहर के अलग-अलग इलाकों में बने 12 गार्बेज ट्रांसफर स्टेशनों पर भेजा जा रहा है. इसके बाद हुकलोडर में भरकर इस कचरे को आदमपुर छावनी स्थित लैण्डफिल साईट भेजा जाता है. इसके बावजूद लोग खुले में कचरा फेंक रहे हैं."

भोपाल। नगरीय निकायों के लिए कचरे का शत-प्रतिशत निस्तारण करना एक बड़ी समस्या है लेकिन इससे भी बड़ी समस्या लोगों द्वारा खुले स्थानों पर कचरा फेंकना बन गया है. कई लोग नगर निगम की डोर टू डोर कलेक्शन वाहनों को कचरा देने के बजाय गली-मोहल्ले या सार्वजनिक स्थान पर रात में कहीं भी कचरा फेंक देते हैं. जिससे आसपास स्थाई कूड़ाघर बन जाता है. अब इससे निपटने के लिए नगर निगम भोपाल ने रात में कचरा फेंकने वालों की पहरेदारी शुरू कर दी है.

पूरी रात गली-मोहल्लों में पहरा दे रहे सफाईकर्मी

शहर में करीब 10 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो नगर निगम के डोर टू डोर कलेक्शन वाहनों को कचरा नहीं देते हैं. बल्कि ये रात या सुबह के समय मौका मिलते ही कहीं भी खुले स्थान पर फेंक देते हैं. इसी प्रकार डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन और रोड स्वीपिंग के दौरान निकलने वाला मिक्स कचरा ट्रांसफर स्टेशनों पर नहीं लिया जा रहा. कर्मचारी मजबूरी में इस मिक्स कचरे को ले लेते हैं लेकिन रात के अंधेरे में आसपास के वार्डों में वे भी इसे फेंक रहे हैं. अब इस समस्या से निपटने के लिए सफाईकर्मियों की रात में भी ड्यूटी लगाई गई है. जिससे वो अपने-अपने क्षेत्रों की मॉनिटरिंग कर सकें.

रात 2 बजे ट्रैक्टर से मलबा फेंकने वालों को पकड़ा

जोन क्रमांक 12 के वार्ड 43 में बीते 28 मई की रात 2 बजे एक ट्रैक्टर जिंसी स्थित स्लाटर हाउस के पास कचरा फेंक रहा था. जिसे वार्ड 43 के सुपरवाईजर शुभम मेहरोलिया ने देखा तो उसने वार्ड के दरोगा वीरेंद्र श्रवण को बुला लिया. इसके बाद दोनों ने मिलकर ट्रैक्टर का पीछा किया और उसे पकड़कर 10 हजार रुपये का स्पाट फाइन भी लगाया. जब यह बात नगर निगम आयुक्त हरेंद्र नारायण को पता चली तो उन्होंने वार्ड के दरोगा और सुपरवाइजर को बुलाकर सम्मानित किया.

पुराने शहर में सबसे अधिक परेशानी

पुराने शहर के मछली मार्केट के बाहर नगर निगम के कर्मचारी रातभर पहरा दे रहे हैं. उनकी नजर दूसरे इलाकों के कचरा वाहनों पर भी है. वहीं करोंद सब्जी मण्डी में भी दो कर्मचारी रात में गश्त कर रहे हैं. ऐसे शहर के सभी 85 वार्डों में किसी न किसी पाईंट पर नगर निगम के कर्मचारियों को रात के समय पहरा देना पड़ रहा है. ताकि कोई आसपास के इलाकों का कचरा यहां न फेंक जाए. पुराने शहर के कुछ इलाकों सहित बैरागढ़ और नए शहर के 10 नंबर मार्केट में यह बड़ी समस्या है.

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शहर से रोजाना निकलता है 800 मैट्रिक टन

नगर निगम भोपाल के आयुक्त हरेंद्र नारायण ने बताया कि "वर्तमान में पूरे शहर से रोजाना 800 मीट्रिक टन कचरा निकल रहा है. जिसे शहर के अलग-अलग इलाकों में बने 12 गार्बेज ट्रांसफर स्टेशनों पर भेजा जा रहा है. इसके बाद हुकलोडर में भरकर इस कचरे को आदमपुर छावनी स्थित लैण्डफिल साईट भेजा जाता है. इसके बावजूद लोग खुले में कचरा फेंक रहे हैं."

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